भड़ाना गए यमुना पार, डॉक्टर साहब की थू-थू भरमार, चौधरी साहब और शर्मा जी में जूतमपैजार, गुप्ता जी हैरान

गुस्ताख़ी मुआफ़ हो : भड़ाना गए यमुना पार, डॉक्टर साहब की थू-थू भरमार, चौधरी साहब और शर्मा जी में जूतमपैजार, गुप्ता जी हैरान

भड़ाना गए यमुना पार, डॉक्टर साहब की थू-थू भरमार, चौधरी साहब और शर्मा जी में जूतमपैजार, गुप्ता जी हैरान

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Greater Noida : ग्रेटर नोएडा में ग्रैंड वैनिस मॉल के पास गुप्ता जी की टी-स्टॉल पर गुरुवार को अजब-गजब माहौल हो गया। चाय पीने आए दो लोगों में जूतमपैजार हो गया। गुप्ता जी की चाय की टपरी क्षतिग्रस्त जो गई। माहौल किसी तरह लोगों ने संभाला। गुप्ता जी थाने शिकायत लेकर पहुंचे। पुलिस को बताया कि एक शर्मा जी और दूसरे चौधरी साहब ने यह नुकसान किया है। दोनों किसी भड़ाना जी और डॉक्टर साहब के बारे में बातें कर रहे थे। अचानक आपा खो बैठे और जूतमपैजार होने लगा। पुलिस ने भड़ाना जी और डॉक्टर साहब का पूरा नाम-पता पूछा तो गुप्ता जी बगलें झाँकने लगे। लिहाजा, पुलिस ने गुप्ता जी को सांत्वना देकर विदा कर दिया।

गुप्ता जी से पूरा किस्सा हमने पूछा। गुप्ता जी ने कहानी कुछ इस तरह बताई है। शाम करीब चार बजे एक महानुभाव फटफटी पर सवार होकर हमारी चाय की टपरी पर आए। उन्होंने कड़क चाय बनाने का ऑर्डर दिया। कुछ मिनट बाद ही दूसरी और से एक कार सवार अपने परिचित को देखकर जोर-जोर से चिल्लाए, "चौधरी साहब, चौधरी साहब।" कार वाले ने ब्रेक लगाए और फिर कार सड़क के उस पार ही खड़ी करके इधर आ गए। आकर पुकारने वाले को शर्मा जी कहकर पूरे अदब से नमस्कार किया। दोनों ने हाथ मिलाया। एक की बजाय दो चाय बनाने का आदेश दिया।

चाय वाले गुप्ता जी ने आगे बताया, दुआ-सलाम के बाद दोनों में बड़ी गंभीर किस्म की चर्चा होने लगी। शर्मा जी ने चौधरी साहब से पूछा- क्या हुआ आपके भड़ाना जी का, यमुना पार करके रफूचक्कर हो गए। जेवर में कुछ नहीं मिला, मिट्टी पिटवाकर ठण्ड पड़ गई। कहा था ना, जेवर बिकाऊ नहीं है, जेवर टिकाऊ है। चौधरी साहब यह ताना सुनकर तुनक गए। अब चौधरी साहब बोले- आपके डॉक्टर साहब ने क्या उखाड़ लिया। भड़ाना जी तो चले गए यमुना पार, डॉक्टर साहब की हो रही थू-थू भरमार, उन्हें कहां भेजोगे? कहीं डूबकर मरने के लिए चुल्लू भर पानी मिलेगा? भड़ाना जी से ज्यादा माल तो आपके डॉक्टर साहब ने फूंक दिया।

गुप्ता जी ने अपना दुःख आगे बताया, इस वार्तालाप के बाद दोनों की दोस्ती अचानक जूतमपैजार में तब्दील हो गई। एक-दूसरे के कपड़े फाड़ डाले। चाय की टपरी तक तोड़ दी। गुप्ता जी हैरान और परेशान हैं। भड़ाना जी, डॉक्टर साहब, चौधरी साहब और शर्मा जी के बारे में जानकारी हासिल करने में जुटे हैं। उनकी अपील है कि किसी को इस माजरे और इन चरित्रों के बारे में कुछ पता लगे तो बता दें। मदद कर दें। हम भी यह पहेली ना तो समझ पाए और ना सुलझा पा रहे हैं।

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