Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र के दिग्गज नेता महेंद्र सिंह भाटी (Mahendra Singh Bhati) हत्याकांड मामले में नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High court) ने प्रणीत भाटी को निर्दोष घोषित कर दिया है। बुधवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला लिया है। मर्डर केस में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सबूतों के अभाव में प्रणीत भाटी को बाइज्जत बरी कर दिया है। इस मामले में बाहुबली डीपी यादव को हाई कोर्ट पहले ही बरी कर चुका है। प्रणीत के अलावा उनके पिता और भाई भी भाजपा में जिलाध्यक्ष रह चुके है। उसके बाद प्रदेश महामंत्री किसान मोर्चा का दायित्व संभाल चुके हैं।
क्या था मामला
दादरी में 13 सितंबर 1992 को विधायक महेंद्र सिंह भाटी कार में सवार होकर नोएडा जाने के लिए निकले थे। इस दौरान उनके साथ गनर महेंद्र सिंह कौशिक और कार चालक देवेंद्र थे। वह थोड़ा आगे चले तो दोस्त उदय आर्य उनके साथ कार में रेलवे रोड तिराहे से बैठ गया। जैसे ही मारुति-800 कार दादरी की रेलवे क्रासिंग पर पहुंची तो पहले से मौजूद आधा दर्जन हमलावरों ने एके-47 से अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। कार में सवार महेंद्र सिंह भाटी और उदय आर्य की गोलियां लगने से मौत हो गई थी। हत्याकांड में डीपी यादव, दादरी निवासी भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रणीत भाटी, करण यादव और पाला सिंह को आरोपी बनाया गया था।
एके-47 से हुई थी हत्या
13 सितंबर 1992 को हुई उस घटना ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया। अपराध और राजनीति के घालमेल की कलई खोलकर रख दी थी। एक विधायक की हत्या हुई थी। इस हत्या में एके-47 इस्तेमाल की गई थी। जिस समय महेंद्र सिंह भाटी की हत्या के समय डीपी यादव बुलन्दशहर के तत्कालीन विधायक थे। आपको बता दें कि महेंद्र सिंह भाटी और डीपी यादव में बहुत ही गहरा रिश्ता था। महेंद्र सिंह भाटी, डीपी यादव के राजनीतिक गुरू थे।