किसानों और अफसरों की पहले दौर की वार्ता विफल, सुबह फिर बातचीत होगी

ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामला Update: किसानों और अफसरों की पहले दौर की वार्ता विफल, सुबह फिर बातचीत होगी

किसानों और अफसरों की पहले दौर की वार्ता विफल, सुबह फिर बातचीत होगी

Tricity Today | किसानों और अफसरों की पहले दौर की वार्ता

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से जुड़े बैकलीज मामले को लेकर धरने पर बैठे किसानों और अधिकारियों के बीच चल रही पहले दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। करीब डेढ़ घंटा चली वार्ता में किसानों ने दो टूक एक मांग रखी। किसानों का कहना है कि जब तक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट और सिफारिशों को रद्द नहीं किया जाएगा, धरना समाप्त नहीं करेंगे। दूसरी ओर जानकारी मिली है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने किसानों को आश्वासन दिया कि यह मामला बुधवार को होने वाली प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। बोर्ड इस मसले पर फैसला लेगा। उन्होंने किसानों से धरना खत्म करने की अपील की, लेकिन किसानों ने आश्वासन के आधार पर धरना खत्म करने से इंकार कर दिया है। अब मंगलवार की सुबह एक बार फिर किसानों का प्रतिनिधिमंडल और अफसर मिलेंगे।

आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से जुड़े जमीनों के बैकलीज मामले को लेकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी सिफारिशें सौंपी हैं। जिनमें लीजबैक के साथ-साथ 6 फ़ीसदी आवासीय भूखंडों के आवंटन को अवैधानिक करार दिया है। एसआईटी ने लाभ हासिल करने वाले किसानों को आवासीय भूखंडों का आवंटन और आरक्षण खत्म करने की सिफारिश की है। 

इस रिपोर्ट के खिलाफ करीब 2 सप्ताह से ग्रेटर नोएडा में 40 गांवों के किसान आंदोलनरत हैं। पिछले 2 सप्ताह से किसान सेवा समिति के बैनर तले पंचायतों का दौर चल रहा था। किसानों ने 28 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्यालय पर धरना देने का ऐलान किया था। पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक सोमवार की सुबह भारी संख्या में किसान और महिलाएं प्राधिकरण के कार्यालय पहुंच गए। किसानों ने विकास प्राधिकरण, शासन और एसआईटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद धरना शुरू कर दिया। किसानों ने ऐलान कर दिया कि जब तक एसआईटी की रिपोर्ट खारिज नहीं कर दी जाएगी, धरना जारी रहेगा। 

सीएम तक पहुंचा मामला तो आधी रात पहुंचे अफसर : दिन में विकास प्राधिकरण की ओर से बातचीत का प्रयास किया गया, लेकिन किसानों और अफसरों के बीच वार्ता नहीं हो पाई। अंततः मामला लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया और किसानों से बातचीत करने का आदेश दिया। जिसके बाद सोमवार की आधी रात नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण , गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह और जिलाधिकारी सुहास एलवाई प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। किसानों को किसी तरह बातचीत करने के लिए मनाया गया। हालांकि, किसान रात में प्राधिकरण कार्यालय में जाकर बातचीत करना नहीं चाहते थे। किसानों का कहना था कि रात में अगर बात होगी तो धरना स्थल पर होगी और रात में धरना किसी भी सूरत में खत्म नहीं किया जाएगा। करीब डेढ़ घंटे में पहले दौर की बातचीत खत्म हुई। कोई नतीजा नहीं निकल पाया। एक बार फिर सुबह बातचीत होगी। प्राधिकरण सीईओ ने आश्वासन के आधार पर धरना खत्म करने की बात कही। किसानों ने कहा बुधवार को बोर्ड बैठक में एसआईटी खारिज होने के बाद धरना खत्म करेंगे।

डेढ़ घंटे चली बातचीत में पूरे मुद्दे पर लंबी बहस हुई : सीईओ, पुलिस कमिश्नर और डीएम रात करीब 11:45 बजे विकास प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचे। इसके बाद 12:00 बजे से बातचीत का दौर शुरू हुआ। रात 1:30 बजे तक वार्ता तक चलती रही। इस दौरान भूमि अधिग्रहण से लेकर लीजबैक तक की प्रक्रिया पर दोनों ओर से लंबे तर्क वितर्क हुए। जानकारी मिली है कि किसानों की बातों से अफसर सहमत हुए हैं, लेकिन सीईओ नरेंद्र भूषण ने किसानों की मांग पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। किसान एसआईटी की रिपोर्ट को खारिज करने के अलावा किसी दूसरे विकल्प पर बात करना नहीं चाहते हैं। दूसरी ओर नरेंद्र भूषण ने इसे शासन के पाले में डाल दिया है।

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