स्वर्गीय राजेश पायलट की अगुवाई में निर्मित अस्पताल खंडहर बना, पूर्व प्रधान ने डीएम से लगाई गुहार

ग्रेटर नोएडा : स्वर्गीय राजेश पायलट की अगुवाई में निर्मित अस्पताल खंडहर बना, पूर्व प्रधान ने डीएम से लगाई गुहार

स्वर्गीय राजेश पायलट की अगुवाई में निर्मित अस्पताल खंडहर बना, पूर्व प्रधान ने डीएम से लगाई गुहार

Tricity Today | स्वर्गीय राजेश पायलट की अगुवाई में निर्मित अस्पताल खंडहर बना

गौतमबुद्ध नगर के बिसरख विकास खंड के सादुल्लापुर गांव के पूर्व प्रधान पप्पू नागर ने जिलाधिकारी सुहाई एलवाई (DM Suhas LY IAS) को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा है। कोरोना के इस कालखंड में जब अस्पतालों और इलाज के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं, इस इलाके के वैदपुरा में स्थित एक बड़ा अस्पताल खंडहर हो चुका है। अगर इस हॉस्पिटल को ठीक कराया जाए, तो यहां ग्रामीणों का इलाज किया जा सकता है। उन्हें उपचार के लिए दर-दर भटकना नहीं होगा। घर के पास ही अस्पताल और इलाज मुहैया कराया जा सकेगा। साथ ही उन्होंने प्रशासन का ध्यान भू-माफियाओं की तरफ आकर्षित कराया है। इस अस्पताल और स्टॉफ क्वार्टर के लिए जमीन तीन गांवों के लोगों ने दान की थी। लेकिन अब यह अस्पताल गाजियाबाद की एक सोसाइटी के हवाले बताया जा रहा है। इसकी भी जांच कर तुरंत इसे गौतमबुद्ध नगर प्रशासन के अधीन किया जाए।

स्वर्गीय राजेश पायलट के आह्वान पर दान दी थी जमीन
पूर्व प्रधान ने लिखा है, “90 के दशक में गांव वैदपुरा, सादुल्लापुर और मिलक लच्छी गांव की चकबंदी के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वैदपुरा के मूल निवासी स्वर्गीय राजेश पायलट के अनुरोध और आश्वासन पर उक्त तीनों गांवों की 5% जमीन ग्रामीणों ने अस्पताल के लिए दान में दी थी। यह जमीन 12650 वर्ग मीटर है। यहां राजेश पायलट चैरिटेबल हॉस्पिटल के नाम से अस्पताल बनाया गया। इस अस्पताल के सामने ही सादुल्लापुर ग्रामसभा ने अपनी 7080 वर्ग मीटर जमीन अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ के आवास के लिए दान में दी थी। इन दोनों ही जमीनों पर बिल्डिंग खड़ी कर दी गई और राजेश पायलट ने 1996-97 में इसका उद्घाटन भी कर दिया।”

भू-माफिया ने जमाया कब्जा
पप्पू नागर ने डीएम सुहास एलवाई को एक महत्वपूर्ण पक्ष से परिचित कराया है। उन्होंने लिखा है, “राजेश पायलट के निधन के बाद इस अस्पताल की दुर्दशा शुरू हो गई। यहां इस समय स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। यहां महीने के केवल तीसरे शनिवार डॉ नरेंद्र कसाना एक घंटे के लिए आते हैं। डॉ नरेंद्र कसाना स्वर्गीय राजेश पायलट के भांजे हैं। इनके अलावा अन्य कोई डॉक्टर यहां नहीं आता है। यहां झाड़ियां खड़ी हो गई हैं। इस समय यहां 12650 वर्ग मीटर जमीन रेड क्रॉस सोसायटी गाजियाबाद के नाम दर्शा रही है। जबकि यह जमीन ग्रामीणों ने क्षेत्र में स्वास्थ सुविधाओं के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री को दान में दी थी। यहां चिकित्सा के तमाम संसाधन होने के बावजूद डॉक्टर नहीं है। इसको ट्रस्ट बना दिया गया है। यह जमीन देने वाले ग्रामीणों के साथ एक तरह से धोखा है।”

शुरू होने से हजारों ग्रामीणों को मिलेगा लाभ
इस अस्पताल के शुरू होने से कई गांवों के हजारों लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा है, “कोरोना महामारी काल में अगर यहां स्वास्थ्य सुविधाएं होती, तो क्षेत्र के हजारों लोगों को इसका लाभ मिलता। ऐसी आपदा के समय भी डॉक्टर नहीं आ रहे हैं तो कब आएंगे। सादुल्लापुर, सैनी, सुनपुरा, रोजा-जलालपुर आदि गांवों में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के कारण मौतें हो रही हैं। यह अस्पताल सक्रिय होता तो बड़ी संख्या में जानें बचाई जा सकती थीं। ऐसी दशा में आप से अनुरोध है कि इस प्रकरण की जांच करा कर अस्पताल को अपने अधीन कर लिया जाए और यहां सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं शुरू कराई जाएं। इस कार्य में तीनों गांवों के लोग हर संभव सहयोग करेंगे। इससे क्षेत्र की जनता आपकी सदा आभारी रहेगी।”

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