Google Image | बीएससी नर्सिंग के लिए पहले सरकारी नर्सिंग कॉलेज की अनुमति दे दी है
Greater Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतमबुद्ध नगर समेत आसपास के जनपदों के मेडिकल छात्रों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में बीएससी नर्सिंग के लिए पहले सरकारी नर्सिंग कॉलेज की अनुमति दे दी है। संस्थान में कुल 60 सीटों पर दो कोर्स के लिए पढ़ाई शुरू होगी। कॉलेज के लिए जिम्स प्रशासन की तरफ से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, साथ ही इसके लिए प्रोफेसर की भी तैनाती की जा चुकी है। अगले महीने पैरामेडिकल कोर्स के लिए प्रशिक्षण केंद्र शुरू में भी पढ़ाई शुरू होगी।
पूरे एनसीआर के लोगों को होगा फायदा
जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार की तरफ से गौतमबुद्ध नगर में पहली बार बीएससी नर्सिंग कॉलेज के लिए अनुमति मिली है। इस कॉलेज का शुरू होने से ना ही केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा, बल्कि पूरे दिल्ली एनसीआर के लोगों को फायदा मिलेगा। संस्थान ने पिछले दिनों मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। जिस बैठक में जिम्स प्रशासन की तरफ से बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने के लिए सहमति जताई थी।
60 सीटों पर पढ़ाई करने की अनुमित
राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए उत्तर प्रदेश नर्सेज एंड मिडवाइव्स काउंसिल इन में 60 सीटों पर पढ़ाई करने के लिए अनुमति दी गई है। अगले महीने जनवरी के दूसरे सप्ताह से दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से बच्चों की सूची मांगी है। उसके साथ ही 40 सीट के पैरामेडिकल कोर्स के लिए अगले साल प्रक्रिया पूरी कर शुरू होनी है। इसके लिए रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी विभाग में 30-30 सीटों पर छात्रों को जल्द ही प्रशिक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए जगह चयनित भी कर ली गई है।
4 फैकल्टी नामांकित हुए
मिली जानकारी के मुताबिक नर्सिंग कॉलेज के लिए अस्पताल परिसर में बच्चों के लिए कक्षा लगाई जाएंगी। इसके लिए पिछले दिनों फैकल्टी की तैनाती के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसमें 4 फैकल्टी को नामांकित किया गया है। शुरुआत में पहले मेट्रो कॉलेज ऑफ नर्सिंग की एसोसिएशन प्रोफेसर स्नेहा और मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन की वाइस प्रिंसिपल बिजलानी ने निरीक्षण किया था। इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है।