ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 10 हजार एलआईजी और ईडब्ल्यूएस आवासों का करेगा निर्माण, इन दो वर्ग के लोगों को मिलेगा तोहफा

बड़ी खबर : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 10 हजार एलआईजी और ईडब्ल्यूएस आवासों का करेगा निर्माण, इन दो वर्ग के लोगों को मिलेगा तोहफा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 10 हजार एलआईजी और ईडब्ल्यूएस आवासों का करेगा निर्माण, इन दो वर्ग के लोगों को मिलेगा तोहफा

Tricity Today | Narendra Bhooshan IAS

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग वाले परिवारों के लिए शहर में 10 हजार किफायती आवास की सौगात देने जा रहा है। इस संबंध में आखिरी फैसला प्राधिकरण की बैठक में लिया जा चुका है। अथॉरिटी ने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के आवासीय सेक्टर – 1, 2, 3 के असंगठित आवासीय भूखंडों पर इन आवासों को निर्मित किए जाने का निर्णय लिया है। 

प्राधिकरण इन आवासों को पूरा करने में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का भी क्रियान्वयन करेगी। ताकि इन घरों को बनाने में लागत का कुछ हिस्सा शहरी आवास योजना से निकाला जा सके। साथ ही निजी क्षेत्र के बिलडरों को इन भवनों को बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि लाभार्थियों के चयन में अथॉरिटी सतर्कता बरतेगी। सर्वेक्षण के बाद ही लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। प्राधिकरण सर्वेक्षण का काम 1 फरवरी से शुरू कर देगा।

आवासीय योजना का मकसद 
दरअसल ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी क्षेत्र के कई आवासीय क्षेत्रों में कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लोगों के लिए आवास विकसित कराएगी। इसका मकसद निम्न आय और कमजोर वर्ग के लोगों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक देश के हर नागरिक को अपने पक्के मकान का वादा किया है। इस कड़ी में प्राधिकरण की योजना बेहद अहम है। 

भारत सरकार, प्रधानमंत्री आवास योजना के मिशन को पूरा करने में चार कंपोनेंट्स में से एक अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप के तहत ईडब्ल्यूएस आवास के लिए 1.50 लाख रुपए की सहयोग राशि देती है। जबकि राज्य सरकार इसमें एक लाख रुपये का आर्थिक सहयोग देती है। इस तरह हर ईडब्ल्यूएस आवास के लिए 2.50 लाख रुपये की सरकारी सहायता मिल जाती है।

क्या है मानक 
केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आर्थिक अनुदान लेने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें पूरी करनी होंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप कंपोनेंट (भागीदारी में किफायती आवास) के निर्देशों के मुताबिक भारत सरकार से 1.50 लाख रुपये की आर्थिक मदद के लिए परियोजना में कम से कम 250 आवास होने चाहिए। इनमें से न्यूनतम 35 फीसदी आवास (100 फ्लैट्स) कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों के लिए आरक्षित रखा जाएगा।

10 फीसदी कॉमर्शियल उपलब्ध कराएगा प्राधिकरण 
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस परियोजना में स्वीकृत कुल एफएआर का 10 प्रतिशत कॉमर्शियल बिल्डर या डेवलपर को पहले उपलब्ध करा देगा। बिल्डर या डेवलपर नियमानुसार इनकी बिक्री कर सकेंगे।

इन शर्तों का पूरा होना जरूरी 
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 10 हजार आवासीय परियोजना के लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता भी लेगा। इसके लिए कोई भी निजी बिल्डर या डेवलपर प्राधिकरण की परियोजना पर काम कर सकता है। इसके लिए संबंधित कंसोर्सियम, औद्योगिक इकाई, पंजीकृत सोसायटी, को ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी, या एसोसिएशन आवासीय लैंड को खरीदने के लिए राजी होय। साथ ही योजना के आधार पर बिल्डर या डेवलपर की पिछले 3 साल की रियल स्टेट में न्यूनतम एवरेज नेटवर्थ प्राधिकरण के मानकों के मुताबिक होनी चाहिए।
 
योजना का क्षेत्रफल  गत 3 वर्ष का औसत नेटवर्थ 
3 हेक्टेयर तक   2 करोड रुपये
3-5 हेक्टेयर तक  5 करोड रुपये
5-10 हेक्टेयर तक 10 करोड रुपये
10 हेक्टेयर से ज्यादा 1 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर

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