पहले कैंसर पीड़ित टीचर से इस्तीफा लिया, मौत के बाद वेतन के बकाया लाखों रुपये हड़पे

ग्रेटर नोएडा के जीडी गोयंका स्कूल ने हद कर दी : पहले कैंसर पीड़ित टीचर से इस्तीफा लिया, मौत के बाद वेतन के बकाया लाखों रुपये हड़पे

पहले कैंसर पीड़ित टीचर से इस्तीफा लिया, मौत के बाद वेतन के बकाया लाखों रुपये हड़पे

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा के जीडी गोयंका स्कूल ने हद कर दी

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के मैनेजमेंट ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं। जीडी गोयंका स्कूल में पढ़ाने वाली एक महिला टीचर की कैंसर की वजह से मौत हो गई। महिला टीचर का स्कूल पर लाखों रुपए बकाया है, लेकिन मैनेजमेंट ने अभी तक नहीं चुकाया है। इस मामले में महिला टीचर के पति ने ज़िला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि कोरोना काल के दौरान उनकी पत्नी की सैलरी रोक दी गई थी। जीडी गोयंका स्कूल पर उनकी पत्नी के 7.66 लाख रुपए हैं। उनकी पत्नी का कैंसर के चलते निधन हो गया। इसके बाद भी स्कूल की तरफ से उनकी बकाया राशि नहीं दी गई। वह अपनी पत्नी से पहले बेटा भी खो चुके हैं।

क्या है पूरा मामला 
संजय साही रिटायर्ड कर्नल हैं। उन्होंने 'ट्राईसिटी टुडे' से बातचीत करते हुए कहा, "मेरी पत्नी ईरा साही स्वर्ण नगरी में स्थित जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल में पढ़ाती थीं। इसी दौरान हमारे बेटे की कैंसर की वजह से मौत हो गई। हमारा बेटा जब अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहा था तो मेरी बीवी ऑनलाइन क्लास लेती थीं। वह पूरे मनोयोग से अपनी नौकरी कर रही थीं। मेरी पत्नी ने बहादुरी दिखाई, लेकिन इलाज के दौरान हमारे बेटे की मौत हो गई।"

स्कूल पर 7.66 लाख रुपए बकाया
संजय साही ने आगे बताया, "जब कोरोना काल चल रहा था तो जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल ने मेरी बीवी ईरा को आधी सैलरी दी। ईरा स्कूल में 9वीं क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों को अर्थशास्त्र पढ़ाया करती थीं। स्कूल ने कहा था कि कोरोना काल खत्म होने के बाद उनका पूरा वेतन दे दिया जाएगा, लेकिन स्कूल वालों ने धोखा किया। कोरोना काल खत्म होने के बावजूद पूरा वेतन नहीं दिया गया। स्कूल पर 7.66 लाख रुपए बकाया हैं।”

कैंसर के बारे में पता चला तो ईरा से मांग लिया इस्तीफा
पीड़ित ने आगे कहा, "इसी बीच मेरी बीवी को भी कैंसर हो गया और उनकी 16 सितंबर 2023 को मौत हो गई। ईरा ने अपनी जिंदगी के कीमती आठ साल जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल को दिए हैं। उसके बावजूद हमारे साथ अन्याय और धोखा किया गया है। शर्म की बात यह है कि जब मई 2022 में स्कूल वालों को ईरा के कैंसर के बारे में पता चला था तो इस्तीफा मांग लिया था। ईरा ने अनुशासन दिखाया और स्कूल के निर्देश का पालन करते हुए इस्तीफा दे दिया था। उस समय स्कूल की तरफ से वादा किया गया था कि हमको बकाया पैसा बहुत जल्दी दे दिया जाएगा, लेकिन जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल ने अभी तक पैसा नहीं दिया है। जिसकी वजह से उनके परिवार को काफी परेशानी हो रही है। परिवार में अब केवल मैं और मेरी बेटी हैं।"

जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं
पीड़ित का कहना है कि उन्होंने इस मामले में जिला प्रशासन से लेकर लखनऊ तक शिकायत की। लखनऊ से जिला प्रशासन को एक्शन लेने के लिए कहा गया और जिला प्रशासन के अधिकारी ने जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल का नोटिस भी भेजा, लेकिन उसके बावजूद स्कूल की तरफ से हमारा पैसा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।

स्कूल मैनेजमेंट ने चुप्पी साधी, कोई जवाब नहीं
इस पूरे मामले को लेकर जीडी गोयंका स्कूल के प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है। ट्राईसिटी टुडे की ओर से स्कूल मैनेजमेंट को संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। ठीक इसी तरह शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को भी कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।

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