एक्सीडेंट के बावजूद कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर साहब, हाथ टूटा लेकिन हिम्मत नहीं टूटी

जज्बे को सलाम : एक्सीडेंट के बावजूद कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर साहब, हाथ टूटा लेकिन हिम्मत नहीं टूटी

एक्सीडेंट के बावजूद कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर साहब, हाथ टूटा लेकिन हिम्मत नहीं टूटी

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कोरोना महामारी में डॉक्टर लोगों के लिए भगवान बने हुए हैं। विषम परिस्थितियों में डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं। प्रकाश अस्पताल में इमरजेंसी में ड्यूटी करने वाले डॉ. करण 12 से 15 घंटे रोजाना मरीजों के बीच समय बिताते हैं। एक्सीडेंट में हाथ में फ्रैक्चर हो गया, बावजूद इसके वह लगातार अपनी जिम्मेदारी का निर्माण कर रहे हैं। 

जनपद में कोरोना महामारी कहर बनकर टूट रही है। महामारी से लोगों को बचाने के लिए सबसे आगे की लाइन में डॉक्टर ही खड़े हुए हैं। विषम परिस्थितियों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बिना अवकाश लिए डॉक्टरों की 12 से 15 घंटे की ड्यूटी आम बात है। कई बार डॉक्टरों को 24- 24 घंटे लगातार काम करना पड़ रहा है। लोगों को बचाने के लिए डॉक्टर जद्दोजहद कर रहे हैं। सीमित संसाधनों में मरीजों को बेहतर इलाज देने में लगे हुए हैं। 

ग्रेटर नोएडा के प्रकाश अस्पताल में डॉ. करण लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। पिछले 1 महीने से बिना अवकाश लिए वह इमरजेंसी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस अस्पताल में भी कोविड मरीजों का इलाज हो रहा है। डॉ. करण रोजाना 12 से 15 घंटे ड्यूटी करते हैं। पिछले एक माह से उन्होंने अवकाश नहीं लिया है। डॉ. करण शुक्रवार को ड्यूटी खत्म करके फरीदाबाद जा रहे थे। रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में उनके हाथ में फैक्चर हो गया।

उन्होंने प्लास्टर चढ़वाया और अपना ट्रीटमेंट कराया। इसके बाद फिर वह ड्यूटी पर आ गए। शनिवार को भी वह अपनी नियमित ड्यूटी पर थे। डॉ. करण ने बताया कि इस समय मरीजों की जान खतरे में है। अवकाश करना ठीक नहीं है। वह प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक मरीजों की सेवा की जाए। यही कारण है कि रोजाना की तरह अपनी ड्यूटी पर लगे हुए हैं।

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