उद्यमिता ही भावी पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त कर सकती : सीईओ ध्रुव गलगोटिया
गलगोटियास विश्वविद्यालय में संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन
Greater Noida : संस्थान के इनोवेशन काउंसिल, स्कूल ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज और स्कूल ऑफ बिजनेस, गलगोटियास यूनिवर्सिटी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित उद्यमिता परसंकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम 17 अगस्त 2023 तक चलेगा। इस अवसर पर दीपन साहू, सहायक नवाचार निदेशक, शिक्षा मंत्रालय नवाचार सेल और एआईसीटीई, भारत सरकार, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस आयोजन में पूरे भारत से 300 से अधिक संकाय सदस्यों ने भाग लिया।
देश में छिपी है उद्यमशीलता की ऊर्जा
बिजनेस स्कूल की एसोसिएट डीन डॉ. अनामिका पांडे ने प्रस्तावना के साथ सत्र की शुरुआत की और उल्लेख किया कि यह एफडीपी संकायों को उद्यमिता मूल्यों को विकसित करने में मदद करेगा। उद्घाटन भाषण में प्रो. (डॉ.) रेनू लूथरा ने प्रतिभागियों से अपने जुनून के साथ-साथ अपने दृष्टिकोण पर विश्वास करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बहुत अधिक मात्रा में उद्यमशीलता की ऊर्जा छिपी हुई है, जिसका पता लगाया जाना चाहिए और इसकी पूरी क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए।
विश्वविद्यालय के 100 से अधिक स्टार्टप
गलगोटियास विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर, प्रो. (डॉ.) अवधेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा छात्रों और संकायों के बीच उद्यमिता मूल्यों को प्रोत्साहित करता रहेगा। उन्होंने उल्लेख किया कि अब तक, विश्वविद्यालय ने 100 से अधिक स्टार्टप स्थापित किए हैं। और आने वाले वर्षों में इस संख्या को बढ़ाने की योजना है। वहीं प्रोफेसर (डॉ.) रंजना पटनायक ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए गलगोटियास विश्वविद्यालय का समर्थन करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यमिता "समय की आवश्यकता" है और यह ज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोग में बदल सकती है।
गलगोटियास राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 50 संस्थानों में
संस्थान के इनोवेशन काउंसिल प्रमुख, डॉ. गौरव कुमार ने संकाय विकास कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गलगोटियास विश्वविद्यालय एनआईआरएफ नवाचार रैंकिंग में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 50 संस्थानों में से एक है। उन्होंने दावा किया कि आईआईसी, गलगोटियास विश्वविद्यालय उद्यमिता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रासंगिक कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। सत्र के मुख्य अतिथि, श्री दीपन साहू, सहायक नवाचार निदेशक, शिक्षा मंत्रालय नवाचार सेल और एआईसीटीई, भारत सरकार ने नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को आगे बढ़ाने में योगदान के लिए गलगोटियास विश्वविद्यालय की अत्यधिक प्रशंसा की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गलगोटियास विश्वविद्यालय इस पहलू में अग्रणी संस्थानों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में कई कार्यक्रम आयोजित करके उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल बनाने में अग्रणी है।
आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श
गलगोटियास विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि यह संकाय विकास कार्यक्रम एक उच्च आवश्यकता है, क्योंकि आज की दुनिया में संकाय, शिक्षक, शोधकर्ता, सलाहकार, संरक्षक और आने वाली पीढ़ी के लिए एक आदर्श भूमिका निभाते हैं। गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने प्रतिभागियों को प्रसिद्ध वक्ताओं से ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि उद्यमिता ही भावी पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। उद्घाटन सत्र डॉ. सुमेधा मुखर्जी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ, और उसके बाद एफडीपी का तकनीकी सत्र हुआ।
ये भी रहे कार्यक्रम का हिस्सा
इस कार्यक्रम मे डॉ. वी के अरोड़ा, डॉ. दिव्या राजपूत, श्री मनवीन चड्ढा, श्री प्रवीण कपूर, श्री विवेक सुमन, श्री सतीश कुमार, सुश्री प्रियंका गुप्ता, श्री सुशील कुमार शर्मा संस्थापक सीईओ, सस्टेनेको, डॉ. नीलम सक्सेना, श्री .सतीश एमके, सुश्री रीमा साहनी मेदीरत्ता पेटेंट एजेंट, आरटीटीपी, एमएचआरडी आईए, डेनिडा फेलो, श्री अतुल पुरी, श्री पार्थ सेन, सीआईपीएम, डॉ. आशुतोष पास्टर, डॉ. मनीषा आचार्य, डॉ. संजीव कुमार मजूमदार, श्री सुभोब्रोतो चक्रवर्ती , श्री अमित दास, डॉ. शंकर मुखर्जी, डॉ. आशुतोष पांडे, और डॉ. राखी गुप्ता संकाय सदस्यों और प्रशिक्षकों को प्रबुद्ध और प्रेरित करेंगे।