बच्चों का विवाद कोर्ट और थाने पहुंचा, सरकारी डॉक्टर पर 70 हजार रुपए में फर्जी रिपोर्ट बनाने का आरोप

Greater Noida : बच्चों का विवाद कोर्ट और थाने पहुंचा, सरकारी डॉक्टर पर 70 हजार रुपए में फर्जी रिपोर्ट बनाने का आरोप

बच्चों का विवाद कोर्ट और थाने पहुंचा, सरकारी डॉक्टर पर 70 हजार रुपए में फर्जी रिपोर्ट बनाने का आरोप

Tricity Today | CMO Sunil Sharma

Greater Noida News : बीते दिनों ग्रेटर नोएडा के लखनावली गांव में दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। इस मामले में आरोपी पक्ष पर बादलपुर सीएससी के डॉक्टर से फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवाने का आरोप है। पीड़ित पक्ष ने इस मामले में डॉक्टरों और आरोपी पक्ष के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह, गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष वर्मा और सीएमओ डॉ.सुनील कुमार शर्मा से शिकायत की है। पीड़ित पक्ष ने इस मामले में दोबारा मेडिकल करवाने की मांग की है। 

कैसे शुरू हुआ विवाद
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के लखनावली गांव में रहने वाले 5-8 साल के दो बच्चों का स्कूल बस में विवाद हो गया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि मामला गांव का था। इसलिए उन्होंने पहले आरोपी पक्ष के घर जाकर बातचीत करने का प्रयास किया, लेकिन आरोपी पक्ष के लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की। जिसकी वजह से वह बच्चों के विवाद में थाने चले गए। पीड़ित का आरोप है कि मामला दो बच्चों के बीच का था। इसलिए बड़ों को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए था। उसके बावजूद भी आरोपी पक्ष के व्यक्ति ने उनके बेटे को पीटा। इसी को लेकर वह आरोपी के घर शिकायत लेकर पहुंचे थे। वहां पर उसके साथ बदतमीजी हुई, जिसके बाद वह कोतवाली पहुंचे।

सीएससी के डॉक्टर पर 70 हजार रुपए लेने का आरोप
पीड़ित पक्ष का कहना है कि सूरजपुर कोतवाली में इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया। जिसके बाद उनको कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेश पर आरोपी पक्ष के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मुकदमा पंजीकृत होने के बाद आरोपी पक्ष ने अपनी बेटी का फर्जी तरीके से मेडिकल करवाया। पीड़ित का आरोप है कि बादलपुर सीएससी में आरोपी के पक्ष में अपनी बेटी का फर्जी तरीके से मेडिकल करवाया। इस फर्जी मेडिकल रिपोर्ट को बनाने के लिए डॉक्टर पर 70 हजार रुपए लेने का आरोप भी लगाया है। 

मुख्यमंत्री से लेकर सीएमओ तक पत्र भेजा
पीड़ित का कहना है कि फर्जी मेडिकल दिखाकर आरोपी यह कहना चाहता है कि उसकी बेटी की पसली टूटी हुई है। जबकि पसली टूटी होती तो कम से कम एक महीने का बेड रेस्ट लेना पड़ता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। पीड़ित का आरोप है कि फर्जी तरीके से मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई। अब पीड़ित परिवार ने इस मामले में मुख्यमंत्री से लेकर सीएमओ तक चिट्ठी लिखकर दोबारा से मेडिकल जांच करवाने की मांग की है।

सीएमओ डॉ.सुनील कुमार शर्मा का बयान
इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ.सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि पूरा केस उनके संज्ञान में है। मेडिकल बोर्ड के द्वारा टीम का गठन किया गया है। जिसने अभी रिपोर्ट पेश नहीं की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे एक्शन लिया जाएगा। प्रभारी डॉक्टर के खिलाफ पूर्व में भी फर्जी रिपोर्ट का मामला लंबित पड़ा है। अगर सीएससी के डॉक्टर के खिलाफ फर्जी रिपोर्ट बनाने का मामला सही साबित होता है तो उनके खिलाफ भी एक्शन किया जाएगा।

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