Gautam Buddh Nagar News : गौतमबुद्ध नगर जिला पंचायत पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने कामयाबी हासिल की है और अमित चौधरी निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। गौतमबुद्ध नगर में करीब 80 फ़ीसदी शहरी इलाका है। अब केवल 88 ग्राम पंचायत शेष हैं। अमित चौधरी से गांवों में विकास योजनाओं और तमाम दूसरे मुद्दों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।
- भारतीय जनता पार्टी ने आपको पहले जिला पंचायत सदस्य और फिर अध्यक्ष पद का दावेदार बनाया। बहुत कम उम्र में आपने या कामयाबी हासिल की है। कुछ लोग कहते हैं कि पार्टी के बड़े नेताओं से संपर्क आपको फायदेमंद साबित हुआ है?
- यह बात पूरी तरह निराधार है। मैं आपको भारतीय जनता पार्टी में अपने सफर के बारे में बताता हूं। मेरा परिवार वर्ष 1994 से भारतीय जनता पार्टी के साथ सक्रिय है। मैंने पहली बार वर्ष 2000 में भाजपा के सक्रिय सदस्यता ली थी। मतलब, मैं पार्टी के साथ 21 वर्षों से जुड़ा हुआ हूं। वर्ष 2003 में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का दादरी मंडल प्रभारी बना था। वर्ष 2004 में मुझे युवा मोर्चा में जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। वर्ष 2005 में मैंने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव एकतरफा जीता था। साथ ही साथ जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी लड़ा। जिसमें बेहद मामूली अंतर से मैं पराजित हो गया था। बड़ी बात यह थी कि मैंने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के सामने चुनाव लड़ा था। इसके बाद वर्ष 2007 में युवा मोर्चा में फिर उपाध्यक्ष बना। वर्ष 2010 में दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और भाजपा की ओर से मुझे अध्यक्ष पद का दावेदार बनाया गया था। रामशरण नागर की पत्नी, पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर की बहन, गजराज नगर की पत्नी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जयवती नगर और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रविंद्र भाटी के सामने मैंने चुनाव लड़ा था। तब भी मैं बहुत मामूली अंतर से चुनाव हारा था।
पिछले विधानसभा चुनाव में मैंने जेवर सीट से टिकट मांगा था। इसके बाद वर्ष 2016 और 2019 में भाजपा की जिला कार्यकारिणी में दो बार महामंत्री रहा। इस बार फिर मैंने जिला पंचायत का चुनाव लड़ा और ईश्वर की कृपा से कामयाब हुआ। भारतीय जनता पार्टी ने 5 में से 3 सीटों पर कामयाबी हासिल की है। जिसकी बदौलत हमारा अध्यक्ष पद पर काबिज होना वाजिब है। तीनों जिला पंचायत सदस्यों में मैं सीनियर हूं। इसलिए मुझे अवसर प्राप्त हुआ है। इसमें सिफारिश या पार्टी के शीर्ष नेताओं से संपर्क की बदौलत लाभ मिलने का कोई औचित्य नहीं है।
- जिले में चर्चा होती है कि गुर्जर बाहुल्य इलाका है। लिहाजा, जिला पंचायत अध्यक्ष कोई गुर्जर होना चाहिए। आप जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जिले में जाटों के वोट बहुत कम हैं। इसे लेकर गुर्जर समाज में नाराजगी है?
- मैं इस मुद्दे पर तीन बातें महत्वपूर्ण रूप से कहना चाहता हूं। पहली, भारतीय जनता पार्टी में जाति के आधार पर किसी को आगे बढ़ाने की प्रथा नहीं है। मुझे या जिले में बाकी किसी भी जनप्रतिनिधि को जातिवाद के आधार पर पार्टी ने चुनाव नहीं लड़वाया है। दूसरी बात यह है कि गुर्जर समाज मेरे निर्वाचन को लेकर बिल्कुल भी नाराज नहीं है। मुझे गुर्जर बिरादरी के जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। जिस निर्वाचन क्षेत्र से मैंने चुनाव जीता है, वहां गुर्जर बिरादरी के वोट बहुतायत में हैं। मुझे गुर्जरों ने भी वोट देकर जिताया है। जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए प्राकृतिक रूप से यह जरूरी है कि मैं इस जिले का निवासी हूं। यह मायने नहीं रखता कि मैं किस बिरादरी से ताल्लुक रखता हूं। क्या जिला पंचायत अध्यक्ष होने के लिए किसी जाति विशेष में पैदा होना जरूरी है? तीसरी बात यह है कि जिले में जाट वोटों की संख्या कम नहीं है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और जेवर क्षेत्र में बड़ी संख्या में जाट मतदाता हैं, जो पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में खड़े हुए हैं।
- आप बिल्डर हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आपकी कंपनी ने कई हाउसिंग सोसायटी डिवेलप की हैं। वहां रहने वाले लोग निरंतर सोशल मीडिया और सड़क पर उतरकर विरोध जाहिर करते हैं। उनका कहना है कि हाउसिंग सोसाइटीज में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। आप अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल करके सुविधाएं देना नहीं चाहते हैं?
