दुजाना गांव में लगा दादी सती का मेला, जानिए क्या है मंदिर का इतिहास, जहां नेहरू, चरण सिंह और अटल बिहारी ने भी मत्था टेका

ग्रेटर नोएडा : दुजाना गांव में लगा दादी सती का मेला, जानिए क्या है मंदिर का इतिहास, जहां नेहरू, चरण सिंह और अटल बिहारी ने भी मत्था टेका

दुजाना गांव में लगा दादी सती का मेला, जानिए क्या है मंदिर का इतिहास, जहां नेहरू, चरण सिंह और अटल बिहारी ने भी मत्था टेका

Tricity Today | दुजाना गांव में लगा दादी सती का मेला

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के दुजाना गांव में हर साल की तरह शनिवार को दादी सती मंदिर में मेले का आयोजन किया गया। साथ ही गांधी इंटर कॉलेज का वार्षिकोत्सव मनाया गया। मेले में सैकड़ों दुकानें और स्टाल लगाए गए। मेले में मंदिर समिति के 130 वोलिएंटर्स और 200 पुलिसकर्मी व्यवस्था में तैनात रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुर्जर विद्यासभा के अध्यक्ष राधाचरण भाटी ने की है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दादरी विधायक तेजपाल नागर रहे। 

मेले में दिखती है हरियाणा-राजस्थानी झलक
मास्टर भूपेन्द्र नागर ने बताया कि मेले में हरियाणवी और राजस्थानी कार्यक्रम होते है। खाने-पीने के स्टाल लगाये जाते है। बच्चो के मनोरंजन के लिए बड़े बड़े झूले विशेष आकर्षण का केंद्र होते है। मेले का आयोजन का समस्त कार्य दादी सती मंदिर समिति द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन के सहयोग से किया जाता है। मेले की तैयारी में ग्रामीण एक महीने पहले से लग जाते है। गांव और घरों की साफ सफाई की जाती है। बम्ब भी बजाई जाती है।

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बड़े-बड़े राजनेताओं ने मेले में दर्ज कराई उपस्थिति
मेले वाले दिन गांव के श्री गांधी इंटर कॉलेज में एक कार्यक्रम भी होता है। जिसमे बड़े राजनीतिक लोगो की उपस्थिति रही है। इस बार पंचायत चुनाव आचार सहिंता लगे होने के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया हैं। 10 नवंबर 1963 को पंडित जवाहरलाल नेहरू इस आयोजन में आये थे। 1980 मे प्रधनमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी यहां आये थे और पूजा अर्चना भी की थी। चैधरी चरण सिंह और राजेश पायलट सरीखे नेता भी यह शिरकत कर चुके है।

दादी सती मंदिर की कहानी
दुजाना गांव में करीब 264 साल पुराने दादी सती मंदिर में होली के अगले दिन लगने वाले मेले में बड़े-बड़े दिग्गज आते रहे हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, देश में पांच साल पहली गैर कांग्रेसी सरकार चलाने वाले प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी, गुर्जर नेता और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं शामिल रहे राजेश पायलट समेत तमाम राजनेता यहां आए और मंदिर से आशीर्वाद लेकर गए। इस बार भी यहां मेला बुधवार को मेले का आयोजन किया गया है।

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1980 में अटल बिहारी वाजपेयी भी यहां आए थे
यह मेला हर साल लगता है। इस आयोजन में बड़े-बड़े लोग आते रहे हैं। गांव के मेजर रूप सिंह नागर ने बताया कि 10 नवंबर 1963 को पंडित जवाहर लाल नेहरू इस आयोजन में आए थे। जबकि, 1980 में अटल बिहारी वाजपेयी भी यहां आए थे। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी। चौधरी चरण सिंह, राजेश पायलट सरीखे नेता भी मेले में शिरकत कर चुके हैं। इस गांव के श्री गांधी इंटर कॉलेज में कार्यक्रम होता है।

ऐसे बना गांव में मंदिर
दुजाना गांव में दादी सती मंदिर की स्थापना 264 वर्ष पूर्व की गई थी। मास्टर भूपेन्द्र नागर ने बताया कि दुजाना गांव के भगीरथ सिंह का विवाह हरियाणा के पाली गांव की रामकौर से हुआ था। भगीरथ सेना में कार्यरत थे। विवाह के तुरंत बाद वह बॉर्डर पर अपनी पलटन में चले गए। वहां पर वह शहीद हो गए थे। बताते हैं कि शहीद होने की सूचना मिलने से पूर्व उनकी पत्नी रामकौर को अनिष्ट होने का आभास हो गया था। उन्होंने सती होने का प्रण लिया और आधिकारिक सूचना आने से पहले वह सती हो गई थीं। जहां पर देवी रामकौर ने अग्नि समाधि ली थी, उस स्थान पर गांव के लोगों ने मंदिर का निर्माण किया है।

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