Greater Noida : अथॉरिटी के प्रॉजेक्ट विभाग में इस समय बड़ा खेला चल रहा है। किसानों से लीज प्लान जारी करने के नाम पर मोटी रकम मांगी जा रही है। इस तरह के कई मामले में शिकायत किसानों की ओर से अथॉरिटी में दर्जनों बार दर्ज करा चुकी है।
क्या है पूरा मामला
मामला ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से सटे साकीपुर गांव का है। साकीपुर गांव के किसान भवर सिंह पुत्र लखमीचंद ने सीईओ के नाम पत्र ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में दिया है। भवर सिंह का कहना है कि उसे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से पॉकेट-डी में प्लॉट संख्या 66 आवंटन पत्र संख्या एसएके 012-83, 12 साल पहले जारी किया गया था। 12 साल के बाद भी आज तक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के प्रोजेक्ट विभाग की ओर से लीज प्लान तक जारी नहीं किया गया है। इसके अलावा प्लॉट तक पहुंचने के लिए कोई किसी तरह की सडक, सीवर और नाली का निर्माण तक नहीं किया गया है।
टेक्निकल सुपरवाइजर समेत कई अफसरों पर आरोप
किसान का आरोप है कि सैकड़ों बार उन्होंने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के चक्कर लगाए थे, उसके बावजूद भी कोई लीज प्लान जारी नहीं किया गया। आरोप है कि प्रॉजेक्ट के अधिकारी टेक्निकल सुपरवाइजर समेत कई अफसर लीज प्लान जारी करने के नाम पर मोटी रकम की मांग करते है।
सीईओ से भी मांगी मदद
किसान का कहना है कि डी-66 प्लॉट का डिवलेपमेंट चार्ज और 64.7 प्रतिशत धनराशी भी कई साल पहले जमा कर दी गई है। एक लाख 74 हजार रुपए जमा हुए 7 साल बीत गए है, लेकिन लीज प्लान और सडक, सीवर, नाली, का काम अभी तक नहीं हुआ है। किसान का आरोप है कि उसके पास अफसरों को लीज प्लान जारी कराने के लिए घूस देने के लिए इतने पैसे भी नहीं है। किसान का कहना है कि सीईओ से उम्मीद है कि उसके प्लॉट का लीज प्लान जारी करने में कुछ मदद मिल सकेगी। नहीं तो इसके अलावा हाईकोर्ट का दरवाजा ही खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।