जलभराव की वजह से पार्क बने तालाब, गलियों में घुसा पानी

ग्रेटर नोएडा: जलभराव की वजह से पार्क बने तालाब, गलियों में घुसा पानी

जलभराव की वजह से पार्क बने तालाब, गलियों में घुसा पानी

Tricity Today | पार्क में भरा पानी

  • सेक्टरों को जलभराव की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है
  • बीटा-2 के पार्क और डेल्टा-1 की गलियों तक में पानी जमा था
  • जिला कलेक्ट्रेट मुख्यालय से लेकर सूरजपुर औद्योगिक इलाके तक चारों तरफ पानी जमा है
Greater Noida News: पिछले 1 हफ्ते से रुक-रुक कर हो रही बारिश से बेशक गर्मी से राहत मिली है, मगर गौतमबुद्ध नगर के हर इलाके में जलभराव की समस्या मुंह बाए खड़ी है। खासतौर पर ग्रेटर नोएडा के पुराने आबादी-औद्योगिक वाले इलाकों से लेकर नए विकसित किए गए सेक्टरों को जलभराव की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। बीती रात बारिश के बाद आज सुबह बीटा-2 के पार्क और डेल्टा-1 की गलियों तक में पानी जमा था। गलियों और सड़कों पर पानी जमा होने के चलते निवासियों में रोष है। उनका कहना है कि नए बसाए गए शहर में इतनी असुविधाएं बेहद तकलीफदेह हैं। 

तमाम सेक्टर में एक जैसे हालात
निवासी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इन जरूरी कामों में भी अथॉरिटी के सीईओ और अफसर असफल हैं। दरअसल पूरे दिल्ली-एनसीआर में पिछले 1 हफ्ते से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। गौतमबुद्ध नगर का मामूली बारिश से भी बुरा हाल है। जिला कलेक्ट्रेट मुख्यालय से लेकर सूरजपुर औद्योगिक इलाके तक चारों तरफ पानी जमा है। ग्रेटर नोएडा के पॉश सेक्टर बीटा-2 और डेल्टा-1 में जलभराव की समस्या लोगों को तकलीफ दे रही है। पार्कों में लबालब पानी भरा है। खेलना तो दूर, टहलना तक मुश्किल हो गया है। ओपन जिम पानी में डूबे पड़े हैं। ऐसे में इनका इस्तेमाल भी कोई नहीं कर रहा। गलियों में जलभराव की वजह से लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। नालों की समय से सफाई नहीं कराई गई। इस वजह से भी पानी निकासी में समस्या आ रही है।



लापरवाही बरत रहा प्राधिकरण
निवासियों का कहना है कि इतनी मामूली बरसात के बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पानी निकासी की समस्या को हल नहीं कर पा रहा है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो शहर की सड़कें तालाब बनी रहेंगी। पार्क में बच्चे खेल नहीं पाएंगे। वयस्क-बुजुर्ग भी इनका इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। निवासियों का कहना है कि वक्त रहते प्राधिकरण के अफसरों ने कोई कदम नहीं उठाया। इस वजह से हालात बिगड़े। शहर के कई सेक्टरों में कांट्रेक्टर का एग्रीमेंट समाप्त हो गया है। इस वजह से ठेकेदार काम नहीं करा रहे हैं। नए टेंडर निकालने में भी देरी हुई। पार्कों में लगे रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम और दूसरे उपकरण काम नहीं कर रहे। इस वजह से पानी निकालने में मुश्किल आ रही है। निवासियों का कहना है कि ज्यादातर नाले जाम हैं। इसके चलते भी जलभराव हो रहा है। इसका खामियाजा निवासियों को भुगतना पड़ रहा है। 

डीएम ने लिया फैसला
अभी 1 हफ्ते पहले ही ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर औद्योगिक इलाके में मुख्य मार्ग पर जलभराव की समस्या से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में भी पानी भरा हुआ है। हालांकि जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने इस पर सख्त एक्शन लिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कहा गया है कि वह किसी भी हाल में सूरजपुर कस्बे का पानी कलेक्ट्रेट के सीवेज में न जाने दे। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने भी जलभराव की समस्या पर अफसरों को सस्पेंड करने की सिफारिश की है। साथ ही कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया और उन्हें ब्लैक लिस्ट किया गया है।

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