Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा को सुंदर बनाने के लिए प्राधिकरण की तरफ से एक और पहल हुई है। अब शहर के सभी साइनेज बोर्ड एक ही रंग-रूप और आकार के होंगे। ये सभी साइनेज बोर्ड हरे रंग के होंगे। प्राधिकरण ने योजना तैयार कर टेंडर जारी कर दिए हैं। एक माह में ये साइन बोर्ड लगने शुरू हो जाएंगे। करीब 1000 नए साइनेज बोर्ड लगाए जाएंगे।
एक ही आकार के होंगे साइनेज बोर्ड
ग्रेटर नोएडा में कई ऐसे जगह हैं, जहां पर साइनेज बोर्ड न लगे होने से आगंतुकों को गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी होती है। उनको भटकना पड़ता है। जहां पर लगे हुए हैं वे अलग-अलग रंग-रूप और आकार के हैं, जो देखने में कम ठीक लगते हैं। इसके चलते ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने शहर के सभी साइनेज बोर्ड को एक रंग-रूप और आकार में बनाकर लगाने को कहा है। साथ ही जहां पर साइनेज बोर्ड नहीं लगे हैं और आगंतुकों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी होती है, वहां पर शीघ्र ही नए बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। परियोजना विभाग ने शहर के सभी साइनेज बोर्ड को एक रंग-रूप और आकार देने की योजना बना ली है। सभी साइनेज बोर्ड हरे रंग के होंगे।
4.30 करोड़ रुपये खर्च होंगे
इस प्रस्ताव पर स्वीकृति लेकर परियोजना विभाग ने टेंडर जारी कर दिए हैं। करीब एक हजार साइनेज बोर्ड लगेंगे। इन पर 4.30 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। एक बार साइन बोर्ड लग जाने के बाद पांच साल तक कोई भी दिक्कत होती है तो उसे रिपेयर या बदलने की जिम्मेदारी ठेकेदार की ही होगी। एक माह में काम शुरू होंगे। पूरे होने में छह माह लगने की उम्मीद है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर एलईडी बोर्ड
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पर भी ग्रेटर नोएडा लिखा हुआ एलईडी बोर्ड लगेगा। ये बोर्ड दिन में भी दिखेगा और रात में तो दूर से ही चमकेगा। इससे दफ्तर की खूबसूरती और बढ़ जाएगी। बोर्ड न लगा होने से लोगों को पता नहीं चल पाता। इसका टेंडर भी फाइनल करने की प्रक्रिया चल रही है। अगले तीन से चार माह में ये बोर्ड लग जाएगा।
प्राधिकरण ही लगाएगा संस्थाओं के साइनेज बोर्ड
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने साइनेज बोर्ड को लेकर एक और अहम निर्णय लिया है। अब किसी भी व्यवसायिक संस्थान को अपना साइन बोर्ड लगवाना है तो वह अपनी मर्जी से नहीं लगा सकेगा, बल्कि प्राधिकरण ही लगवाएगा। प्राधिकरण ने इसके लिए एक कॉन्ट्रैक्टर का चयन कर लिया है। वह कॉन्ट्रैक्टर ही उनके साइन बोर्ड को लगाएगा। हालांकि इसे लगाने का खर्च संस्थान ही वहन करेंगे, लेकिन डिजाइन और आकार प्राधिकरण ही तय करेगा। संस्थान अपनी जरूरत के हिसाब से लोकेशन तय कर देंगे। वहां पर प्राधिकरण आसपास सभी संस्थानों के साइन बोर्ड लगवा देगा। साइन बोर्ड लगाने के लिए सरकार की तरफ से एक नीति तैयार की गई है जिसके अंतर्गत साइन बोर्ड लगवाने के लिए प्राधिकरण के प्रोजेक्ट विभाग से संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद कोई भी व्यावसायिक संस्थान, चाहे वह शिक्षण संस्थान हो या फिर कंपनी या सोसाइटी, सभी को प्राधिकरण से तय डिजाइन के ही साइन बोर्ड लगवाने होंगे।
सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि "सभी साइन बोर्ड को एक रंग-रूप और डिजाइन का बनवाने के पीछे एक ही मकसद है कि शहर को और सुंदर बनाया जा सके। जहां पर साइन बोर्ड नहीं हैं वहां नए साइन बोर्ड लग जाएंगे, जिससे लोग आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सके।"