ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जमीन तो भूमाफिया को दे दी और लीज रेंट आवंटी से मांग रहा है

तुस्याना भूमि घोटाला : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जमीन तो भूमाफिया को दे दी और लीज रेंट आवंटी से मांग रहा है

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जमीन तो भूमाफिया को दे दी और लीज रेंट आवंटी से मांग रहा है

Tricity Today | तुस्याना

Greater Noida : तुस्याना भूमि घोटाले में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने बड़ा अजीबोगरीब फैसला लिया है। सूरजपुर-कासना मुख्य सड़क के किनारे नॉलेज पार्क-1 में नर्सरी की जमीन पर मधु के नाम 691 वर्ग मीटर जमीन पर प्लॉट लगाया गया। मधु इस घोटाले के मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह की पुत्रवधु है। नर्सरी की जमीन के मालिक को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 62 लाख रुपये लीज रेंट जमा करने का नोटिस भेज दिया। जबकि नर्सरी की जमीन पर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने सन 2014 में 691 वर्ग मीटर जमीन की लीज मधु के नाम कर दी थी। उससे पहले लीज नर्सरी के नाम पर की थी। अब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का नोटिस मिलने से नर्सरी के आवंटी के होश उड़ गए हैं।

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने साल 2001 में 30 वर्षों के लिए सेक्टर बीटा वन के निवासी वीरेंद्र सिंह को आवंटित की थी। साल 2014 में अथॉरिटी ने अचानक नर्सरी खुर्द-बुर्द करके 691 वर्ग मीटर का भूखंड तुस्याना भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह प्रधान मकोड़ा की पुत्रवधु को दे दिया। राजेंद्र सिंह ने यह रजिस्ट्री दूसरी महिला का फोटो लगाकर अपने बेटे दीपक की पत्नी मधु के नाम पर करवा ली। इस तरह नर्सरी की जमीन करीब आठ साल पहले वीरेंद्र सिंह के हाथों से निकल गई। अब प्राधिकरण ने 62 लाख रुपये का लीज रेंट वसूलने के लिए नोटिस वीरेंद्र सिंह को भेज दिया है। यह नोटिस मिलने से नर्सरी का मालिक परेशान है।

नर्सरी मालिक का कहना है, "पहले नर्सरी की जमीन छीन ली गई। पेड़-पौधे उजाड़ दिए गए। हमारी ट्यूबवैल उखाड़ दी गई। ऊपर से अथॉरिटी ने 62 लाख रुपये चुकाने का नोटिस थमा दिया है। अथॉरिटी के अधिकारी इस पूरे गोरखधंधे में लिप्त हैं। यह सबकुछ तुस्याना भूमि घोटाले को दबाने के लिए किया जा रहा है। भूमाफिया और गुर्गे चाहते हैं कि मैं चुप हो जाऊं।" कुल मिलाकर नर्सरी मालिक दर-दर की ठोकरें खाते फिर रहा है। 62 लाख रुपये का नोटिस मिलने से होश फाख्ता हैं। घर का चूल्हा जलना बंद हो गया है। पहले नर्सरी से गुजारा चल जाता था लेकिन साल 2014 में नर्सरी की जमीन पर प्लॉट लगाने और प्लॉट पर कमर्शियल बिल्डिंग खड़ी होने के बाद पूरा करोबार चोपट हो गया है। वीरेंद्र खारी कहते हैं कि वह अथॉरिटी के अधिकारियों के सामने लाख गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

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