Google Image | गुरुवार को ग्रेटर नोएडा को बड़ी सौगात देंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को ग्रेटर नोएडा से मुंबई तक बनाए जा रहे पश्चिमी समर्पित मालवहन गलियारा (Western Dedicated Freight Corridor or Western DFC) के एक हिस्से की शुरुआत करेंगे। यह हिस्सा 306 किलोमीटर लम्बा होगा। जो न्यू रेवाड़ी से न्यू मदार खंड के बीच है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक समारोह में वह न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए विश्व के पहले डबल स्टैक लांग हॉल कंटेनर ट्रेन आपरेशंस को झंडी दिखाकर रवाना भी करेंगे। यह 1.5 किलोमीटर लंबी कंटेनर ट्रेन होगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इस अवसर पर राजस्थान और हरियाणा के राज्यपाल व मुख्यमंत्रियों के अलावा रेलमंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित रहेंगे। न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार सेक्शन का हिस्सा हरियाणा और राजस्थान, दोनों राज्यों में आता है। इस मार्ग पर न्यू रेवाड़ी, न्यू अटेली और न्यू फूलेरा जैसे तीन जंक्शन सहित नौ स्टेशन बनाए गए हैं। स्टेशनों में न्यू डाबला, न्यू भगेगा, न्यू श्री माधोपुर, न्यू पछार मालिकपुर, न्यू सकूल और न्यू किशनगढ़ शामिल हैं। इस नए मालवहन गलियारे के खुल जाने से राजस्थान और हरियाणा के रेवाडी-मानेसर, नारनौल, फूलेरा और किशनगढ़ में मौजूद विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा काठूवास स्थित कॉनकोर के कन्टेनर डिपो का भी बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। बयान में कहा गया कि यह मालवहन गलियारा गुजरात में स्थित कान्डला, पीपावाव, मुंद्रा और दाहेज बंदरगाहों से सामान की ढुलाई को भी आसान बना देगा।
अगले छह महीने में इसका दूसरा हिस्सा दादरी से न्यू रेवाड़ी तक खोल दिया जाएगा। तीसरे और अंतिम चरण में गुजरात के सीमावर्ती हिस्से को सीधे मुंबई में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट पर जोड़ा जाएगा। फिलहाल गुरुवार को शुरू होने वाले इस रेल खंड से देश का पश्चिमी और पूर्वी मालवहन गलियारा एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। प्रधानमंत्री इससे पहले न्यू भाऊपुर और न्यू खुर्जा के बीच पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारे का पहला हिस्सा 29 दिसंबर को राष्ट्र को समर्पित कर चुके हैं।
पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा या पश्चिमी डीएफसी भारतीय रेलवे द्वारा भारत में निर्माण के तहत एक विस्तृत गेज माल ढुलाई गलियारा है। यह भारत की राजधानी दिल्ली और आर्थिक केंद्र मुंबई को जोड़ेगा। इस गलियारे में 1483 किमी की दूरी शामिल होगी और इसे डबल लाइन ऑपरेशन के साथ विद्युतीकृत किया जा रहा है। पिर्थला जंक्शन से तुगलकाबाद तक एक सिंगल लाइन शाखा का प्रस्ताव है। यह मौजूदा दिल्ली-मथुरा मुख्य लाइन के समानांतर होगा।
भारत के पहले 2 डीएफसी पश्चिमी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के दादरी से महाराष्ट्र में मुम्बई तक और पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पंजाब में लुधियाना से पश्चिम बंगाल के डानकुनी तक बन रहे हैं। इन दोनों के जरिए भारत की 70% मालगाड़ी का रेलवे नेटवर्क काम करेगा। दोनों गलियारों को दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस प्रोजेक्ट पर भारत और जापान मिलकर डेढ़ लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं।