- वरुण सिंह भाटी टोक्यो ओलंपिक में सातवें स्थान पर पिछड़ गए
- अधिकतम 1.73 मीटर ऊंची छलांग लगा पाए ग्रेटर नोएडा के वरुण सिंह
- मरियप्पन थांगवेलु ने रजत और शरद कुमार ने कांस्य पदक हासिल किए
- रियो ओलंपिक 2016 में मरियप्पन ने स्वर्ण और वरुण सिंह ने कांस्य जीता था
- इस बार अमेरिका के सैम ग्रेवे ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सोना जीता है
Tokyo Para Olympic 2021 : टोक्यो पैरा ओलंपिक में मंगलवार भारत के लिए अच्छा रहा। ऊंची कूद (टी-63) स्पर्धा में भारत को दोहरी खुशी मिली। स्टार मरियप्पन थंगावेलु और शरद कुमार ने ऊंची कूद के फाइनल में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते हैं। हालांकि, गौतमबुद्ध नगर के लोगों को मायूसी मिली। वरुण सिंह भाटी को सातवें स्थान पर संतोष करना पड़ा है। उनसे जिले के लोगों को बहुत उम्मीदें थीं।
मरियप्पन थंगावेलु 2 सेंटीमीटर से पिछड़े, अमेरिका को मिला सोना
मरियप्पन थंगावेलु ने 1.86 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक जीता है। ओलंपिक खेलों में यह उनका दूसरा पदक है। वह रियो ओलंपिक 2016 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। इस बीच शरद कुमार ने 1.83 मीटर की छलांग लगाकर अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ अंक हासिल किए। जिसकी बदौलत कांस्य पदक हासिल करने में कामयाब रहे हैं। रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक विजेता संयुक्त राज्य अमेरिका के सैम ग्रेवे ने इस बार स्वर्ण हासिल किया है। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में सफलतापूर्वक 1.88 मीटर की छलांग लगाकर यह स्वर्ण पदक जीता है।
वरुण सिंह भाटी ने पहली छलांग लगाई, सातवें नम्बर पर रहे
ग्रेटर नोएडा के सितारे और रियो 2016 के कांस्य पदक विजेता वरुण सिंह भाटी ने सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1.77 मीटर की छलांग लगाकर किया। जिसकी वजह से वह सातवें स्थान पर रहे। इससे गौतमबुद्ध नगर के लोगों को खासी मायूसी हाथ लगी है। टोक्यो में भारी बारिश के बीच इस भारतीय तिकड़ी ने पहली पांच छलांग लगाईं। वरुण सिंह भाटी ने छठे स्थान पर रहते हुए सफलतापूर्वक 1.69 मीटर ऊंची छलांग लगाकर भारतीय अभियान की शुरूआत की। उनके बाद शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु ने अगली छलांग 1.73 मीटर की लगाई।
दूसरी छलांग को वरुण भाटी तीसरे प्रयास में क्वालीफाई कर पाए
वरुण भाटी को दूसरी छलांग के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, शुरुआती दौर में उनका दिल टूटने से बच गया। दरअसल, इस छलांग में उन्हें कम से कम 1.73 मीटर ऊंचा कूदना था। दो असफल प्रयासों के बाद वह अंततः 1.73 मीटर ऊंची छलांग लगा पाए। तीसरी छलांग के लिए बार को 1.77 मीटर पर रखा गया। भाटी ने पहले प्रयास में इसे आसानी से पार कर दिया। फाइनल छलांग 1.80 मीटर की थी। जिसमें वरुण असफल हो गए।
मरियप्पन और शरद कुमार को कोई परेशानी नहीं हुई, दोनों ने पदक जीते
इस बीच, शरद और मरियप्पन को कोई कठिनाई नहीं हुई क्योंकि भारतीय जोड़ी ने बिना किसी असफल प्रयास के आसानी से 1.83 मीटर की छलांग लगा दी। पदक की पुष्टि के साथ भारतीय जोड़ी ने पहला लाल झंडा 1.86 मीटर के निशान पर देखा। मरियप्पन और यूएसए के सैम ग्रेवे ने अपने तीसरे प्रयास में 1.86 मीटर का निशान पूरा किया। दरअसल, शरद तीन लाल झंडे देखने के बाद कांस्य पदक जीतकर प्रतियोगिता से बाहर हो चुके थे।
मरियप्पन फाइनल छलांग में तीन बार असफल रहे, सैम तीसरे प्रयास में हुए कामयाब
सैम ग्रेवे ने रियो ओलंपिक 2016 के 1.88 मीटर पॉइंट को दफन कर दिया। उन्होंने पोडियम के शीर्ष पर चढ़ने के लिए दो असफल प्रयासों के बाद तीसरे प्रयास में सफलतापूर्वक बार पर छलांग लगा दी। वहीं, मरियप्पन इस बाधा को तीन प्रयासों में भी पार करने असफल रहे और उन्हें चांदी के साथ समझौता करना पड़ा है।