गर्भवती महिला के पेट में बच्चे की मौत और महिला की जान जोखिम में डालने के आरोप में ज़िला न्यायालय के आदेश पर दादरी स्थित एक अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ के खिलाफ मुक़दमा दर्ज हुआ है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पेट में बच्चे की मौत होने के बाद भी न बताने और गलत अल्ट्रासाउंड से गुमाराह करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मुक़दमा दर्ज करने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कुलदीप नागर ने जिला न्यायालय में याचिका दायर कर बताया कि उसने अपनी पत्नी को आठ अगस्त को दादरी के निजी अस्पताल रूटीन चेकअप के लिए दिखाया था। उसकी पत्नी करीब आठ माह की गर्भवती थी। महिला डॉक्टर ने 25 अगस्त को प्रसव के लिए तिथि दी थी। 22 अगस्त को उसकी पत्नी को दिक्कत महसूस होने पर वह उसे अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने पहले गैस बताते हुए दवाई दी। इसके बाद उसी दिन प्रसव के लिए कहा।
प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव हो गया। जिसके बाद वह पत्नी को दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां बताया गया कि बच्चे की धड़कन खत्म हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बच्चा मृत है और महिला का आपरेशन कर बच्चा निकाला गया। पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए दादरी कोतवाली पुलिस को मुक़दमा दर्ज करने का आदेश दिया। पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।