जेवर एयरपोर्ट के पास बना समुद्र, पंप से निकाला पानी वापस आया, ग्रामीणों से मांगी नाव, Video

ग्रेटर नोएडा के रन्हेरा गांव में बाढ़ : जेवर एयरपोर्ट के पास बना समुद्र, पंप से निकाला पानी वापस आया, ग्रामीणों से मांगी नाव, Video

जेवर एयरपोर्ट के पास बना समुद्र, पंप से निकाला पानी वापस आया, ग्रामीणों से मांगी नाव, Video

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा के रन्हेरा गांव में बाढ़

Greater Noida News : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रभावित रन्हेरा गांव में बाढ़ आ गई है। वहां के हालात लगातार बेकार होते जा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ का जो पानी पंप के माध्यम से निकाला जा रहा है, वह वापस गांव में वापस आ रहा है। इस तरीके से हालत ज्यादा खराब होते जा रहे हैं। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ ग्रामीणों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। पिछले करीब 16 दिनों से ग्रामीण परेशानी झेल रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
 
"कृपया नाव ही भेज दें"
ग्रामीणों ने वीडियो जारी करके अपना गुस्सा जाहिर किया है। ग्रामीणों का कहना है, "अब अगर अधिकारियों से कुछ नहीं हो पा रहा है तो वह कृपया नाव ही भेज दें। कम से कम हम नाव के सहारे एक-दूसरे स्थान पर तो जा सकते हैं। बाकी तो आपके सहारे अब जीना बेकार है।" पिछले काफी दिनों से गांव में पानी लगातार भरत जा रहा है। सैकड़ों लोगों ने गांव छोड़ दिया है।


गांव का 80 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूबा
गांव के किसान बृजपाल का कहना है कि गांव के हालात पिछले काफी दिनों से खराब हैं, हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मीडिया में खबर चलने के बाद एडीएम और एसडीएम गांव के बाहरी तरफ ऊंचाई पर कैंप लगाया है। पंप के द्वारा पानी का निकाला जा रहा है, लेकिन यह नाकाफी है। गांव के 80 प्रतिशत हिस्से में पानी पहुंच चुका है और लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हैं। सैकड़ों घरों में ताले लगे हुए हैं। ना तो बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं और ना ही लोग काम पर निकल पा रहे हैं। गांव की हालत बद से बदतर हो गई है।

गांव के लोग पलायन को मजबूर 
जेवर का रन्हेरा गांव नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण में आता है। रन्हेरा गांव का अधिग्रहण होना है, लेकिन उससे पहले ही गांव की हालत खराब हो गई है। पहले बारिश और फिर नालों के साथ नहरों का पानी गांव के अंदर पहुंच गया है। इस वजह से पूरा गांव प्रभावित है। गांव की हालत ऐसी है कि लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं और कई लोग गांव से अपने रिश्तेदारों या दूसरे गांवों में पलायन कर गए हैं। नालों और बारिश का पानी घरों के अंदर घुस गया है, जिससे ग्रामीणों का अनाज और दूसरा सामान भी खराब हो गया है।

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