पूर्व चेयरमैन ने की थी CBI जांच की मांग, अब पुलिस के हाथ में अफसरों को जेल भेजने की जिम्मेदारी

यमुना प्राधिकरण भूमि अधिग्रहण घोटाला : पूर्व चेयरमैन ने की थी CBI जांच की मांग, अब पुलिस के हाथ में अफसरों को जेल भेजने की जिम्मेदारी

पूर्व चेयरमैन ने की थी CBI जांच की मांग, अब पुलिस के हाथ में अफसरों को जेल भेजने की जिम्मेदारी

Tricity Today | पूर्व चेयरमैन ने की थी CBI जांच की मांग

Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) में मास्टर प्लान से बाहर खरीदी गई जमीन की जांच पूरी हो गई है। इस जांच में कई बड़े आईएएस अधिकारी, उनके रिश्तेदार और नेता शामिल पाए गए हैं। हाथरस, जहांगीरपुर और मथुरा समेत अन्य स्थानों पर खरीदी गजमीन की जांच पड़ताल में भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर हुए हैं। यह खुलासा हुआ है कि यमुना प्राधिकरण में विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों के नाम भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं। 

जरुरत से ज्यादा खरीदी जमीन
जांच के दौरान पाया गया कि यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों से जमीन को कम दामों पर खरीदवाकर बाद में उसे चार गुना अधिक कीमत पर प्राधिकरण को बेच दिया। विशेषकर जहांगीरपुर में 765 KVA के बिजलीघर के लिए आवश्यकता से अधिक जमीन खरीदी गई, जिसका सात प्रतिशत हिस्सा अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों को दे दिया। इस जांच में कई बड़े आईएएस अधिकारियों, उनके रिश्तेदारों और नेताओं के नाम सामने आए हैं। 

CBI जांच की मांग हुई थी
यमुना प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन प्रभात कुमार ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इस 3000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच CBI से कराने की मांग की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा, जिसके आधार पर CBI ने यमुना प्राधिकरण पहुंचकर दस्तावेज जुटाए। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है, लेकिन गौतमबुद्ध नगर पुलिस की जांच जारी है।

कई बड़े खुलासे होंगे
इस घोटाले की जांच में धीरे-धीरे कई बड़े अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। जनता अब उम्मीद कर रही है कि इस मामले में जल्द ही न्याय होगा और दोषियों को सजा मिलेगी। इस घटना ने यमुना प्राधिकरण के कार्यप्रणाली और उसके अधिकारियों की निष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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