अथॉरिटी ने बातचीत का प्रस्ताव भेजा, किसानों ने ठुकराया, रखी यह बड़ी शर्त

ग्रेटर नोएडा किसान आंदोलन : अथॉरिटी ने बातचीत का प्रस्ताव भेजा, किसानों ने ठुकराया, रखी यह बड़ी शर्त

अथॉरिटी ने बातचीत का प्रस्ताव भेजा, किसानों ने ठुकराया, रखी यह बड़ी शर्त

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा किसान आंदोलन

 

  •  किसान सभा ने 63वें दिन बुधवार से धरने को दिन-रात जारी रखने का ऐलान किया
  •  भारतीय किसान परिषद ने सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में धरने को दिया समर्थन
  •  बातचीत के प्रस्ताव पर किसानों ने कहा- सांसद सुरेंद्र नागर के सामने बात होगी
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बाहर एक बार फिर किसान आंदोलन शुरू हो गया है। बुधवार को किसानों ने दिन-रात लगातार धरना देने की घोषणा कर दी है। दूसरी ओर बुधवार की दोपहर अथॉरिटी की ओर से किसानों को प्रस्ताव भेजा गया। बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया गया। दरअसल, पिछले सप्ताह के आख़िर में शासन ने नोएडा अथॉरिटी में नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी की तैनाती की है। नवागत सीईओ रवि कुमार एनजी ने पत्रकार वार्ता के दौरान किसानों की समस्याओं का हल निकालने की बात कही थी। लेकिन बातचीत के प्रस्ताव को फिलहाल किसानों ने ठुकरा दिया है। किसानों ने जवाब दिया है कि पिछला समझौता राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर की मौजूदगी में हुआ था। सुरेंद्र सिंह नागर की मौजूदगी में ही आगे कोई बातचीत होगी।

किसानों ने दिया यह जवाब
किसान सभा के प्रवक्ता रुपेश वर्मा ने कहा कि 24 जून के समझौते के उल्लंघन के नतीजे में 18 जुलाई से किसान सभा ने अपने स्थगित धरने को पुनः दिन-रात के धरने से शुरू किया है। 18 जुलाई को हजारों की संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुंचे और प्राधिकरण के गेट नंबर-1 के सामने अपना धरना जमा दिया है। किसानों में प्राधिकरण और सरकार के विरुद्ध जबरदस्त आक्रोश है। 18 जुलाई को प्राधिकरण की ओर से बातचीत के आमंत्रण को किसान सभा ने यह कहकर ठुकरा दिया कि जब तक 24 जून के समझौते के मध्यस्थ रहे राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर बातचीत में शामिल नहीं होंगे, तब तक बातचीत नहीं की जाएगी। इसी सिलसिले में बुधवार को धरना स्थल पर सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए। प्राधिकरण के विरुद्ध जबरदस्त नारेबाजी की।

किसान परिषद ने दिया समर्थन
बुधवार को सैकड़ों की संख्या में भारतीय किसान परिषद के कार्यकर्ता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान सभा के धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे। किसान भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष 10% प्लॉट, अधिग्रहण प्रभावित परिवारों में युवाओं को रोजगार, गांवों में भूमिहीनों को न्यूनतम क्षेत्रफल का आवासीय प्लाट और नए कानून को लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले 6 महीने से आंदोलनरत हैं। किसान सभा की जिला एक्शन कमेटी ने निर्णय लिया है कि 21 तारीख को जंतर-मंतर जाएंगे। आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर पर हुए हमले के विरोध में वहां धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। 21 तारीख को सुबह 10 बजे किसान सभा के कार्यकर्ता धरना स्थल से दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

अखिलेश यादव और जयंत चौधरी को बुलाने की कोशिश
समाजवादी पार्टी और लोकदल के जिला अध्यक्ष क्रमशः सुधीर भाटी और जनार्दन भाटी ने अवगत कराया कि जल्द ही दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों से समय लेकर अवगत करा देंगे। किसान सभा के प्रवक्ता डॉ.रुपेश वर्मा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि समस्याओं का हल होने पर ही आंदोलन खत्म होगा। जो लोग मध्यस्थ हैं, उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यदि जिम्मेदारी से पीछे हटे तो उसकी राजनीतिक कीमत भी उनको चुकानी पड़ेगी। संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि किसान सभा देशव्यापी किसानों का सबसे बड़ा संगठन है। संयुक्त किसान मोर्चा में विश्वास करता है। हम सभी किसान संगठनों और राजनीतिक पार्टियों की गोलबंदी करके प्राधिकरण और सरकार को झुकाने का काम करेंगे। धरने पर मौजूद सुखबीर खलीफा को भी संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल होने की दावत दी गई। जिस पर भारतीय किसान परिषद के साथियों ने शामिल होने का इरादा जाहिर किया।

‘ग्रेटर नोएडा के किसानों ने लड़कर हक हासिल किए’
किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा कि तीनों प्राधिकरणों ख़िलाफ़ समान मुद्दे हैं। ग्रेटर नोएडा का किसान हमेशा मुद्दों को सुलझाने में अग्रणी रहा है। दस प्रतिशत का प्लाट,  मुआवजा बढ़ाना, आबादी की नीति बनवाना, 64 परसेंट मुआवजा बढ़वाना, यह सारे हक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध किसानों ने संघर्ष करके हासिल किए हैं। जिनका लाभ नोएडा और यमुना अथॉरिटी के किसानों को भी मिला है। अबकी बार भी ग्रेटर नोएडा में 10% और अन्य मुद्दों पर लड़ाई जीती जाएगी। जिसका लाभ अन्य दोनों प्राधिकरण के दायरे वाले किसानों को मिलेगा। बुधवार को धरने में तिलक देवी, गीता देवी, रमा देवी, जोगेंद्री, पूनम, राजेश भाटी, सत्ते, यतेंद्र मैनेजर, निशांत रावल, सुधीर रावल, संदीप भाटी, यतेंद्र भाटी, प्रशांत भाटी, शशांक भाटी, आकाश नागर, अमित नागर, सुरेश यादव, भीम नागर, महाराज सिंह प्रधान, पप्पू प्रधान, राजू शर्मा, मोहित यादव, सुरेंद्र यादव, मदनलाल भाटी, अजय पाल भाटी, हरेंद्र खारी, कुलदीप भाटी, नरेंद्र नागर, सतवीर नागर, कुलदीप नागर और इंद्रजीत भाटी सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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