लोगों ने कहा- सेक्टरों की सड़कें जगह-जगह टूट गईं हैं, बड़े गड्ढे बन गए हैं
सेक्टर डेल्टा, बीटा, ओमीक्रॉन और जीटा का सबसे बुरा हाल, लोग परेशान
अथॉरिटी में शिकायतें देने के बावजूद अफसर नहीं कर रहे हैं सुनवाई
एनसीआर में पॉल्यूशन के कारण सड़कों का काम 15 दिनों से रुका है
अथॉरिटी ने कहा- टेंडर प्रक्रिया चल रही है, जल्दी निर्माण शुरू किया जाएगा
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा शहर में मुख्य सड़कों का ही हाल बुरा नहीं है। सेक्टरों की अंदरूनी सड़कें भी खस्ताहाल हैं। जगह-जगह सड़कों में गड्ढे बन गए हैं। सर्विस लेन बुरी तरह टूटी पड़ी हैं। निवासियों का कहना है कि कुछ सड़कें तो बनने के कुछ महीने बाद ही टूट गई हैं। इन हालत से सेक्टर वासी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि गड्ढों के कारण हादसों की आशंका है। आरडब्ल्यूए इन सड़कों की मरम्मत करने के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से लगातार मांग कर रही हैं, लेकिन वहां कोई सुनने वाला नहीं है।
सेक्टर डेल्टा-2 की सड़कों का बुरा हाल
एक वक्त था जब ग्रेटर नोएडा की सड़कों से गुजरने वाले अलग अहसास करते थे। अब शहर में टूटी सड़कों से लोग परेशान हैं। सेक्टरों की अंदरूनी सड़कें खस्ताहाल हैं। सेक्टर बीटा, डेल्टा, ओमीक्रॉन और जीटा का सबसे बुरा हाल है। यहां रहने वाले लोग परेशान हैं। हालत यह है कि जगह-जगह गड्ढे हैं। इन गड्ढों में पानी भरता है। आवाजाही में परेशानी होती है। लोगों का कहना है, "इन गड्ढों से हादसे की आशंका बनी रहती है।" शहर के डेल्टा-2 सेक्टर की सड़कें बहुत खराब हैं। सेक्टर वासी और आरडब्ल्यूए के महासचिव आलोक नागर ने बताया कि सड़कों की हालत खस्ता है। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। सेक्टर के छोटे बच्चे इनमें गिर जाते हैं। बुजुर्गों को सबसे ज्यादा असुविधा हो रही है। सेक्टर की खूबसूरती खत्म हो गई है। सड़कों की मरम्मत के लिए कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। नागर ने कहा, "अधिकारियों ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही सड़कों को ठीक कराया जाएगा। यह टेंडर प्रक्रिया करीब सालभर से चल रही है।"
बीटा-1 की सड़क कुछ ही महीनों में टूटने लगी
सेक्टर बीटा-2 की सड़कों की हालत भी सेक्टर डेल्टा-2 से जुदा नहीं है। यहां सड़कें खराब हैं। जिससे निवासियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्य हरेंद्र भाटी ने कहा, "सेक्टर बीटा-2 की सड़कें खराब हैं। गड्ढे होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसकी शिकायत कई बार अफसरों से की गई है। कई बार शिकायतों के बाद सेक्टर बीटा-1 की सर्विस रोड दो-तीन महीने पहले बनाई गई। महज तीन महीने बाद टूटने लगी है। गुणवत्ता में कमी से यह दिक्कत आ रही है।" भाटी ने कहा कि इसकी शिकायत प्राधिकरण से की गई है। देखते हैं अफसर क्या करते हैं?
ईटा-1 में भीड़ नहीं, खुद टूट रहीं सड़कें
शहर के और कई सेक्टरों की हालत कमोबेश ऐसी है। सेक्टर ईटा-1 की सड़कें खराब हैं। यहां सड़कों में गड्ढे हैं। कई जगह तो धूल उड़ने लगती है। सेक्टर की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष दीपक भाटी ने बताया, "सड़कों की मरम्मत के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जाकर जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की थी। अधिकारियों ने सड़कों की मरम्मत के लिए टेंडर निकाले हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद सड़कों को दुरुस्त करवाने की उम्मीद है। हमारे सेक्टर ऐसा तो भीड़ नहीं है। वाहनों की संख्या कम है। फिर भी सड़कें खुद-ब-खुद टूट जाती हैं।"
सीवर चैंबर पर रैंप निर्माण सड़कों का दुश्मन
जानकार कहते हैं कि सेक्टरों की अंदरूनी सड़कों की खराब हालत के लिए स्थानीय लोग कम जिम्मेदार नहीं हैं। लोगों ने सीवर चैंबर को रैंप से ढक दिया है। इसके बाद अपने-अपने घरों के सामने रोजाना सड़क व रैंप पर पानी डालकर सफाई करते हैं। बड़ी मात्रा में रोजाना पानी सड़क पर आता है। इससे सड़क टूटती है। बारिश में यह समस्या अधिक रहती है। हालांकि, सेक्टर बीटा-1 के एक पॉकेट के लोगों ने पहल की और चैंबर के ऊपर बने रैंप को खुद तोड़ दिया। एक्टिव सिटीजन टीम के हरेंद्र भाटी ने बताया कि उनकी गली में चैंबर खुल गए हैं। इसके चलते अब पानी सड़क पर नहीं आता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह चैंबर को खोल दें।
इसलिए रुका है सड़कों की मरम्मत का काम
शहर में सड़कों की मरम्मत का काम इस वक्त रोका गया है। पूरे एनसीआर में पिछले 15 दिनों से प्रदूषण चरम पर है। इसके चलते ग्रैप लागू है। निर्माण गतिविधियों पर बंदिश हैं। इन बंदिशों के खत्म होने के बाद सड़कों की मरम्मत का काम तेजी से होगा। कई जगह टेंडर फाइनल हो गए हैं लेकिन काम नहीं शुरू हो रहा है। ग्रेटर नोएडा के प्रभारी महाप्रबन्धक सलिल यादव का कहना है, "शहर की सड़कों की मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जिनके टेंडर फाइनल हो गए हैं, वहां जल्दी काम शुरू करवाया जाएगा। सेक्टरों में अंदरूनी सड़कों का काम प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा।