35 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकसित होगा ग्रेटर नोएडा फेस-2
जीआईएस और डिजिटल आधारित मास्टर प्लान 8 चरणों में बनेगा
पिलखुवा और गुलावठी के नजदीक तक के करीब 40 गांव आएंगे
अभी तक विकास से अछूते गांवों में इंडस्ट्री, हाउसिंग स्कीम और मॉल बनेंगे
Greater Noida Phase-2 : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) को काम करते करीब तीन दशक होने वाले हैं। अब तक विकास योजनाएं दादरी रेलवे लाइन को पार नहीं कर पाईं। दादरी और साठा-चौरासी की ग्रेटर नोएडा से दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन (Delhi-Howrah Railway Line) के कारण खराब कनेक्टिविटी रही। अब यह समस्या खत्म हो चुकी है। लिहाजा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अब फेस-2 को विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा का फेस-2 (Greater Noida Phase-2) एक मुक्कमल शहर होगा। यह 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञ कंपनी ग्रेटर नोएडा का मास्टर प्लान-2041 बना रही है।
अत्याधुनिक तकनीक के जरिए बनेगा मास्टर प्लान
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से मिली जनकारी के मुताबिक यह मास्टर प्लान जीआईएस और डिजिटल तकनीक पर आधारित होगा। इस शहर के मास्टर प्लान को 8 चरणों में बनाया जाएगा। फेस-2 में 40 से अधिक गांवों आएंगे। फेस-2 के विकास में पहले ढांचागत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मतलब, सड़क और मेट्रो जैसी सुविधाएं पहले विकसित की जाएंगी। इसके बाद सेक्टर बसाए जाएंगे।
ग्रेटर नोएडा से डेढ़ गुना बड़ा होगा नया शहर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिछले 30 वर्षों में मौजूदा शहर को 20 हजार हेक्टेयर में विकसित किया है। अब दूसरे चरण पर काम शुरू हुआ है। फेस-2 पर काम में तेजी आ गई है। दूसरा चरण करीब 35 हजार हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। मतलब, यह नया शहर ग्रेटर नोएडा से डेढ़ गुना बड़ा होगा।
न्यू नोएडा के कारण क्षेत्रफल में कम हो गया
ग्रेटर नोएडा के दूसरे चरण का क्षेत्रफल करीब 50 हजार हेक्टेयर होता लेकिन दादरी तहसील के 20 गांव न्यू नोएडा में चले गए हैं। जिससे करीब 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कम हो गया है। मतलब, फेज दो का नया शहर ग्रेटर नोएडा के मुकाबले ढाई गुना बड़ा होता। पहले इन गांवों को बुलंदशहर विकास प्राधिकरण को दिया गया था। अब यह 20 गांव दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल रेल कॉरिडोर और कोलकाता-अमृतसर कॉरिडोर के निवेश जोन में शामिल कर दिए गए हैं। इन्हें विकसित करने की जिम्मेदारी नोएडा अथॉरिटी को सौंप दी गई है।
8 हिस्सों में शहर बसाने में 20 वर्षों का समय लगेगा
ग्रेटर नोएडा फेज दो 8 हिस्सों में बांटकर बसाया जाएगा। इस शहर को पूरी तरह बसाने में करीब 20 वर्षों का समय लगेगा। खास बात यह होगी कि ग्रेटर नोएडा और फेज दो एक-दूसरे से जुड़े तो होंगे लेकिन स्वतंत्र होंगे। एक-दूसरे पर निर्भर नहीं करेंगे। मसलन, ड्रेनेज सिस्टम, वाटर सप्लाई, पावर सप्लाई और बाकी इंटरनल इंफ्रास्ट्रक्चर अलग-अलग होगा। फेज दो के पास कई संसाधन ग्रेटर नोएडा के मुकाबले बेहतर होंगे। इसे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे से बड़ा फायदा होगा।
फेस-2 के दायरे में आएंगे दादरी तहसील के यह गांव
ग्रेटर नोएडा फेस-2 का इलाका दिल्ली-हावड़ा ट्रैक के उस पार हापुड़ बॉर्डर तक और दूसरी ओर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे तक है। फेस-2 में करीब 40 गांवों की जमीन आएगी। इसमें दादरी तहसील के गांव नई बस्ती, फूलपुर, आनंदपुर, खंदेड़ा, मिलक खंदेड़ा, जारचा, रानौली, खटाना, शाहपुर, छौलस, गेसूपुर, भराना, जारचा, बादलपुर, सदोपुर, अच्छेजा, बिसाहड़ा, प्यावली, ऊंचा अमीपुर आदि गांव शामिल हैं। इसके अलावा पिलखुवा और गुलावठी के नजदीक के गांव भी आएंगे।
नए शहर की खूबियां ग्रेटर नोएडा से ज्यादा होंगी
फेस-2 का विकास ग्रेटर नोएडा से अलग होगा। इस नए शहर को नए रूप में विकसित किया जाएगा।
शहर में सबसे पहले ढांचागत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उसके बाद सेक्टर विकसित किए जाएंगे।
फेस-2 वाले शहर में पहले से अधिक चौड़ी सड़क बनेंगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पहले शुरू किया जाएगा ताकि लोगों को आवागमन में असुविधा ना हो।
हरियाली पर जोर रहेगा। हर सुविधा का अलग-अलग नक्शा बनेगा, ताकि बाद में किसी तरह की दिक्कत ना हो।
शहर के मौजूदा ढांचे की समीक्षा करेगी कंपनी
मास्टर प्लान बनाने वाली कंपनी ग्रेटर नोएडा शहर के मौजूदा ढांचे की समीक्षा भी करेगी। विकास का मॉडल और मौजूदा ट्रेंड को ध्यान में रखा जाएगा। पूंजी निवेश की योजना, एकीकृत विकास, सामाजिक और भौतिक आधारभूत ढांचा का भी अध्ययन किया जाएगा। कंपनी ग्रेटर नोएडा शहर के प्लान में भी संशोधन करेगी। अगर किसी तरह की कमी होगी तो उसे दूर किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा, "ग्रेटर नोएडा फेस-2 का मास्टर प्लान बन रहा है। करीब 40 गांवों की जमीन पर यह नया शहर बसेगा। पहले चरण के मास्टर प्लान में कुछ संशोधन हो सकते हैं।"