Tricity Today | किसानों ने चेयरमैन आलोक टंडन से वार्ता की
बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर बैठे किसानों और अधिकारीयों के बीच तीसरे दौर की वार्ता हुई है। जिसमें उत्तर प्रदेश के औद्योगिक आयुक्त आलोक टंडन भी मौजूद रहे। वार्ता के बारे में किसान समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने कहा कि विशेष जांच समिति ने पुश्तैनी किसान की आबादी के साथ मिलने वाले छह प्रतिशत प्लॉट को निरस्त करने की सिफ़ारिश की है। इस वापस लिया जाए। मनवीर ने बताया कि आलोक टंडन और अरुणवीर सिंह ने किसानों की मांग से सहमति जताई है।
मनवीर भाटी ने बताया कि आलोक टंडन ने आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट में किसानों से जुड़े मुद्दों को संशोधित करने के लिए शासन के सामने पेश किया जाएगा। गुरुवार को एसआईटी की बैठक होगी। जिसमें किसानों के हितों को प्रभावित करने वाले बिंदुओं पर पुनर्विचार किया जाएगा। किसानों ने दूसरी मांग रखी कि 10% विकसित भूमि उन्हें अधिग्रहण के सापेक्ष वापस दी जानी चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिसरख को पतवाड़ी से जुड़े मुकदमे में फैसला सुनाते हुए यह हक किसानों को दिया था। पहले विकास प्राधिकरण इसके लिए तैयार हो गया था, लेकिन बाद में प्राधिकरण ने कहना शुरू कर दिया कि यह लाभ केवल उन्हीं किसानों को दिया जाएगा, जो हाईकोर्ट गए थे। इस पर आलोक टंडन ने कहा कि यह प्रकरण भी शासन स्तर का है। शासन को विचार करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
किसानों ने तीसरी मांग 6% भूखंडों पर रखी इन पर प्राधिकरण ने पेनल्टी लगा रखी है। किसानों ने पेनल्टी खत्म करने की मांग की है। आलोक टंडन ने आश्वासन दिया है कि पलटी समाप्त करने के लिए प्रस्ताव बोर्ड के सामने ले जाया जाएगा। रोजा याकूबपुर गांव के किसानों को उनके आवासीय भूखंड बहुत दूर सादोपुर गांव में दिए गए हैं। इस पर भी विचार करने का आश्वासन दिया गया है। किसान नेता विकास नगर ने कहा कि हमारी जिन मांगों पर सहमति बनी है, जब तक उन मांगो को अमल में नहीं लाया जाता है, तब तक प्राधिकरण पर डटे रहेंगे। बिजेंद्र प्रधान ने कहा कि प्राधिकरण की किसी भी बात पर भरोसा तभी किया जा सकता है जब वह पूरी हो जाए। विकास प्राधिकरण किसानों के साथ हमेशा धोखा करता आया है। आश्वासन देकर किसानों को वापस भेज दिया जाता है, उसके बाद वर्षों तक कुछ नहीं किया जाता। इस बार हम प्राधिकरण के बाहर से धरना तभी समाप्त करेंगे जब हमारी मांगे पूरी हो जाएंगी।
मनवीर भाटी ने कहा कि यह बातचीत सकारात्मक रही है, लेकिन विश्वास तभी होगा जब एसआईटी बैठक करके सिफारिशों पर पुनर्विचार करेगी। आलोक टंडन से वार्ता करने गए प्रतिनिधिमंडल में सूबेदार रमेश रावल, राजेंद्र प्रधान, ओमवीर नेताजी, सुनील फौजी शामिल रहे। किसान सेवा संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने बताया कि विकास प्राधिकरण के बाहर चल रहा है किसानों का धरना जारी रहेगा। जब प्राधिकरण मांग पूरी कर देगा तो धरना समाप्त कर दिया जाएगा।
सकारात्मक बातचीत पर धीरेन्द्र सिंह ने खुशी जाहिर की : किसानों और औद्योगिक विकास आयुक्त के बीच हुई सकारात्मक वार्ता पर जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने खुशी जाहिर की है। धीरेंद्र सिंह ने यह मसला कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने उठाया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें सकारात्मक फैसला लेने का आश्वासन दिया था। धीरेंद्र सिंह ने कहा, राज्य सरकार किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री साफ तौर पर कह चुके हैं कि उनके रहते किसानों का कोई अहित नहीं हो सकता है। धीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों की मांग जायज हैं। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और एसआईटी को सकारात्मकता और मानवता के आधार पर निर्णय लेना चाहिए।