भगवान के दर्शन करने के लिए कीचड़ से होकर गुजरना जरूरी

ग्रेटर नोएडा से अजब-गजब खबर : भगवान के दर्शन करने के लिए कीचड़ से होकर गुजरना जरूरी

भगवान के दर्शन करने के लिए कीचड़ से होकर गुजरना जरूरी

Tricity Today | भगवान के दर्शन करने के लिए कीचड़ से होकर गुजरना जरूरी

Greater Noida News : आजकल ग्रेटर नोएडा शहर और आसपास के गांवों से आ रही तस्वीरें देखकर लोग हैरत में हैं। अब दादरी इलाके के एक गांव से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। इस गांव में लोगों को मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करने से पहले कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। यह कोई परंपरा नहीं है बल्कि इन गांव वालों की मजबूरी है। दरअसल, गांव में गलियों की हालत खराब है। बरसात के दिनों में कीचड़ और पानी भर जाता है। ग्राम पंचायत वर्षों पहले खत्म हो चुकी है। गांव में विकास कार्यों की जिम्मेदारी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) पर है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का कामकाज तो जगजाहिर है।

दादरी क्षेत्र का गांव डेरी मच्छा आजकल सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। गांव की गलियों में घुटनों तक भरा पानी और कीचड़ ग्रामीणों के लिए आफत बना हुआ है। मजबूर होकर गांव वाले इसी कीचड़ से होकर गुजरते हैं। और तो और मंदिर तक जाने के लिए भी कीचड़ से गुजरना लाजिमी है। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के वरिष्ठ नेता और इस गांव के निवासी प्रताप नगर ने कहा, "गांव का बहुत बुरा हाल है। लोगों की हालत दयनीय हो गई है। हमारी ग्राम पंचायत बरसों पहले भंग हो चुकी है। गांव ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिसूचित इलाके में आता है। ग्रेटर नोएडा की इंडस्ट्रियल टाउनशिप का हिस्सा है। यहां विकास कार्य करने की जिम्मेदारी अथॉरिटी की है। बार-बार लिखकर दे चुके हैं, कोई सुनवाई नहीं की गई। मजबूर होकर राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से मुलाकात की। उनकी ओर से भी एक आदेश पत्र अथॉरिटी पहुंच चुका है। इसके बावजूद कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।"

गांव के निवासी महाराज सिंह ने कहा, "गांव में सड़कें और रास्ते टूटे पड़े हैं। सीवर लाइन काम नहीं कर रही है। बरसात के पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। यह सब जिम्मेदारी प्राधिकरण की है। प्राधिकरण से बार-बार कहने के बावजूद कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। अब ग्रामीणों के पास धरना-प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। गांव के तमाम रास्तों पर पानी भरा हुआ है। कीचड़ भरी हुई है। लोगों को मंदिर जाने के लिए भी कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है।"

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