Greater Noida : गैंगस्टर अनिल दुजाना (Gangster Anil Dujana) को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय (Gautam Buddh Nagar District Court) ने अंतरिम जमानत दे दी है। अनिल पर एक हत्याकांड में गवाह को धमकाने का आरोप है। उसके खिलाफ बादलपुर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद वह फरार हो गया था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 5000 रुपये का इनाम घोषित किया था। अब अनिल दुजाना ने अदालत से अंतरिम जमानत मांगी थी। जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और अदालत ने उसे अंतरिम जमानत दे दी है।
आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिशनेरेट ने कुख्यात बदमाश और गैंग लीडर अनिल दुजाना पर 5 हजार का ईनाम घोषित किया था। अनिल दुजाना के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अनिल दुजाना फरार चल रहा था। गौतमबुद्ध नगर पुलिस अनिल दुजाना को पकड़ने के लिए काफी जगह दबिश भी दे चुकी थी। लेकिन अभी तक अनिल दुजाना पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। गैंगस्टर अनिल दुजाना को पकड़ने के लिए शनिवार की दोपहर को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने आदेश जारी करते हुए अनिल दुजाना पर 5 हजार का इनाम घोषित किया था।
बादलपुर थाना में अनिल दुजाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज
ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जिसमें धारा 506 के अंतर्गत अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर निवासी दुजाना मुख्य आरोपी है। पुलिस अधिकारी ने बताया था कि अनिल के खिलाफ पहले भी गौतमबुद्ध नगर के अलग-अलग थानों में काफी मुकदमे दर्ज है। अनिल दुजाना हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात गैंगस्टर के साथ गैंग लीडर भी है। थाना बादलपुर में जो मुकदमा दर्ज किया गया है। उसमें अनिल दुजाना फरार चल रहा है। जिसके तहत इस बदमाश के खिलाफ 5000 रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
3 महीने पहले हुआ था महाराजगंज जेल से रिहा
आपको बता दें अनिल दुजाना करीब 3 महीने पहले महाराजगंज जेल से जमानत पर छूट गया था। वह पहले तबादला करवाकर दिल्ली की तिहाड़ जेल जाना चाहता था। अनिल दुजाना के वकीलों ने लंबी जद्दोजहद के बाद उसे उत्तर प्रदेश की जेल से निकालने में कामयाबी हासिल कर लिया था। अनिल दुजाना, उसके गुर्गे और परिवार के सदस्य लगातार उसकी सलामती को लेकर चिंतित थे। परिजनों का कहना था कि महाराजगंज से गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की अदालत में पेशी पर आना-जाना जोखिम भरा है।
गैंगस्टर अनिल दुजाना पिछले कई सालों से जेल में बंद था। उसे एक और पुलिस और दूसरी ओर सुंदर भाटी गैंग से लगातार खतरा बना हुआ था। जिसके चलते उसने अब तक जमानत हासिल नहीं की थी, लेकिन महाराजगंज से गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में मुकदमों की पैरवी के लिए पुलिस कस्टडी में आना-जाना पड़ता था। इसे लेकर वह कई बार अपनी जान को खतरा बता चुका था। उसके परिवार के सदस्यों ने कई बार मानवाधिकार आयोग, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर शिकायत की थी। करीब 3 महीने पहले एक मामले में अनिल दुजाना ने जमानत ले ली है।
यूपी पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल है अनिल दुजाना गैंग
अनिल दुजाना गैंग उत्तर प्रदेश पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अनिल दुजाना और उसके गुर्गों के खिलाफ बड़े पैमाने पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने कार्यवाही की है। अनिल दुजाना गैंग की करोड़ों रुपए की संपत्तियां जब्त की गई हैं। इस गैंग के ज्यादातर मेंबर इस वक्त उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद इन गैंगस्टर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। जिसके बाद एक-एक करके तमाम कुख्यात गिरफ्तार कर लिए गए।
मुकीम काला ने अनिल दुजाना गैंग से खरीदी थी एके 47
अक्तूबर 2015 में जब एसटीएफ ने मुकीम काला और साबिर जंधेड़ी को गिरफ्तार किया था तो उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उस समय खुलासा हुआ था कि मुकीम काला गैंग ने गौतमबुद्ध नगर के शातिर बदमाश अनिल दुजाना गैंग से हाथ मिला लिया था। इनके बीच एके-47 खरीदना तय हुआ था। तब मुकीम काला गैंग आठ लोगों की हत्या करने की फिराक में था।