फ्लोरिस हॉस्पिटल और इस बड़ी दवा कंपनी पर कसेगा शिकंजा, औषधि विभाग ने एक हफ्ते में मांगी जानकारी

दादरी वैक्सीन ट्रायल केसः फ्लोरिस हॉस्पिटल और इस बड़ी दवा कंपनी पर कसेगा शिकंजा, औषधि विभाग ने एक हफ्ते में मांगी जानकारी

फ्लोरिस हॉस्पिटल और इस बड़ी दवा कंपनी पर कसेगा शिकंजा, औषधि विभाग ने एक हफ्ते में मांगी जानकारी

Tricity Today | फ्लोरिस हॉस्पिटल के लिए गोपाल लैब पर ट्रायल किया गया

दादरी कस्बे के गोपाल पैथोलॉजी लैब कांड में गौतमबुद्ध नगर जिला औषधि विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस केस में गाजियाबाद स्थित फ्लोरिस हॉस्पिटल और अहमदाबाद की कैडिला कंपनी को नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है। दोनों से एक हफ्ते में इसका जवाब देने के लिए कहा जाएगा। अगर अस्पताल प्रबंधन और कंपनी की तरफ से निर्धारित वक्त में जानकारी नहीं दी गई, तो दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जिला औषधि विभाग गाजियाबाद के फ्लोरिस अस्पताल से और जानकारी जुटा रहा है। 

दरअसल अस्पताल प्रबंधन को कैडिला कंपनी ने कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल करने की जिम्मेदारी दी थी। हॉस्पिटल प्रबंधन ने इसके लिए दादरी के गोपाल पैथोलॉजी लैब को चुना था। मगर जांच में यह लैब पंजीकृत नहीं पाया गया। पहले ही दिन वहां 19 लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज एक साथ देकर ट्रायल किया गया था। शुरुआती जांच में अस्पताल प्रबंधन को दोषी माना गया है। 

मांगा जाएगा स्पष्टीकरण
जिला औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंपनी को नोटिस देकर इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। मसलन करार के मुताबिक कंपनी ने फ्लोरिस अस्पताल को वैक्सीन की कितनी वायल दी। क्लीनिकल ट्रायल के लिए क्या प्रक्रिया तय हुई थी। ट्रायल के लिए चुने गए लोगों को कितनी डोज देनी थी। फ्लोरिस हॉस्पिटल प्रबंधन से अब तक इस्तेमाल हो चुके वायल के बारे में पूरी जानकारी मांगी जाएगी।

यह है पूरा मामला
बताते चलें कि 16 फरवरी की शाम दादरी स्वास्थ्य विभाग ने दादरी कस्बे में स्थित गोपाल पैथोलॉजी लैब में छापेमारी की थी। यहां लैब के बाहर नारी रक्षा दल के बैनर तले अवैध रूप से लोगों को मुफ्त में जायड्स कैडिला कंपनी की वैक्सीन दी जा रही थी। कंपनी इस टीके का क्लीनिकल ट्रायल कर रही थी। पर लोगों को इसकी भनक नहीं लगी। मौके से गिरफ्तार लोगों ने फ्लोरिस हॉस्पिटल के साथ अपना करार बताया। 

हालांकि वे करार संबंधी दस्तावेज दिखाने मे असफल रहे। बाद में जांच में लैब भी पंजीकृत नहीं मिली। मामले में फ्लोरिस अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डॉ महेश चौधरी, लैब संचालक विकास वशिष्ठ समेत सात के खिलाफ धोखाधड़ी और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 18ए/27 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। अब तक इनमें से चार गिरफ्तार हो चुके हैं।

सोशल मीडिया से हुआ खुलासा
इस पूरे मामले का खुलासा सोशल मीडिया के जरिए हुआ था। विकास के परिवार के ही लोगों ने और होम्योपैथी डॉक्टर संजीव ने डॉक्टरों के एक व्हॉट्सएप ग्रुप पर वैक्सीन लगवाने की फोटो डाली थी। इसके बाद यह फोटो वायरल हो गया। इस ग्रुप में दादरी के कई चिकित्सकों के साथ स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी भी जुड़े थे। 

जैसे ही उन्हें फोटो के जरिए मामले की जानकारी हुई, टीम सक्रिय हो गई। स्वास्थ विभाग की एक जांच टीम पुलिस के साथ गोपाल पैथ लैब पहुंची। जब वहां कार्रवाई शुरू हुई, तो इलाके के लोगों को पूरा मामला समझ में आया। स्वास्थ्य विभाग ने संचालक समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

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