Tricity Today | पढ़िए ग्रेटर नोएडा और गुजरात पुलिस का सनसनीखेज खुलासा
- आरोपी आठवीं क्लास तक पढ़ा हुआ
- ग्रेटर नोएडा का अनिल मालिक बना अहमदाबाद का राजकुमार
- शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस ग्रेटर नोएडा आई और खुलासा किया
- 17 साल पहले रचा खुद की मौत का स्वांग
Greater Noida News : दनकौर थाना में स्थित भट्टा पारसौल गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने ऐसी वारदात को अंजाम दिया, जिसको सुनकर आप भी कुछ समय के लिए सोच में पड़ जाओगे। एक व्यक्ति ने एलआईसी के एक करोड रुपए हड़पने के लिए एक भिखारी को बलि का बकरा बना दिया। अपनी जगह भिखारी का अंतिम संस्कार करवा दिया। पिछले 17 सालों से भट्टा पारसौल गांव का रहने वाला व्यक्ति अहमदाबाद में अपनी पहचान छुपा कर रह रहा था, लेकिन ग्रेटर नोएडा की पुलिस भी काम नहीं है। देर से ही सही लेकिन, आरोपी को अहमदाबाद से पड़कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है। आरोपी ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसने लालच में आकर भिखारी की हत्या की है।
3 जुलाई 2006 को भिखारी का मर्डर
ग्रेटर नोएडा के दनकौर आई अहमदाबाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने बताया कि पारसौल गांव के मूल निवासी अनिल मलिक ने 3 जुलाई 2006 में आगरा में एक विक्षिप्त भिखारी को खाना खिलाने का लालच देकर कार में बैठा लिया था। उसने खाने में नशे की गोलियां मिला दी और इससे भिखारी बेहोश हो गया। उसके बाद कार में आग लगा दी। कार में जले व्यक्ति की शिनाख्त परिजनों ने साजिश के तहत अनिल मलिक के रूप में की थी। शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस अपने साथ आरोपी को लेकर ग्रेटर नोएडा पहुंची। अहमदाबाद और ग्रेटर नोएडा पुलिस में आरोपी का रिकॉर्ड शुक्रवार को खंगाला और इस दौरान उससे पूछताछ भी की गई।
शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस आई ग्रेटर नोएडा
इस मामले में शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस के अफसर ग्रेटर नोएडा पहुंचे। अफसरों का दावा है कि अनिल के साथ उसका भाई और पिता भी शामिल है। भाई और पिता की मदद से ही बीमा पॉलिसी के दस्तावेज पूरे किए गए और एक करोड़ रुपए हड़प लिए थे। अनिल मलिक इस समय गुजरात के अहमदाबाद में रह रहा था। घटना के 17 साल बाद पुलिस को जांच के दौरान उसकी हरकतों पर शक हुआ और छानबीन में खुलासा हो गया।
नाम बदलकर चौधरी राजकुमार रख लिया था
पुलिस ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि अनिल मलिक ने आगरा टोल बूथ के पास एक भिखारी को देखा था। उसके बाद उसी को अपना टारगेट बना दिया। कार में भिखारी को जिन्दा जला दिया गया और उसकी पहचान अनिल मलिक के रूप में की गई। अहमदाबाद पुलिस का कहना है कि अनिल मलिक ने अपना नाम बदलकर चौधरी राजकुमार रख लिया था।
पड़ोसन से प्रेम विवाह किया और अब 2 बच्चे
राजकुमार के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक में खाता भी खोल लिया था। उसने गुजरात में ऑटो रिक्शा चालक के रूप में आजीविका शुरू की। अनिल के पिता विजयपाल सिंह और भाई गाजियाबाद में रहते हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि अनिल का अपने परिजनों भाइयों और दोस्तों से बराबर संपर्क था। पुलिस के अनुसार इस षड्यंत्र में परिजनों का भी हाथ है। अनिल ने अहमदाबाद ने एक युवती के साथ वर्ष 2014 में प्रेम विवाह किया। इस समय उससे भी दो बच्चे हैं।
कॉलेज में सही नाम की पुष्टि हुई
शुक्रवार को अहमदाबाद पुलिस अनिल मलिक को लेकर पारसौल में स्थित एक इंटर कॉलेज पहुंची। अनिल ने उस कॉलेज से आठवीं तक की पढ़ाई की है। जब पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाला तो उसकी पहचान अनिल मलिक के रूप में हुई, लेकिन वारदात के बाद आरोपी ने अपना नाम बदलकर चौधरी राजकुमार रख लिया था। अब पुलिस उन लोगों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है, जिन्होंने इस षड्यंत्र में अनिल का साथ दिया।