मर्दों को धूल चटाकर ग्राम प्रधान बनीं ये 15 मर्दानी, जिले में 50 फीसदी पंचायतों पर महिलाओं ने किया कब्जा

गौतमबुद्ध नगर पंचायत चुनाव: मर्दों को धूल चटाकर ग्राम प्रधान बनीं ये 15 मर्दानी, जिले में 50 फीसदी पंचायतों पर महिलाओं ने किया कब्जा

मर्दों को धूल चटाकर ग्राम प्रधान बनीं ये 15 मर्दानी, जिले में 50 फीसदी पंचायतों पर महिलाओं ने किया कब्जा

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर पंचायत चुनाव

गौतमबुद्ध नगर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) के परिणाम जारी हो चुके हैं। चुनाव परिणामों के विश्लेषण से कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। मसलन, जिले में महिलाओं को 30 फीसदी ग्राम पंचायतों में प्रधान पदों के लिए आरक्षण मिला था, लेकिन महिलाओं ने 50 फ़ीसदी ग्राम पंचायतों पर कब्जा किया है। मतलब, जिले की करीब आधी पंचायतों में महिलाएं ग्राम प्रधान निर्वाचित हुई हैं। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि 15 ऐसी ग्राम प्रधान हैं, जिन्होंने मर्दों के सामने चुनाव लड़कर जीत हासिल की है। दादरी खंड विकास क्षेत्र में ऐसी सबसे ज्यादा 8 ग्राम प्रधान चुनी गई हैं।

बिसरख में 12 महिलाएं ग्राम प्रधान का चुनाव जीतीं
बिसरख खंड विकास क्षेत्र में ग्राम पंचायतों की संख्या 24 है। 30 फ़ीसदी आरक्षण की बदौलत महिलाओं को 8 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के लिए आरक्षण दिया गया। इनमें सामान्य महिलाओं के लिए पांच, अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए दो और अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए एक ग्राम पंचायत को आरक्षित किया गया था। इन 8 ग्राम पंचायतों के अलावा बिसरख में चार ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जहां महिलाओं ने पुरुषों को हराकर प्रधान पदों पर कब्जा किया है। मतलब, बिसरख खंड विकास क्षेत्र में 24 में से 12 ग्राम पंचायतों की प्रधान महिलाएं चुनी गई हैं। बिसरख में पटादी, बंबावड़, महावड़ और कुड़ी खेड़ा ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने उनके लिए आरक्षण नहीं होने के बावजूद कामयाबी हासिल की है।


दादरी ब्लॉक में सबसे ज्यादा महिला ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं
जिले के दादरी खंड विकास क्षेत्र में सबसे ज्यादा महिलाएं ग्राम प्रधान निर्वाचित हुई हैं। दादरी में 30 ग्राम पंचायतें हैं और 9 पर महिलाओं को आरक्षण दिया गया था। इनमें 5 ग्राम पंचायत सामान्य महिला, 3 ओबीसी महिला और 2 अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थीं। इन 9 ग्राम पंचायतों के अलावा 8 और ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जहां महिलाओं ने पुरुषों के सामने चुनाव लड़कर कामयाबी हासिल की है। इस तरह दादरी खंड विकास क्षेत्र की 17 ग्राम पंचायतों पर महिलाओं का राज चलेगा। दादरी क्षेत्र में खटाना धीरखेड़ा, जारचा, छांयसा, चिटहेरा, बैरंगपुर नई बस्ती, सैंथली, घनुवास और भोगपुर ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने अपने लिए आरक्षण में होने के बावजूद जीत हासिल की है।


जेवर क्षेत्र में औसत से कम महिलाएं ग्राम प्रधान चुनी गईं
जिले के जेवर खंड विकास क्षेत्र में सबसे ज्यादा 34 ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन जिले के बाकी दो खंड विकास क्षेत्र दादरी और बिसरख के सापेक्ष यहां महिला ग्राम प्रधानों की संख्या कम रह गई है। जेवर में 11 ग्राम पंचायतें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई। इनमें 5 ग्राम पंचायत थीं सामान्य महिला, तीन अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला और तीन ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। तीन और ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जिनमें महिलाओं ने पुरुषों से मुकाबला करके जीत हासिल की है। यह ग्राम पंचायत जेवर खादर, सिरसा और चाचूरा हैं।


 

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