'मेरी जान को खतरा है, कैलाश भाटी का जिम्स वाले वीडियो से यह बात साबित होती है'

ऑपरेशन रसूखदार : 'मेरी जान को खतरा है, कैलाश भाटी का जिम्स वाले वीडियो से यह बात साबित होती है'

'मेरी जान को खतरा है, कैलाश भाटी का जिम्स वाले वीडियो से यह बात साबित होती है'

Tricity Today | डॉ.यतेंद्र भाटी

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में हुए अरबों रुपए के भूमि घोटाले की शिकायत करने वाले डॉ.यतेंद्र भाटी परेशान हैं। उनका कहना है, "मेरी जान को खतरा है। ट्राईसिटी टुडे पर प्रसारित हुआ कैलाश भाटी की गतिविधियों वाला वीडियो गंभीर सवाल खड़े करता है। वह जिस तरह खुलेआम मोबाइल का उपयोग कर रहा है और लोग उससे मिलने बिना रोक-टोक पहुंच रहे हैं, उन हालात में वह कोई भी षड्यंत्र रच सकता हैं। मैं इस खुलासे के लिए 'ट्राईसिटी टुडे' का बेहद आभारी हूं। अब इस मामले में पुलिस, प्रशासन और सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।


मामले से हटने के लिए मुझे धमकियां दी गईं
डॉ.यतेंद्र भाटी ने आगे कहा, "मेरे वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह जानकारी दी थी। अदालत को बताया था कि आरोपी कैलाश भाटी, राजेंद्र भाटी और उनके परिवार बेहद रसूखदार हैं। यह लोग मुझे, इस मामले में गवाहों और साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं। मुझे नुकसान पहुंचा सकते हैं।" डॉ.यतेंद्र ने आगे कहा, "इस मामले से दूर हट जाने के लिए और शिकायतों को वापस लेने के लिए मेरे ऊपर तमाम तरह के दबाव डाले गए हैं। मेरे खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करवाने की कोशिश की गई है। मेरे खिलाफ झूठी शिकायतें दी गई हैं। मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई है। मुझे धमकी दी गई कि सड़क पर चलते हुए ट्रक कुचल जाते हैं और दुर्घटना में मामला दर्ज होता है। मेरे वकील ने यह सारी जानकारी हाईकोर्ट को दी हैं। मैंने गौतमबुद्ध नगर पुलिस, प्रशासन और सरकार को पत्र भेजकर यह जानकारी दी है।"

'अब तो कार्रवाई की जानी चाहिए'
डॉ.भाटी ने कहा, "मैंने ट्राईसिटी टुडे पर प्रसारित हुआ वीडियो देखा है। इस बात की हमें जानकारी थी कि बीमारी का बहाना बनाकर कैलाश भाटी राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ऐश कर रहा है। वहां रोजाना भीड़ एकत्र होती है। साजिश रची जा रही है। उसकी सुरक्षा में तैनात रहने वाले पुलिसकर्मी दूर बैठकर मौज करते हैं। कैलाश भाटी लगातार मोबाइल फोन का उपयोग कर रहा है। हमने सबको जानकारी दी लेकिन किसी ने सवाई नहीं की। ट्राईसिटी टुडे ने हकीकत सबके सामने लाकर बड़ा काम किया है। इसके लिए मैं न्यूज़ पोर्टल का हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। इस पूरे प्रकरण में जिम्स अस्पताल प्रशासन और जेल प्रशासन की भूमिकाएं संदिग्ध हैं। अब इस मामले में राज्य सरकार, गौतमबुद्ध नगर पुलिस और जेल प्रशासन को गंभीरता से जांच करनी चाहिए। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। ये सारे लोग वाकई रसूखदार हैं। अरबों रुपये के घोटाले करने के बावजूद अपने रसूख की बदौलत आज तक सुरक्षित हैं।"

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