- गुर्जर विद्या सभा के उपाध्यक्ष और सचिव ने बैठक में हुए फैसले की जानकारी दी
- कहा- कार्यवाहक अध्यक्ष राधा चरण भाटी ने झूठ बोला और गलत आरोप लगाए हैं
- राधा चरण भाटी ने शनिवार को एक वीडियो बयान सोशल मीडिया पर जारी किया था
- जिसमें उन्होंने भाजपा नेताओं पर कार्यक्रम को हाईजैक करने का आरोप लगाया था
Greater Noida News : दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगाने को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को गुर्जर विद्या सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष राधाचरण भाटी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो बयान जारी किया था। जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर कार्यक्रम को हाईजैक करने का आरोप लगाया था। साथ ही राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर पर आरोप लगाया कि उन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए उन पर दबाव डलवाया था। अब इस मामले में गुर्जर विद्या सभा के बाकी सदस्य सामने आए हैं। संस्था के उपाध्यक्ष और सचिव ने बताया कि सुरेंद्र सिंह नागर को कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए संस्था की ओर से नामित किया गया था। यह फैसला संस्था की बैठक के दौरान लिया गया था।
कार्यक्रम की रूपरेखा के लिए 21 सितम्बर को संस्था की बैठक हुई
गुर्जर विद्या सभा के उपाध्यक्ष रामशरण नागर एडवोकेट ने कहा, "21 सितम्बर 2021 को गुर्जर विद्या सभा की एक विशेष बैठक मिहिर भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित हुई थी। जिसमें 22 सितम्बर 2021 को गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति अनावरण के कार्यक्रम की अध्यक्षता के संबंध में विचार-विमर्श किया गया था। इस बैठक में मेरे अलावा विद्या सभा के सचिव और रिठौरी गांव के निवासी रामचन्द्र वर्मा एडवोकेट (पूर्व एसडीएम), मास्टर लज्जा राम भाटी, पूर्व मंत्री हरीश चंद्र भाटी, सूबे राम भाटी डाबरा, बिजेंद्र सिंह भाटी साकीपुर (पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य), दादरी के ब्लॉक प्रमुख बिजेंद्र भाटी, चौधरी जगदीश नम्बरदार बदलपुर, मैनेजर पवन नागर, डॉ.सुरेंद्र नागर, एडवोकेट सूरज भान भाटी चिटहेरा, मैनेजर ईश्वर भाटी, मनवीर नागर डेरी मच्छा और मास्टर यशवीर नागर मिलक लच्छी समाज के अन्य बहुत सारे सम्मानित लोग उपस्थित थे।"
अध्यक्षता के लिए सुरेंद्र नागर का नाम आया तो राधाचरण भाटी चले गए
एडवोकेट रामशरण नागर ने आगे कहा, "बैठक में होने वाले समारोह की अध्यक्षता के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। लोगों का विचार आया कि प्रदेश का मुखिया आ रहा है। और भी बहुत सारे वरिष्ठ मंत्रीगण तथा नेतागण समारोह में आयेंगे। सांसद सुरेंद्र सिंह नागर राज्यसभा के उपाध्यक्ष अधिष्ठाता मंडल में हैं। हमारे समाज के भारत वर्ष में वरिष्ठ नेता हैं। इसलिए समारोह की अध्यक्षता सांसद जी से कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया। जिस पर मात्र विद्यासभा के कार्यवाहक अध्यक्ष राधा चरण भाटी जी ने आपत्ति जताई। वह बैठक छोड़कर बाहर चले गए। बाहर रामचन्द्र वर्मा एडवोकेट सचिव साहब ने उनको मनाने का प्रयास किया लेकिन कार्यवाहक अध्यक्ष नहीं माने और न बैठक में आए।"
गुर्जर विद्या सभा में सर्वसम्मति से सांसद के नाम पर सहमति बनी थी
रामशरण नागर एडवोकेट ने बताया कि इसके बाद बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने सर्वसम्मति से समारोह की अध्यक्षता सांसद सुरेंद्र सिंह नागर से कराने का प्रस्ताव पास कर दिया। इस प्रकार विद्या सभा के कार्यवाहक अध्यक्ष का सुरेन्द्र सिंह नागर पर आरोप लगाना उचित नहीं है। उन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए गुर्जर विद्या सभा के किसी भी पदाधिकारी पर दबाव नहीं डाला था। कार्यवाहक अध्यक्ष को छोड़कर बैठक में शामिल संस्था के सभी सदस्यों की यह आत्मिक इच्छा थी। रामशरण नागर एडवोकेट ने कहा कि वह यह पूरी जानकारी और सूचना विद्या सभा के सचिव राम चन्द्र वर्मा एडवोकेट से परामर्श के बाद साझा कर रहे हैं। अब समाज के लोगों तक यह पूरी जानकारी पहुंचना नितांत आवश्यक हो गया है।
समाज के लोग सोशल मीडिया पर कार्यवाहक अध्यक्ष की निंदा कर रहे हैं
इस पूरे प्रकरण को लेकर सोशल मीडिया पर भी घमासान छिड़ा हुआ है। शनिवार को राधाचरण भाटी का वीडियो आने के बाद समाज के तमाम लोग उनकी निंदा भी कर रहे हैं। एक युवक ने फेसबुक पर लिखा है, "गुर्जर विद्या सभा के अध्यक्ष चौधरी विद्या राम जी का कोरोना काल में असामयिक निधन हो गया। चौधरी विद्या राम गुर्जर समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। चौधरी जी की अंत्येष्टि भी नहीं हो पाई थी कि कुछ लोग अध्यक्ष पद हथियाने की जुगाड़ लगाने लगे। ऐसे लोगों ने इस विशाल संस्था की स्थापना या विकास में कोई सहयोग नहीं दिया और ना ही सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगाने के लिए दान दिया है।"
एक अन्य व्हाट्सएप पोस्ट में कहा गया है कि अब राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर के बारे में घिनौना बयान जारी किया गया है। यह एक राजनीतिक द्वेषपूर्ण बयान है। जो कार्यक्रम के तीन दिन बाद जारी किया गया है। किसी राजनीतिक द्वेष और दबाव में यह सबकुछ बोल रहे हैं। इससे समाज में वैमनस्य फैल रहा है और प्रतिष्ठा पर आंच आ रही है।