गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की टीम करेगी साइबर अपराधियों का खात्मा, नोएडा पुलिस भी बनेगी एक्सपर्ट

बड़ी खबर : गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की टीम करेगी साइबर अपराधियों का खात्मा, नोएडा पुलिस भी बनेगी एक्सपर्ट

गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी की टीम करेगी साइबर अपराधियों का खात्मा, नोएडा पुलिस भी बनेगी एक्सपर्ट

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Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिसमें अपराधी विभिन्न तरीकों से लोगों के बैंक खातों को निशाना बनाकर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। इन मामलों से निपटने के लिए गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) में साइबर फॉरेंसिक लैब स्थापित किया जा रहा है।

कब शुरू होगी लैब
यूनिवर्सिटी प्रशासन साइबर टेक नामक एक कंपनी के सहयोग से स्कूल ऑफ आईसीटी की बिल्डिंग परिसर में यह लैब स्थापित कर रहा है। उम्मीद है कि इसी महीने के अंत तक कंपनी साइबर फॉरेंसिक लैब को तैयार कर देगी। अगले महीने से साइबर सुरक्षा से जुड़े शॉर्ट टर्म कोर्स भी शुरू होंगे, जिनके लिए काफी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं।

बीईसीआईएल का सहयोग मिलेगा
इस लैब के बनने से पुलिस कर्मी, सेना के अधिकारी और अन्य लोग साइबर अपराध से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। नोएडा स्थित ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड (बीईसीआईएल) में हाल ही में गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर आरके सिन्हा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।

50 करोड़ में एआई सेंटर स्थापित होगा
कुलपति प्रोफेसर रविंद्र सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में साइबर अपराध तेजी से बढ़ता जा रहा है। संस्थान में शासन के आदेश पर 50 करोड़ रुपये की राशि से एआई सेंटर स्थापित किया जा रहा है। साथ ही साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण के लिए साइबर फॉरेंसिक लैब भी स्थापित की जा रही है। कंपनी के प्रतिनिधि आधुनिक तरीकों से इस लैब को स्थापित कर रहे हैं। छात्रों के प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए यह लैब बेहद आवश्यक है।

शॉर्ट टर्म कोर्स होंगे
बैठक में फॉरेंसिक विज्ञान कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन और व्यावसायिक भागीदारी पर भी विचार-विमर्श किया गया। कंप्यूटर और मोबाइल फॉरेंसिक पर केंद्रित फैकल्टी विकास कार्यक्रमों के लिए रूपरेखा तैयार की गई है। अगले महीने से कंप्यूटर और मोबाइल फोरेंसिक प्रशिक्षण के लिए एक शॉर्ट टर्म कोर्स भी शुरू किया जाएगा, जिसमें व्यक्ति आवेदन करके साइबर सुरक्षा से जुड़े विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।

साइबर अपराध में बीएससी कोर्स होगा
कुलपति ने बताया कि साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छात्रों के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन किया जा रहा है। फैकल्टी विकास कार्यक्रम और कंप्यूटर फॉरेंसिक प्रशिक्षण की योजना और कार्यान्वयन के भी निर्देश दिए गए हैं। छात्रों के लिए साइबर अपराध में बीएससी कोर्स भी शुरू किया जाएगा, जिसका अंतिम निर्णय लैब स्थापित होने के बाद लिया जाएगा। साइबर सुरक्षा पर बच्चों के लिए भी कोर्स की योजना है।

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