Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा एक्शन मोड में आ गए हैं। जिले में काफी सारे बकायदार बिल्डर हैं, जिन पर करोड़ों रुपए बकाया है। काफी बार नोटिस देने के बावजूद भी जब बिल्डर पैसे देने को तैयार नहीं है तो उनकी संपत्ति को जप्त किया जा रहा है। अब ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित भसीन इंफ्राटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बड़ा एक्शन लिया है। ग्रेटर नोएडा के वेनिस मॉल में स्थित सिनेमा हॉल को सील कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक भसीन इंफ्राटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर 1.95 करोड़ रुपए बकाया है। इसी वजह से यह एक्शन हुआ।
जिले के बिल्डरों पर 600 करोड़ रुपए बकाया
दरअसल, यूपी रेरा का नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों पर करीब 600 करोड़ रुपए बकाया है। बकाया पैसे को वसूलने के लिए मनीष कुमार वर्मा ने आदेश दिए हैं। डीएम का सख्त आदेश है कि अगर बिल्डर पैसा ना दे तो प्रॉपर्टी जप्त करके उससे वसूली की जाए। जरूरत पड़ने पर इनकी नीलामी भी की जा सकती है। इसके अलावा फ्लैट खरीदारों और कमर्शियल प्लॉट जिन बिल्डरों ने लोगों को नहीं दिए हैं, उनकी मुनादी करने के आदेश भी दिए गए हैं। कुल मिलाकर अब मनीष कुमार वर्मा का डंका शुरू हो गया है। लगातार नोटिस और उसके बाद रिकवरी पर काम किया जा रहा है।
बिल्डर पर बकाया 1.95 करोड़ रुपए
एसडीएम अंकित कुमार का कहना है कि ग्रैंड वेनिस पर यूपी रेरा के 1.95 करोड़ रुपए बकाया है। संबंधित बिल्डर को काफी बार नोटिस जारी किया गया, लेकिन उसके बावजूद भी पैसा जमा नहीं किया। ऐसे में अब जिलाधिकारी के आदेश पर ग्रैंड वेनिस मॉल में स्थित सिनेमा हॉल को सील कर दिया है। जिलाधिकारी का आदेश एक ही पैसा जमा करने के बाद ही सिनेमा हॉल दोबारा से शुरू हो सकता है।
सबसे ज्यादा दादरी तहसील में बकायदार
आपको बता दें कि पूरे जिले में सबसे ज्यादा दादरी तहसील में बकायदार बिल्डर हैं। दादरी तहसील में अलग अलग बिल्डर पर करीब 500 करोड़ रुपए बकाया है। इसके अलावा सदर तहसील अंतर्गत बिल्डरों पर 100 करोड रुपए बकाया है। जिला प्रशासन अभियान चलाकर अभी तक 178 करोड़ रुपए वसूल चुका है।
काफी समय से चल रहा अभियान, कई बिल्डरों के दफ्तर सील
डीएम का यह अभियान काफी समय से चल रहा है। सितंबर 2023 में जिला प्रशासन ने जेपी एसोसिएट का कार्यालय सील किया था। जेपी एसोसिएट पर यूपी रेरा के 35 करोड़ रुपए बकाया था। इसके बाद सुपरटेक लिमिटेड और सन वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर को सील किया गया। सुपरटेक पर 33 करोड़ रुपए बकाया है और सन वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड पर 182 करोड़ रुपए बकाया है। जिलाधिकारी का कहना है कि आगे भी यह अभियान चलता रहेगा।