घरों में पानी नहीं, बाहर बन गया तालाब, घरों के बाहर और बाजारों में कूड़े का ढेर

ग्रेटर नोएडा का हो गया सत्यानाश : घरों में पानी नहीं, बाहर बन गया तालाब, घरों के बाहर और बाजारों में कूड़े का ढेर

घरों में पानी नहीं, बाहर बन गया तालाब, घरों के बाहर और बाजारों में कूड़े का ढेर

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा

Greater Noida News : कहने को भले ही ग्रेटर नोएडा हो, लेकिन असल में इस समय पूरे जिले में सबसे बुरी हालत इसी शहर की है। ग्रामीण के अलावा अब सेक्टरों की भी दुर्गति होने लगी है। ग्रेटर नोएडा शहर के निवासी काफी परेशान है। इसको लेकर अधिकारियों से मदद की मांग की जा रही है, लेकिन कोई अधिकारी ऐसा नहीं है जो निवासियों की समस्या सुन रहा हो। सीधे तौर पर कहा जाए तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को अब निवासियों की समस्याओं से शायद कोई मतलब नहीं रहा। पिछले दो महीना से शहर में पीने का पानी योग्य नहीं है और सड़कों पर अंधाधुंध पानी बह रहा है। यही हालत कूड़े की है, शहर में जगह पर कूड़े का ढेर लगा रहता है। निवासी काफी बार इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंख बंद करके बैठे हुए हैं।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सारे दावे फेल : हरेंद्र भाटी
एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्य हरेंद्र भाटी ने "ट्राईसिटी टुडे" टीम से बाचीत करते हुए बताया कि इस समय शहर की सबसे ज्यादा दुर्गति हो रही है। हालत यह है कि लोगों के घर में पीने का पानी नहीं है और सड़कों पर हर घंटे हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में स्थित जीएल बाजार के पास पानी हर घंटे हजार लीटर बर्बाद होता है। हालत यह हो गई है कि पानी की वजह से वहां पर लगे पेड़ भी गलने लगे हैं। पानी की वजह से घरों के भीतर लोग परेशान है और बाहर पानी का तालाब बना हुआ है। पहले सुबह 5:00 बजे घरों में पानी आता था और 10:00 बजे तक पानी की सप्लाई चालू रहती थी, लेकिन अब सुबह 7:30 बजे पानी आता है और 8:30 बजे बंद हो जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सारे दावे फेल हैं।

"कामचोर हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारी"
हरेंद्र भाटी ने बताया कि ऐसी हालत गंदगी की है, जहां देखो कूड़े का ढेर लगा मिलता है। जहां की फोटो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के "समस्या और समाधान" व्हाट्सअप ग्रुप पर डाली जाती है। सिर्फ वही का कूड़ा उठाया जाता है। अगर उसके 10 मीटर दूरी पर कूड़ा पड़ा हुआ है तो उसको उठाने की हिम्मत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों की नहीं होती। ग्रेटर नोएडा शहर में काफी इलाके ऐसे हैं, जहां पर 10 दिनों से कूड़ा नहीं उठाया गया और प्राधिकरण के अधिकारी स्वच्छता अभियान की बात करते हैं।

ऐसी हरकतों से स्वच्छता अभियान में नंबर वन नहीं आएगा ग्रेटर नोएडा : संतलाल सिसोदिया
ग्रेटर नोएडा के डेल्टा सेक्टर में रहने वाले निवासी संतलाल सिसोदिया ने "ट्राईसिटी टुडे" टीम से बाचीत करते हुए बताया है कि जब ग्रेटर नोएडा बसा था तो यहां की हालत काफी बेहतर थी। ढूंढने से भी ग्रेटर नोएडा शहर में गंदगी दिखाई नहीं देती थी, लेकिन आज के समय में पूरे जिले में ग्रेटर नोएडा से बुरी हालत कहीं नहीं मिलेगी। जहां देखोगे, वहां कूड़े का ढेर पड़ा मिलेगा। प्राधिकरण के कर्मचारी पॉश सेक्टर में झाड़ू लगाकर जाते हैं और कूड़ा वहीं छोड़ देते हैं। वह कूड़ा 10-15 दिनों तक ऐसी पड़ा होता है। इस दौरान तेज हवा चलती है और कूड़ा फिर से इधर-उधर फैल जाता है। पूरे ग्रेटर नोएडा की यही हालत है। जब सेक्टरों का यह हाल है तो ग्रामीणों का क्या हाल होगा? इसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है। इस तरीके से ग्रेटर नोएडा कभी भी स्वच्छता अभियान में नंबर वन रैंकिंग नहीं ला सकता। अगर उनका नंबर वन रैंकिंग लानी है तो अपनी कार्यशैली में बदलाव करने होंगे।

आलोक सिंह ने "ट्राईसिटी टुडे" के माध्यम से बताया समाधान
ग्रेटर नोएडा के एक्शन नागरिक आलोक सिंह ने भी "ट्राईसिटी टुडे" टीम से बात करते हुए सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण को हर सेक्टर और गली में वालंटियर तैनात करने चाहिए। यह वालंटियर निवासियों के बीच में से होनी चाहिए। अगर उनके सेक्टर या फिर गली के बीच कूड़ा पड़ा हुआ है तो इसकी जानकारी अधिकारी को दें। इसके बाद तत्काल कूड़ा उठाया जाए। कुल मिलाकर अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सभी सेक्टरों और गलियों के बीच में वालंटियर तैनात करने होंगे। इसके बाद सफाई-व्यवस्था पर पूरी तरीके से ध्यान दिया जा सकता है। उनका कहना है कि 15 दिन में एक बार या फिर महीने में एक बार सभी वालंटियर की बैठक करनी चाहिए और फीडबैक लेना चाहिए। उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को यह समाधान बताया है। 

यह भी एक बड़ी आफत
आलोक सिंह ने आगे बताया कि इसके अलावा सेक्टर में एक समस्या यह भी है कि यहां पर प्राधिकरण ने झाड़ू लगाने वाली एजेंसी की अलग नियुक्ति, कूड़ा उठाने वाले की अलग नियुक्ति और पेड़ों से झाड़ने वाले पत्तों को उठाने वालों की अलग नियुक्ति की हुई है। अगर कोई व्यक्ति किसी कर्मचारियों को बताता है कि कूड़ा पड़ा हुआ है तो सफाई कर्मचारी जवाब देता है, "यह दूसरे विभाग का काम है, मेरा काम सिर्फ झाड़ू लगाना है।" इसलिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सभी काम एक एजेंसी को देनी चाहिए।

निवासियों को भी जागरूक होने की जरूरत : आलोक सिंह 
इसके अलावा सभी सेक्टरों के मुख्य द्वार पर प्राधिकरण को बोर्ड लगाना चाहिए। जिसमें यह लिखा हुआ हो कि उनके सेक्टर में सफाई की जिम्मेदारी किसी ठेकेदार के पास है। सफाई करने के लिए कब-कब कर्मचारी आते हैं? कूड़ा किस टाइम उठाया जाता है और झाड़ू किस टाइम लगाई जाती है। इससे लोग भी जागरूक होंगे और इधर-उधर कूड़ा फेंकने के बजाए गाड़ी आने का इंतजार करेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के साथ निवासियों को जागरूक होना पड़ेगा।

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