ग्रेटर नोएडा की मुस्कान ने यूट्यूब और गूगल से पढ़कर लहराया परचम, बताया- क्यों बनना चाहती है डॉक्टर, ट्राईसिटी टुडे को दिया इंटरव्यू

NEET Result 2021 : ग्रेटर नोएडा की मुस्कान ने यूट्यूब और गूगल से पढ़कर लहराया परचम, बताया- क्यों बनना चाहती है डॉक्टर, ट्राईसिटी टुडे को दिया इंटरव्यू

ग्रेटर नोएडा की मुस्कान ने यूट्यूब और गूगल से पढ़कर लहराया परचम, बताया- क्यों बनना चाहती है डॉक्टर, ट्राईसिटी टुडे को दिया इंटरव्यू

Tricity Today | मुस्कान को मिठाई खिलाते हुए परिजन

Greater Noida News : दादरी में रहने वाले छात्रा मुस्कान ने नीट की परीक्षा में 5800 रैंक हासिल किए है। उनकी इस जीत से पूरे परिवार और जिले के लोगों में खुशी की लहर है। ठाकरान मोहल्ले में रहने वाली मुस्कान ने नीट परीक्षा में ऑल इंडिया 5800 रैंक हासिल की। मुस्कान दादरी के ठाकुरान मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रहती है। उनके पिता दिव्यांग है और वह स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं। मुस्कान ने नीट एग्जाम क्लियर कर 720 में से 640 अंक प्राप्त किए और ऑल इंडिया में 5800 रैंक हासिल की।

यूट्यूब और गूगल से मदद ली
मुस्कान ने ट्राईसिटी टुडे टीम से बात करते हुए कहा, "उनके पिता का सपना है कि उनकी बेटी डॉक्टर बने। इसलिए उन्होंने दिन-रात मेहनत करके नीट एग्जाम की तैयारी की। वे एमबीबीएस की पढ़ाई कर डॉक्टर बनना चाहती है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी कि वह कोचिंग ले सके। इसलिए उन्होंने यूट्यूब और गूगल से मदद लेकर पढाई की।"

आस-पास के लोगों को देखकर बना सपना
मुस्कान ने कहा, "वह मूलरूप से दादरी ठाकरान मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रहती हैं। उन्होंने अपने घर के आस-पास ऐसे लोगों को देखा है, जो पैसो की कमी के कारण अपना इलाज भी नहीं करवा सकते। इसलिए उनका सपना बन गया कि वह एमबीबीएस डॉक्टर बनकर गरीबों का इलाज मुफ्त में करे और यही उनके पिता का सपना है। जिसको वह साकार करेंगी।"

मां से मिला महत्वपूर्व योगदान
मुस्कान ने बताया कि, "वह एक सामान्य परिवार से है। उनकी माता गृहणी और पिता एक छोटी सी दुकान चलाते है। उनका एक बड़ा भाई है, जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। उन्होंने दादरी के सेंट हुड कान्वेंट स्कूल से पढ़ाई की है। उनका जीवन बहुत सामान्य है। आज जो उन्होंने नीट का एग्जाम पास किया है, उसमें उनकी मां का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी कोई बड़ी या छोटी बहन नहीं है। उसके बावजूद भी उनकी मां ने मुस्कान से घर काम कोई का नहीं करवाया। अब वह सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस के लिए एडमिशन लेकर पढ़ाई शुरू करेंगी।"

डेंटिस्ट बन सकती थी लेकिन नहीं लिया एडमिशन
मुस्कान ने बताया कि, "उनका BHS में एडमिशन हो रहा था। वह इसकी पढ़ाई करने के बाद डेंटिस्ट बन जाती लेकिन उन्होंने एडमिशन नहीं लिया। क्योंकि उनको सर्जन बनकर गरीबों और जरूरतमंद लोगों का इलाज करना था। जो सक्षम नहीं है और जो अपनी बीमारी के लिए पैसा नहीं लगा सकते। उनको मुफ्त में इलाज देना उन्होंने सर्वप्रथम समझा।"

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