गौतमबुद्ध नगर के कोविड-19 नोडल अफसर नरेंद्र भूषण कहां गायब, पूछ रहे शहर के परेशान लोग

तलाश : गौतमबुद्ध नगर के कोविड-19 नोडल अफसर नरेंद्र भूषण कहां गायब, पूछ रहे शहर के परेशान लोग

गौतमबुद्ध नगर के कोविड-19 नोडल अफसर नरेंद्र भूषण कहां गायब, पूछ रहे शहर के परेशान लोग

Tricity Today | Narendra Bhooshan IAS

ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO Greater Noida) नरेंद्र भूषण (Narendra Bhushan) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गौतमबुद्ध नगर जिले का कोविड-19 प्रभारी नियुक्त किया है। राज्य में नरेंद्र भूषण अकेले ऐसे अधिकारी हैं, जिनकी नियुक्ति के लिए अलग से शासनादेश जारी किया गया। जिसमें बाकायदा उन्हें जिले की कमान सौंपी गई। इतना ही नहीं जिले के पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, तीनों विकास प्राधिकरण और तमाम दूसरे महकमों को उनके मातहत कर दिया गया। दूसरी ओर शहर के लोग नरेंद्र भूषण को तलाश कर रहे हैं। अभी तक आम आदमी के बीच यह चर्चा थी, लेकिन अब जिले के खास लोग भी इस मसले पर बात कर रहे हैं। लोग बाकायदा ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर पोस्ट डालकर पूछ रहे हैं कि आखिर नरेंद्र भूषण कहां गायब हो गए हैं?

पिछले 10 दिनों में कोरोनावायरस के संक्रमण ने गौतमबुद्ध नगर जिले का हाल बेहाल कर दिया है। लोगों को अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं। टेस्ट करवाने के लिए मारामारी का आलम है। अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है। इंजेक्शन और दवाई नदारद हैं। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा शहर में सैनिटाइजेशन नहीं हो रहा है। ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गांव के लोग लगातार सोशल मीडिया पर लिखकर सैनिटाइजेशन करवाने की मांग कर रहे हैं। शहर के लोगों को प्राधिकरण की ओर से कोई जवाब तक नहीं दिया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लोगों को उत्तर नहीं मिल रहे हैं।

भाजपा नेताओं ने ही सीईओ की तलाश शुरू की
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रताप नागर ने गुरुवार जो एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है, "गौतमबुद्ध नगर में कोरोनावायरस के संक्रमण में हाहाकार मचा रखा है। मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं हो रही है कि नोएडा में हालात खतरनाक हैं और गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह के अलावा स्थानीय प्रशासन का कोई पता नहीं है। हमारे दो महत्वपूर्ण अफसर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई और कोविड-19 नोडल अधिकारी नरेंद्र भूषण गायब हैं।"
प्रताप नागर ने ट्राईसिटी टुडे से बातचीत में कहा, "हम लोग आम आदमी की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। जिले से रोजाना सैकड़ों लोगों के फोन मदद मांगने के लिए आ रहे हैं। यह जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने नरेंद्र भूषण को सौंपी है। उन्हें फोन मिलाने का कोई फायदा नहीं है। वह किसी का भी फोन नहीं उठा रहे हैं। उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल को टैग करके कोई सूचना लिखी जाती है तो उसका कोई जवाब नहीं आता है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के ट्विटर हैंडल से भी किसी को कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। नरेंद्र भूषण ने एक तरह से गौतमबुद्ध नगर जिले को अपने हाल पर छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे जिले का पुलिस, प्रशासन और प्राधिकरण का अमला उन्हें सौंपा है, इसके बावजूद वह आम आदमी को रत्ती भर मदद नहीं दे पा रहे हैं।"

प्रताप नागर ने गुरुवार की दोपहर एक और ट्वीट किया है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा, नोएडा के विधायक पंकज सिंह, दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर और जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह को टैग किया है। इस ट्वीट में प्रताप नागर में चारों जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि नोडल ऑफिसर नरेंद्र भूषण के सहारे नहीं रहें। वह कुछ नहीं कर रहे हैं। जिले की जनता बहुत परेशान है। अब जनप्रतिनिधियों को ही आगे आकर काम करना चाहिए।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के एक अन्य नेता जितेंद्र अग्रवाल ने भी ट्वीट किया है। जितेंद्र अग्रवाल ने कहा, "नरेंद्र भूषण गायब हो गए हैं। जिला कोरोनावायरस संक्रमण से जूझ रहा है। लोग मर रहे हैं। नरेंद्र भूषण के हाथों में गौतमबुद्ध नगर बर्बाद हो रहा है।" जितेंद्र अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने खुद कई बार नरेंद्र भूषण के मोबाइल नंबर पर फोन किए। उनके कार्यालय में फोन किए। किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। नरेंद्र भूषण को मैसेज करने पर भी कोई प्रतिउत्तर नहीं आता है। ऐसे अफसर को इस महामारी के दौर में इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने का क्या फायदा है। डीएम ने न जाने कितने नंबर जारी किए हैं। उनमें से ज्यादतर बंद पड़े हैं या रिसीव नहीं हो रहे हैं।
जिले के एक जनप्रतिनिधि ने ट्राइसिटी टुडे से बातचीत के दौरान कहा, "लोग मुझे ट्विटर पर टैग करके मदद मांग रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के लोगों की परेशानियों को लेकर मैंने नरेंद्र भूषण से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। मजबूर होकर ट्विटर पर उन्हें टैग करके पीड़ित लोगों को मदद देने के लिए कहा। उस पर भी उनके और प्राधिकरण के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा शहर से रोजाना सैकड़ों लोग मदद मांग रहे हैं। ऐसे में यह समझ नहीं आता कि आखिर लोगों की मदद कैसे की जाए।"

गौतमबुद्ध नगर कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अतुल शर्मा ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है। अतुल शर्मा ने लिखा, "ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण गायब हैं। उन्हें इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गलत दांव चल दिया है। मुझे लगता है कि नरेंद्र भूषण इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सम्भालने लायक अफसर नहीं हैं। उन्होंने तो ग्रेटर नोएडा शहर ही बर्बाद कर रखा है। अब पूरे जिले में हायतौबा है। वह किसी का फोन तक नहीं उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनका दफ्तर जवाब नहीं दे रहा है।" 

उन्होंने आगे कहा, "जिले में सबसे निष्क्रिय ट्विटर हैंडल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और नरेंद्र भूषण का है। करीब 4 साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास प्राधिकरण को ट्विटर पर सक्रिय रहने का आदेश दिया था। दूसरी ओर नोएडा में ऋतु महेश्वरी ने विकास प्राधिकरण को सोशल मीडिया पर पायनियर बना दिया है। कोई भी शिकायत करने पर या मदद मांगने पर नोएडा विकास प्राधिकरण और वहां की सीईओ का जरूर जवाब मिलता है। सेनेटाइजेशन तक नहीं हो रहा है। भगवान के सहारे जिला है।"

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