डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में रोड़ा अटकाने वाले 10 किसानों को आखिरी नोटिस, बुधवार को कार्रवाई करेगा प्रशासन

अल्टीमेटम: डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में रोड़ा अटकाने वाले 10 किसानों को आखिरी नोटिस, बुधवार को कार्रवाई करेगा प्रशासन

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में रोड़ा अटकाने वाले 10 किसानों को आखिरी नोटिस, बुधवार को कार्रवाई करेगा प्रशासन

Google Image | प्रतीकात्मक तस्वीर

  • परियोजना में रोड़ा अटका रहे 10 किसानों को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने अंतिम चेतावनी दी
  • प्रशासन अगले 3 दिन इस पर जवाब का इंतजार करेगा
  • बुधवार के बाद जिला प्रशासन इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा
  • लुधियाना शहर से प्रारम्भ होकर पूर्वी भारत के सूदूर राज्य पश्चिम बंगाल के दानकुनी शहर को जोड़ता है
Greater Noida: पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Eastern Dedicated Freight Corridor) परियोजना में रोड़ा अटका रहे 10 किसानों को गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने अंतिम नोटिस और चेतावनी दी है। प्रशासन की तरफ से रविवार को आखिरी नोटिस जारी हुआ है। प्रशासन अगले 3 दिन इस पर जवाब का इंतजार करेगा। अगर फ्रेट कॉरिडोर मे बाधा बन रहे 10 किसानों ने बुधवार तक मुआवजे की प्रक्रिया पूरी नहीं की, तो जिला प्रशासन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। दादरी के एसडीएम आलोक कुमार ने इस बारे में जानकारी दी।

एसडीएम ने जारी की रिपोर्ट 
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी पूर्वी डेडीकेटिड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना का कार्य तेजी से संचालित हो रहा है। परियोजना से संबंधित जिन ग्रामीणों को विस्थापित किया जा रहा है, उन्हें जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के माध्यम से पूरा सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में उप जिलाधिकारी दादरी आलोक कुमार गुप्ता व एसीपी नितिन कुमार ने विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। पूर्वी डेडीकेटेड फ्रन्ट कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना शहर से प्रारम्भ होकर पूर्वी भारत के सूदूर राज्य पश्चिम बंगाल के दानकुनी शहर को जोड़ता है। इसकी लम्बाई लगभग 1856 किमी है। इस परियोजना का निर्माण कार्य विश्व बैंक के सहयोग से किया जा रहा है। 



95 फीसदी काम पूरा हुआ
इस खुर्जा-दादरी खण्ड का निर्माण कार्य लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शेष 5 प्रतिशत कार्य किसानों द्वारा भूमि उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण पूर्ण नहीं हो पा रहा है। खुर्जा दादरी खण्ड की परियोजना पर भारत सरकार द्वारा लगभग 1500 करोड का निवेश किया जा रहा है। इसमें कुछ हिस्सा गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के ग्राम चमरावली बोडाकी से होकर गुजरता है। इस ग्राम में परियोजना से प्रभावित लगभग 80 प्रतिशत काश्तकारों ने परियोजना के हित में सहयोग करते हुये सक्षम प्राधिकारी के कार्यालय से मुआवजा प्राप्त कर लिया गया है। 

10 किसान अटका रहे रोड़ा
बचे काश्तकार कुलदीप, प्रवीन पुत्रगण गंगाराम, गजराज पुत्र टेकराम साहब सिंह पुत्र प्रताप सिंह, किरनपाल पुत्र खजान सिंह, रामपाल पुत्र फूला, विजयपाल पुत्र मागेंराम, पवन कुमार पुत्र राजवीर, राजवीर पुत्र खचेडू ने अब तक सक्षम प्राधिकारी के कार्यालय में मुआवजा प्राप्त करने लिये अभी तक कोई भी दावा या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। पूर्व में घोषित अभिनिर्णय की धनराशि सक्षम प्राधिकारी के खाते में रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जमा करा दी जा चुकी है। शेष बचे काश्तकारों से बार-बार जिला प्रशासन द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत कर मुआवजा प्राप्त करने के लिये अनुरोध किया जा रहा है। 

बुधवार तक का वक्त मिला
परन्तु अब तक इन 10 काश्तकारों ने प्रक्रिया शुरू नहीं की। इस वजह से रेल मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी भूमि को डीएफसीसीआईएल को हस्तान्तरित नहीं किया जा रहा है। इसके कारण भारत सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है। जिला प्रशासन ने कहा है कि चमरावली बोडाकी के शेष बचे काश्तकार जल्द से जल्द अपने दस्तावेज प्रस्तुत करके सक्षम प्राधिकारी के कार्यालय से यथाशीघ्र मुआवजा प्राप्त कर लें। अन्यथा बुधवार के बाद जिला प्रशासन इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।

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