अब बिल्डर के खिलाफ शिकायत लेकर धक्के खाने की जरूरत नहीं, घर बैठे होगी सुनवाई

फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी खबर : अब बिल्डर के खिलाफ शिकायत लेकर धक्के खाने की जरूरत नहीं, घर बैठे होगी सुनवाई

अब बिल्डर के खिलाफ शिकायत लेकर धक्के खाने की जरूरत नहीं, घर बैठे होगी सुनवाई

Tricity Today | Symbolic

Greater Noida/Lucknow : उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (UP RERA) ने गुरुवार को फ्लैट खरीदारों की 21 शिकायतों की ऑनलाइन सुनवाई की है। यूपी रेरा ने लखनऊ, वाराणसी, मथुरा और आगरा सहित कई अन्य जिलों में स्थित परियोजनाओं के प्रोमोटर्स के खिलाफ 21 शिकायतों पर सुनवाई की। आने वाले माह की विभिन्न तिथियों पर रेरा की पीठ (बेंच) ऑनलाइन सुनवाई करेंगी। जिसके लिए सार्वजनिक सूचना जारी की गई है। कुल मिलाकर अब फ्लैट खरीदारों को बिल्डरों के खिलाफ शिकायत लेकर धक्के खाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे सुनवाई होगी। इतना ही नहीं अगर बिल्डर सुनवाई में शामिल नहीं होंगे तो उनके खिलाफ एक तरफा फैसला सुनाया जा सकता है।

इन कंपनियों के खिलाफ हुई सुनवाई
गुरुवार को सुनी गई शिकायतें एफटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड, वसुंधरा लोटस इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, आशियाना इंफ्राप्रोमोटर्स प्राइवेट लिमिटे., मान्या इंफ्रा बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड, एसजेपी ग्लोबल लिमिटेड, वांशिका ग्रुप, ब्लू हॉर्स बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, बसेरा हाऊसिंग, लक्ष्य रियलइंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, श्री बांके बिहारी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड और श्री ओम इंफ्रा लैंड्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। इनकी सुनवाई दिसम्बर 2023 से मई 2024 के मध्य निर्धारित की गई है।

कैसे मिलती है ऑनलाइन सुनवाई की जानकारी
ई-कोर्ट के माध्यम से सुनवाई में जुड़ने के लिए पक्षकारों को नियत तिथि से 2 दिन पहले रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर और ई-मेल आईडी पर लिंक भेज दिया जाएगा। जिस पर क्लिक करके पक्षकार किसी भी स्थान से सुनवाई में जुड़ सकते हैं। आपको बता दें कि यूपी रेरा ई-कोर्ट मॉडल के तहत घर खरीदारों की शिकायतों की सुनवाई ऑनलाइन कर रहा हैं। जिसमें किसी भी पक्ष को रेरा के कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है।

बिल्डर हाजिर नहीं होगा तो एक तरफा फैसला
यदि प्रोमोटर इस सार्वजनिक सूचना के बाद भी सुनवाई में उपस्थित नहीं होते हैं तो रेरा अधिनियम के प्राविधानों के तहत पीठ शिकायतकर्ता या आवंटियों के हितों का ध्यान रखते हुए एक तरफा फैसला देगा। जिसके जिम्मेदार स्वयं प्रोमोटर होंगे।

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