भाजपा के पास पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का मौका लेकिन बसपा को लेकर नरमी बिगाड़ेगी खेल

गौतमबुद्ध नगर पंचायत चुनाव: भाजपा के पास पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का मौका लेकिन बसपा को लेकर नरमी बिगाड़ेगी खेल

भाजपा के पास पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का मौका लेकिन बसपा को लेकर नरमी बिगाड़ेगी खेल

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर पंचायत चुनाव

गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत में पहली बार भारतीय जनता पार्टी अपना अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन अब तक की रणनीति से साफ नजर आ रहा है कि कहीं ना कहीं बहुजन समाज पार्टी के सामने भाजपा का संगठन ढीला पड़ रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। वहीं, कुछ लोग कह रहे हैं कि भाजपा को दमदार उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। दरअसल, पूरे जिले की नजर जिला पंचायत के वार्ड नंबर 2, 3 और 4 को लेकर है। इन वार्डों पर बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता या उनके रिश्तेदार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी ओर अब तक भारतीय जनता पार्टी की ओर से इन तीनों सीटों पर बेहद कमजोर उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया जा रहा है। इस बात को लेकर भारतीय जनता पार्टी से लेकर आरएसएस तक में असमंजस बना हुआ है।

सपा और बसपा नेताओं के बीच पक रही हो यह खिचड़ी
गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत के लिए केवल पांच वार्डों पर चुनाव करवाया जाएगा। वार्ड नंबर-1 अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। वार्ड नंबर-2 पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित है। इस वार्ड से बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी के रूप में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और कद्दावर नेता गजराज नागर की पत्नी जयवती नागर चुनाव लड़ेंगी। ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि, अभी तक बसपा ने उम्मीदवारों के नाम फाइनल नहीं किए हैं। वार्ड नंबर-3 से पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय भाटी के बेटे अक्षय भाटी का नाम चल रहा है। वार्ड नंबर-4 से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह भाटी के बेटे अमन भाटी का नाम लगभग फाइनल बताया जा रहा है। दरअसल, हाल ही में संजय भाटी, बिजेंद्र सिंह भाटी, अमन और अक्षय भाटी बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए हैं। 

लोकसभा चुनाव से जुड़े हैं इस फेरबदल के कनेक्शन
बिजेंद्र सिंह भाटी पहले समाजवादी पार्टी में थे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। इसे गौतमबुद्ध नगर की राजनीति में बड़ा बदलाव बताया गया था। उन्हें भाजपा में अच्छी खासी तरजीह मिलने की उम्मीद थी। लेकिन भाजपा में पहले से ही गुर्जर नेताओं की भारी-भरकम फौज मौजूद है। ऐसे में विजेंद्र सिंह भाटी का एडजस्टमेंट नहीं हो पाया। अब अचानक उनका मोहभंग हुआ और भाजपा को अलविदा कहकर बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया। खास बात यह है कि इन तीनों उम्मीदवारों जयवती नागर, अक्षय भाटी और अमन भाटी के सामने भारतीय जनता पार्टी में जिन उम्मीदवारों के नाम चल रहे हैं, वह बेहद कमजोर हैं।

कौन है गेम के पीछे, दबी जबान में बोल रहे भाजपा कार्यकर्ता
इस पूरे नाटक की पटकथा कौन लिख रहा है? आजकल यह चर्चा पूरे गौतमबुद्ध नगर जिले में आम हो गई है। खासतौर से भारतीय जनता पार्टी के तमाम छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं और नेताओं के मुंह पर एक ही नाम चल रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि संगठन को पूरी तरह खत्म करने की साजिश रची जा रही है। पार्टी के कई कद्दावर नेता इन तीनों उम्मीदवारों के सामने चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उनके नाम पर चर्चा करने के लिए चुनाव समिति के सामने पेश नहीं किया जा रहा है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। पंचायत चुनाव से जुड़े भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने बताया कि अमन, अक्षय और जयवती नागर के सामने चुनाव लड़ने के लिए जिले के कई बड़े नेता तैयार हैं, लेकिन उन्हें हतोत्साहित किया जा रहा है। जानबूझकर ऐसे लोगों के नाम बार-बार चुनाव समिति में रखे जा रहे हैं, जो बेहद आसानी से इन तीनों वार्डों पर चुनाव हार जाएंगे।

बसपा को किसी भी तरह 3 सीट जिताने की कोशिश
जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए केवल 3 वोटों की जरूरत होगी। ऐसे में अगर बसपा के यह तीनों उम्मीदवार आसानी से जीत जाते हैं तो इनमें से किसी एक का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि यह सारा खेल सोची समझी रणनीति के तहत खेला जा रहा है। इसके जरिए न केवल पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को नुकसान होगा, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा नेताओं का तो यहां तक भी कहना है कि जिला पंचायत का पूरा गणित विधानसभा चुनाव के बड़े गणित का सेमीफाइनल है। अभी तक बसपा जेवर सीट से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे सतवीर नागर को चुनाव लड़ाना चाहती थी, लेकिन अचानक पंचायत चुनाव के मद्देनजर बदले समीकरणों में यहां नया नाम आना तय है।

संघ और चुनाव प्रभारी भी नाराज
पंचायत चुनाव को लेकर चल रही इस हीलाहवाली पर संघ भी नजर बनाकर बैठा है। ऐसी जानकारी मिली है कि संघ की ओर से एक रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है। जिसमें चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े किए गए हैं। इसी सप्ताह जिले के चुनाव प्रभारी सतपाल सैनी आए थे। उन्होंने चुनाव समिति के साथ बैठक की थी। भाजपा नेताओं का कहना है कि पूरी चुनाव समिति के साथ बैठक नहीं हो पाई। प्रभारी और जिला अध्यक्ष के बीच बैठक हुई। बाद में चुनाव प्रभारी ने जिले में पंचायत चुनाव को लेकर मौजूदा रणनीति पर नाराजगी जाहिर की है।

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