जेवर एयरपोर्ट की साइट का पहला प्रोजेक्ट पूरा, 19 करोड़ रुपये में हुए ये सभी कार्य, अंग्रेजों के जमाने के रजवाहे भी ट्रांसफर

आज की बड़ी खबर : जेवर एयरपोर्ट की साइट का पहला प्रोजेक्ट पूरा, 19 करोड़ रुपये में हुए ये सभी कार्य, अंग्रेजों के जमाने के रजवाहे भी ट्रांसफर

जेवर एयरपोर्ट की साइट का पहला प्रोजेक्ट पूरा, 19 करोड़ रुपये में हुए ये सभी कार्य, अंग्रेजों के जमाने के रजवाहे भी ट्रांसफर

Tricity Today | Jewar Airport

Greater Noida/Jewar Airport News : जेवर एयरपोर्ट की साइट का पहला प्रोजेक्ट पूरा हो गया। परियोजना की जद में आए अंग्रेजों के जमाने के बाजौता रजवाहे को स्थानांतरित किया गया। 19 करोड़ रुपये खर्च करके शिफ्ट किए गए भाग को पक्का बनाया गया है। इसके अलावा हेड रेगुलेटर और क्रास रेगुलेटर का निर्माण भी कर लिया गया। सिंचाई विभाग ने इस काम को समय से पूरा कर लिया है।

1334 हेक्टेयर में मूर्त रूप लिया
जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में मूर्त रूप ले रहा है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि कंपनी इसको बना रही है। साइट पर चारदीवारी और समतलीकरण समेत तमाम काम चल रहे हैं। जल्द ही रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग का काम शुरू किया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट की परियाजना में नाला, रजवाहा, माइनर आदि आ गई हैं। इनको भी शिफ्ट करने का काम चल रहा है। इसमें से पहला काम पूरा हो गया है। 23 किलोमीटर लंबे बाजौता रजवाहे का 700 मीटर का हिस्सा जेवर एयरपोर्ट की परियोजना में आ गया था। इसको शिफ़्ट करने का जिम्मा सिंचाई विभाग को दिया गया था। सिंचाई विभाग ने इस काम को समय पर पूरा कर लिया है। इस काम में करीब 19 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

ये काम किए गए
एयरपोर्ट परियोजना में करीब बाजौता माइनर का करीब 700 मीटर हिस्सा आ गया था। इसको स्थानांतरित कर दिया गया है। 700 मीटर का यह हिस्सा पहले कच्चा था और इसे पक्का कर दिया गया है। यह रजवाहा दयानतपुर से शुरू होता, यहीं पर इसे जोड़ा गया है। इसके अलावा हेड रेगुलेटर व क्रास रेगुलेटर का नया निर्माण किया गया है। इसके अलावा सिवारा से रामनेर तक 6 किलोमीटर पक्की सड़क बनाई जा रही है।

ये माइनर हुए खत्म
जेवर एयरपोर्ट की परियोजना में आई दो माइनर खत्म हो गई हैं। इसमें 4.8 किलोमीटर लंबी किशोरपुर माइनर और1.35 किलोमीटर लंबी दयानतपुर माइनर शामिल है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इन दोनों का अस्तित्व अब समाप्त हो गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अभी और नाले और माइनर को शिफ़्टिंग का काम चल रहा है।

68 पेड़ों का हुआ ट्रांसप्लांट
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण जीरो कार्बन उत्सर्जन के मंत्र पर किया जा रहा है। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के लिए दयानतपुर, किशोरपुर, बनबारीवास, रन्हेरा, रोही व पारोही गांव की 1334 हेक्टेयर जमीन ली गई है। इस परियोजना के लिए 11 हजार पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से पहले मिल चुकी है। इसके बदले 10 गुना पौधे लगाए जाने हैं। इसमें से काफी पौधे लगाए जा चुके हैं। स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने नई पहल की है। जो पेड़ ट्रांसप्लांट के जरिये दूसरी जगह स्थानांतरित किए जा सकते हैं, उन्हें किया जा रहा है। अब तक 68 पेड़ों को दूसरी जगह लगाया गया है।

एयरपोर्ट की 17 किमी की चारदीवारी का काम जोरों पर
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण की चारदीवारी करीब 17 किलोमीटर है। चारदीवारी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसमें काफी काम पूरा हो गया है। कुछ जगह चारदीवारी सीधी नहीं थी। उसका सीधा करने के लिए किसानों से और जमीन खरीदी गई। अब चारदीवारी सीधी हो गई है। इसका काम भी बहुत जल्द पूरा होने वाला है।

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