- यह सारे आरोप एकदम बेबुनियाद हैं। हमारी तीन हाउसिंग सोसायटी के निवासियों पर कंपनी के करीब 9 करोड रुपए बकाया हैं। सुविधाएं देने के लिए पैसे की जरूरत होती है। जब मेंटेनेंस स्टाफ बकाया पैसा वसूल करने की कोशिश करता है तो लोग बिना वजह विरोध करना शुरू कर देते हैं। मैं बिल्डर हूं, इसमें मेरा क्या अपराध है? मैं बिल्डर होने के साथ राजनीति कर रहा हूं तो क्या बुरा कर रहा हूं? अब लोगों ने मेरे राजनीतिक पद को मेरी कमजोरी मानकर आगे रखना शुरू कर दिया है। यह काम ना केवल हमारी सोसाइटीज में रहने वाले रेसिडेंट कर रहे हैं, बल्कि विपक्ष के नेता भी कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर जिला प्रशासन और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई हैं। उसमें भी हमने पूरा हिसाब अफसरों के सामने रखा है। बैठकों में जिन मुद्दों पर सहमति बनी, उन पर भी रेजिडेंट टिकने को तैयार नहीं हैं।
उन्हें लगता है कि मेरे पेशे को आगे रखकर दुष्प्रचार किया जा सकता है। चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दा लेकर तो उन्हें सोसाइटी में घुसना है। लिहाजा, मेरी छवि खराब करके घुसने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, सामान्य रूप से बिल्डरों की छवि को लेकर सवाल खड़े हो जाते हैं, लेकिन हकीकत कोसों दूर है। अगर किसी की सही समस्या होती है तो उसका तुरंत समाधान करवाना मेरी जिम्मेदारी है। अगर कोई मेरे पेशे और सामाजिक दायित्व को एक-दूसरे के साथ जोड़कर बदनाम करने की कोशिश करता है तो मैं ब्लैकमेल होना पसंद नहीं करूंगा।
- लंबे अरसे बाद गौतमबुद्ध नगर में पंचायत चुनाव करवाए गए हैं। ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत बहाल हुई हैं। ग्रामीण इलाकों में अभी भी शहरों के मुकाबले सुविधाओं का अभाव है। इसे लेकर आप का रोडमैप क्या है?
- जिला पंचायत में जिम्मेदारी संभाले मुझे ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। इसके बावजूद हम लोगों ने चालू वित्त वर्ष का बजट पास कर लिया है। कार्य योजनाएं आ चुकी हैं। दादरी और जेवर के गांवों में विकास योजनाएं जिला पंचायत ने शुरु करवा दी हैं। पिछले दिनों हम लोगों ने गांव में जाकर शिलान्यास किए हैं। ज्यादातर योजनाओं के टेंडर हो चुके हैं। अगले एक वर्ष में यह सारी योजनाएं पूरी कर ली जाएंगी। इनमें संपर्क मार्ग, खड़ंजा, नाली और सीसी रोड सबसे ज्यादा हैं। जिससे आम आदमी को भरपूर फायदा मिलेगा। अगले 5 वर्षों में जिला पंचायत की कोशिश होगी कि गांवों में मूलभूत सुविधाएं तेजी से विकसित हों। इसके लिए दोनों विकास प्राधिकरणों का भी सहयोग लिया जाएगा। दोनों विधायकों और सांसद के साथ समन्वय बनाकर गांवों में विकास योजनाएं ले जाने की कोशिश है।
- उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरू होने वाला है। आपके पास गौतमबुद्ध नगर में महामंत्री जैसी जिम्मेदारी रह चुकी हैं। आने वाले चुनाव के परिणाम को लेकर आप क्या सोचते हैं?
मैं और भारतीय जनता पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता पूरी तरह आश्वस्त हैं कि एक बार फिर बहुमत के साथ उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार बनेगी। अगर गौतमबुद्ध नगर जिले की बात करूं तो तीनों विधानसभा क्षेत्रों में हम जीत दर्ज करेंगे। एक बात और कहना चाहूंगा कि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार गौतमबुद्ध नगर की तीनों सीटों पर हमारे उम्मीदवारों का विनिंग मार्जिन बढ़ेगा। बिना वजह की बातें करने वाले लोगों के लिए एक बात और आखिर में कहना चाहूंगा, मैं करीब 21 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में हूं। इस दौरान राज्य में विपक्षी दलों की सरकारें रहीं। तमाम बिल्डर और नेताओं को कारोबार बचाने या बढ़ाने के लिए अपनी पार्टियां छोड़कर सत्तारूढ़ दलों में आते और जाते देखा है। मैंने कभी भारतीय जनता पार्टी को छोड़ने की बात तो दूर इस बारे में विचार तक नहीं किया। मैं भाजपा का अनुशासित कार्यकर्ता हूं। मेरे सामाजिक जीवन का डीएनए भारतीय जनता पार्टी है।