गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विनय पाठक का डिजिटल प्रोजेक्ट में हुआ चयन, शिरपुर की निभाएंगे जिम्मेदारी

Greater Noida : गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विनय पाठक का डिजिटल प्रोजेक्ट में हुआ चयन, शिरपुर की निभाएंगे जिम्मेदारी

गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विनय पाठक का डिजिटल प्रोजेक्ट में हुआ चयन, शिरपुर की निभाएंगे जिम्मेदारी

Tricity Today | प्रोफेसर विनय पाठक

Greater Noida : प्राचीन काल में पांडुवंशी वंश की राजधानी रही शिरपुर की धरोहर के संरक्षण हेतु ग्रेटर नोएडा की गलगोटिया यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर विनय पाठक के डिजिटल प्रोजेक्ट का चयन किया गया है। गलगोटिया यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कैम्पस में कार्यरत डॉ. विनय पाठक के प्रोजेक्ट का चयन साइंस एंड हेरीटेज रिसर्च इनिशिएटिव (एसएचआरआई) कार्यक्रम के तहत किया गया है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में महानदी के तट पर स्थित शिरपुर तरह से सांस्कृतिक और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। शिरपुर में 5वीं से 12वीं शताब्दी के बौद्ध, हिंदू और जैन मंदिरों और मठों से युक्त स्मारक हैं।

वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने का संकल्प
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने शिरपुर धरोहर के डिजिटल संरक्षण के लिए चयनित विज्ञान और विरासत अनुसंधान पहल (एसएचआरआई) कार्यक्रम में धरोहरों को संरक्षित करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। जिसमें स्मारक खराब होने की प्रक्रिया और इसके संरक्षण की तकनीक से संबंधित तथ्यों को विशेषज्ञों के साथ विश्लेषण कर सांस्कृतिक विरासत को डिजिटली संरक्षित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रकृति में जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत भूभाग के मध्य-पूर्व का इलाका दुनिया के अन्य इलाकों की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है।

दुनिया में बाकी जगहों की तुलना में ज्यादा खतरा
इसलिए शिरपुर के पिरामिड, महल, चर्च और स्मारकों पर दुनिया में बाकी जगहों की तुलना में ज्यादा खतरा है। बहुत से मंदिर जीर्ण-शीर्ण होने से अपना स्वरुप खो रहे हैं। इसका उपाय है कि इन स्थानों को डिजिटल इंडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए। इस हेतु डिजटली सेव किए गए कलाकृतियों को आर्किटेक्चर द्वारा सुरक्षित किया जाए जो जीर्णोद्धार में सहायक हो। शिरपुर के डिजीटली संवर्धन के लिए लगभग 58 लाख के प्रोजेक्ट का चयन हुआ है।

विभाग के अधिकारियों ने दी बधाई
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य शिरपुर हेरीटेज को संरक्षित करना है। जिसमें इस हेरीटेज की प्रदूषण के कारण हो रहीं क्षति का मूल्यांकन किया जाएगा और मौजूदा स्थिति को डिजिटली भविष्य के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने परियोजना डाॅ.विनय पाठक के प्रपोजल को शिरपुर के स्मारकों को और अधिक क्षति और क्षय से बचाने के लिए हरी झंडी दे दी है। इस बड़ी उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने विनय पाठक और विभाग के अध्यक्ष डाॅ.विष्णु शर्मा को बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

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