जिम्स में एक खास तरह के तीसरे लैब संचालन को मिली मंजूरी, वायरस से जुड़े इन बिंदुओं पर होगी रिसर्च

अच्छी खबर : जिम्स में एक खास तरह के तीसरे लैब संचालन को मिली मंजूरी, वायरस से जुड़े इन बिंदुओं पर होगी रिसर्च

जिम्स में एक खास तरह के तीसरे लैब संचालन को मिली मंजूरी, वायरस से जुड़े इन बिंदुओं पर होगी रिसर्च

Tricity Today | जिम्स में वायरस से जुड़े शोध के लिए लैब बनेगी

ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के नाम एक नई उपलब्धि जुड़ गई है। अब इस संस्थान में प्रदेश की तीसरी वायरस रिसर्च एंड डॉयग्नोस्टिक लैब (वीआरडीएल) को शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद की प्रक्रिया को लेकर तेजी से काम चालू है। ऐसे लैब में वायरस से बचाव और उसके निदान से जुड़े शोध किए जाते हैं। फिलहाल सूबे में ऐसे दो लैब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में संचालित की जा रही हैं। 

जिम्स में ऐसा तीसरा लैब बनेगा। कुछ वक्त पहले ही संस्थान में उत्तर प्रदेश की पहली जिनोम सीक्वेंसिंग लैब शुरू करने की मंजूरी मिली थी। इसके तहत वायरस स्ट्रेन में होने वाले बदलाव और उनकी फैमिली के बारे में रिसर्च किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि वीआरडीएल के माध्यम से वायरस पर शोध करने के बाद उसकी वैक्सीन बनाने में मदद मिलेगी। इससे बीमारियों का जल्दी निदान हो सकेगा। 

पांच करोड़ की आएगी लागत
इस लैब को बनाने में करीब पांच करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसें उपकरण, मशीन और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है। मेडिकल सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार कुल खर्च का 75 फीसदी वहन करेगी। जबकि राज्य सरकार इसका 25 प्रतिशत खर्च उठाएगी। अगले दो महीने में लैब शुरू करने की तैयारियां की जा रही हैं।

प्रदेश सरकार को भेजी चिट्ठी
जिम्स प्रशासन ने लैब शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। दरअसल इस लैब के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होगी। शासन से मंजूरी मिलने के लिए बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की मंजूरी ली जाएगी। तत्पश्चात लैब मंा काम शुरू कर दिया जाएगा। नियमों के मुताबिक लैब शुरू होने के पांच वर्ष तक यह संस्थान के अधीन रहेगी। इसके बाद यह प्रदेश सरकार को हस्तांतरित हो जाएगी। इस पर जिम्स का दावा समाप्त हो जाएगा।

लैब शुरू करने के लिए प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद जिम्स की गवर्निंग बॉडी की बैठक में चर्चा की जाएगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। सभी औपचारिकताएं जल्दी पूरी कर ली जाएंगी।
- डॉ राकेश गुप्ता, निदेशक, जिम्स

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