ग्रेटर नोएडा गौशाला मामले में चार गिरफ्तार, वरिष्ठ प्रबंधक और पशु चिकित्सक को जमानत

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ग्रेटर नोएडा गौशाला मामले में चार गिरफ्तार, वरिष्ठ प्रबंधक और पशु चिकित्सक को जमानत

Tricity Today | Jalpura Gaushala

ग्रेटर नोएडा की जलपुरा गौशाला में गायों की मौत के मामले में पुलिस ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक रमेश चंद्र और पशु चिकित्सक डॉ.प्रेमचंद समेत 4 लोगों को रविवार की दोपहर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सभी को अदालत में पेश किया। जहां से वरिष्ठ प्रबंधक रमेश चंद्र, पशु चिकित्सक डॉ. प्रेमचंद को जमानत मिल गई, जबकि गौशाला के सुपरवाइजर समेत दो कर्मचारियों को अदालत ने जेल भेज दिया है। 

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी की ओर से जलपुरा गौशाला में गायों की मौत के मामले में सेक्टर ईकोटेक-3 में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें गौशाला पर्यवेक्षण अधिकारी और वरिष्ठ प्रबन्धक रमेश चन्द्र, पशु चिकित्सक डॉ.प्रेमचंद, सुपरवाइजर शीतल प्रकाश और कंपाउडर सतेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। ईकोटेक थाना प्रभारी भुवनेशवर कुमार ने बताया कि ओएसडी की ओर से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया। सभी को अदालत में पेश किया गया। आरोपियों के वकील एवं बार एसोशिएशन के अध्यक्ष मनोज भाटी बोडाकी ने बताया कि अदालत ने रमेश चंद व पशु डॉ. प्रेमचंद का अंतरिम जमानत दे दी है। इनकी 6 अप्रैल को सुनवाई होगी। जबकि शीतल प्रसाद व सतेंद्र को जेल भेज दिया गया है। 

गौशाला में चारे की कमी से हुई मौत

जलपुरा गौशाला में चारे की कमी से गोवंश की मौतें हुई हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है वहां तैनात कर्मचारी पशु चारे को हड़प लेते थे। इसके चलते चारे की कमी हो जाती थी। इससे गोवंश की मौत हुई है। 25 मार्च को भी एक गाय की मौत हुई तो वहां के कर्मचारी उसे दफनाने की कोशिश करने लगे। ग्रामीणों ने देखा तो उसका वीडियो बना लिया। आरोप है कि इसके बाद शव को ही गायब कर दिया गया।

कर्मचारियों पर चारा हड़पने का आरोप

ईकोटेक-3 थाना प्रभारी निरीक्षक भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि ग्रेनो प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी शिव प्रताप शुक्ला ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर के मुताबिक, वहां तैनात कर्मचारी पशु चारा हड़प लेते थे। इससे गौशाला में चारे की कमी हो जाती थी। चारा नहीं मिलने से गोवंश की मौत हुई है। मुकदमे में बताया गया है कि वहां तैनात कर्मचारियों की लापरवाही से गोवंश कमजोर हो गए। चारे की भी कमी हो गई। इससे गोवंश दम तोड़ने लगे।

मौत होने पर चुपके से दफनाते थे गोवंश

रिपोर्ट में बताया गया है कि चारे की कमी से दम तोड़ने वाले गोवंशों को वहीं पर दफना देते थे। 25 मार्च को एक गाय ने दम तोड़ा तो गौशाला के कर्मचारी उसे दफनाने लगे। ग्रामीणों ने देखा तो उसको वीडियो बना लिया। आरोप है कि साक्ष्य मिटाने के लिए गाय के शव को गायब कर दिया गया।

कर्मचारियों को गलत प्रभाव में रखा गया

प्राधिकरण की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि दो अफसरों ने अपने प्रभाव से वहां पर कर्मचारियों को रखा था। ये कर्मचारी गायों को समय पर चारा-पानी नहीं देते थे। इससे गोवंश की हालत बिगड़ने लगी। ईकोटेक-3 थाना प्रभारी निरीक्षक भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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