जो कभी दुश्मन थे, अब उनके वो यार हो गए, हर मुश्किल में दिया साथ, हम बेकार हो गए

गौतमबुद्ध नगर भाजपा : जो कभी दुश्मन थे, अब उनके वो यार हो गए, हर मुश्किल में दिया साथ, हम बेकार हो गए

जो कभी दुश्मन थे, अब उनके वो यार हो गए, हर मुश्किल में दिया साथ, हम बेकार हो गए

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Greater Noida : शायर शांति स्वरूप मिश्र का शेर 'जो कभी दुश्मन थे, अब उनके वो यार हो गए, हर मुश्किल में दिया साथ, हम बेकार हो गए', गौतमबुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी पर सटीक बैठता है। दूसरे दलों से नेताओं की भीड़ बीजेपी में भर चुकी है। उनको पार्टी की ओर से संगठन में पदों से नवाजा जा रहा है। विधानसभा और विधान परिषद से लेकर जिला पंचायत और अब नगर निकाय चुनाव में टिकट मिल रहे हैं। इससे बीजेपी में 40-40 वर्षों से सेवा और संगठन को मतबूत करने में लगे कार्यकर्ता मायूस हैं। दरअसल, नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही दादरी विधानसभा क्षेत्र के एक पूर्व विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। इन चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

बेटे को दादरी नगर पालिका का चुनाव लड़वाएंगे
सूत्रों से पता चला है कि पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल होकर अपने बेटे के लिए दादरी नगर पालिका चेयरमैन का टिकट मांग रहे हैं। उन्होंने यह शर्त बीजेपी के नेताओं के सामने रखी है। हाल ही में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक समेत कई दलों के नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं। गौतमबुद्ध नगर में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी में चुनिंदा नेता बचे हैं। लगभग सभी नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। दूसरे दलों से नेताओं की भीड़ बीजेपी में ज्वाइन कर चुकी है। उनको पार्टी की ओर से संगठन में पदों से नवाजा जा रहा है। लोकसभा, विधानसभा और जिला पंचायत और अब नगर निकाय चुनाव में टिकट मिल रहे हैं। इससे बीजेपी में 40-40 वर्षों से सेवा और संगठन को मतबूत करने में लगे कार्यकर्ता मायूस हैं।

'भाजपा का हाल कांग्रेस जैसा हो जाएगा'
बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है, "एसपी, बीएसपी और कांग्रेस पार्टी के शासन काल में हमने धरने-प्रदर्शन किए। पुलिस की लाठियां खाईं। लंबी उम्र पार्टी के संगठन को खड़ा करने में लगा दी। गांव-गांव, गली-गली और घर-घर पहुंचने में लगे रहे। अब जब पार्टी सत्ता में आई तो दूसरे दलों के नेता मलाई मार रहे हैं। विपक्ष के नेता पार्टी में शामिल होकर सत्ता का स्वाद चख रहे हैं।" पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि पार्टी इसी तरह दूसरे दलों से नेताओं को संगठन में लाती रही और चुनाव में उन्हें टिकट बांटती रही तो एक दिन भाजपा का हाल भी कांग्रेस की तरह हो जाएगा।

'पार्टी को कार्यकर्ताओं ने खून-पसीने से सींचा'
एक पुराने नेता कहते हैं कि बीजेपी को अभी से संभलने की जरूरत है। पार्टी को समर्पित कार्यकर्ताओं ने खून-पसीने से सींचकर बड़ा किया है। लाठियां और गोलियां खाई हैं। जिन लोगों ने हमें पीटा और हमारे ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाकर जेलों में रखा, आज वही लोग हमारी पार्टी पर कब्जा करके बैठ गए हैं। कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करना चाहिए। पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलना चाहिए। सत्ता का सुख भोगने वाले दूसरी पार्टी के नेताओं को साथ लाने की बजाय पार्टी में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मान देने की जरूरत है। हमारी पार्टी का हाल कुछ ऐसा है कि 'जो कभी दुश्मन थे, अब उनके वो यार हो गए, हर मुश्किल में दिया साथ, हम बेकार हो गए'

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