ओमिक्रोन को लेकर गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में कितनी व्यवस्था, जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह से खास बातचीत

Exclusive Interview : ओमिक्रोन को लेकर गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में कितनी व्यवस्था, जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह से खास बातचीत

ओमिक्रोन को लेकर गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में कितनी व्यवस्था, जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह से खास बातचीत

Tricity Today | जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह से खास बातचीत

Greater Noida News : कोरोना की तीसरी लहर ओमिक्रोन ने भारत में दस्तक दे दी है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस भी काफी ज्यादा सतर्क हो गई है। गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार में कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए सावधानी बरती जा रही है और बाहर आ रहे कैदियों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जा रही हैं।

देश में ओमिक्रोन के 23 मामले
देश ने हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर की मार को झेल लिया है। अब कोरोना से और भी ज्यादा खतरनाक ओमिक्रोन वायरस ने भारत मे दस्तक दे दी है। सरकारी आकड़ों के मुताबिक फिलहाल पूरे देश में 23 ओमिक्रोन के एक्टिव केस है। अगर बात करे गौतमबुद्ध नगर की तो अभी तक जिला गौतमबुद्ध नगर में एक भी ओमिक्रोन का एक्टिव केस नही आया है। 

जेल अधीक्षक से खास बातचीत
आज हमारी टीम ने जिला कारागार गौतमबुद्ध नगर का दौरा किया और जेल में ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर किस तरह की टेस्टिंग की जा रही है और क्या सावधानी बरती जा रही है। इसको लेकर जेल अधीक्षक से बातचीत की। जिला कारागार में गौतमबुद्ध नगर के साथ-साथ अन्य जनपदों के कैदी भी इस जेल में मौजूद है। फिलहाल अभी जिला कारागार में 3,031 कैदी मौजूद है। जिनमे से लगभग सभी कैदियों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जा चुकी हैं। कई कैदियों को वैक्सीन भी लगाई जा चुकी हैं।जिला कारागार में आने वाले नए कैदियों की आरटीपीसीआर के माध्यम से टेस्टिंग की जा रही है।

सभी की हो रही आरटीपीसीआर टेस्टिंग
गौतमबुद्ध नगर जिला कारागार अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने हमारे संवादाता ऋषभ खारी से बात करते हुए बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए हर तरीके की सावधानी अपनाई जा रही हैं। जो हमारे पास नए बन्दी आते हैं, उनको हम पहले अस्थाई कारागार में रखते हैं। जहां पर 3 से 4 दिन में उनकी आरटीपीसीआर के माध्यम से टेस्टिंग करते है। टेस्ट कराने के बाद उन सभी कैदियों को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन बैरक में रखा जाता है। 14 दिन के बाद उन सभी कैदियों को स्थाई बैरक में भेज दिया जाता है। 

204 कैदियों के लिए क्वारंटाइन बैरक मौजूद
उन्होंने बताया कि जेल में मौजूद लगभग सभी कैदियों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग हो चुकी है। आज मंगलवार को लगभग 80 कैदियों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग की गई और लगभग हर 3-4 दिन में 100 के करीब कैदियों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जाती है। जिला कारागार में बात करें तो क्वॉरेंटाइन बैरक की तो अभी फिलहाल 204 कैदियों के लिए क्वारंटाइन बैरक हमारे पास मौजूद है। अगर ज़रूरत पड़ी तो इस क्षमता को और भी बढ़ाई जा सकती है। 

जेल में "2 गज दूरी मास्क है जरूरी" के नियम लागू
अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि अभी तक जितनी भी टेस्टिंग की गई हैं। उनमें से एक भी बंदी जिला कारागार में पॉजिटिव नहीं पाया गया है। जेल में "2 गज दूरी मास्क है जरूरी" के नियम का सही तरीके से पालन हो रहा है। इसके साथ ही जेल में मौजूद सभी कैदियों को मास्क दिए गए हैं और प्रतिदिन जेल का सैनिटाइजेशन भी कराया जाता है। कैदियों से मिलने आए उनके परिजनों के पास 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव देखकर ही एंट्री दी जाती है।

जेल प्रशासन अलर्ट
अधीक्षक ने बताया कि अगर आने वाले समय में हालात ऐसे आते हैं, जहां पर ओमिक्रोन के नए वैरिएंट की स्थिति खराब होती है तो बिना आरटीपीसीआर टेस्टिंग के कैदियों को क्वॉरेंटाइन बैरक से बाहर नहीं भेजा जाएगा और यदि कोई कैदी टेस्टिंग में पॉजिटिव पाया जाता है तो उसको क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। इसके अलावा जेल में मौजूद एल-1 हॉस्पिटल में भी पॉजिटिव पाए जाने वाले कैदियों के लिए बनाया जा रहा है। जेल में हर वो औषदि उपलब्ध है जो कोरोना के मरीज के लिए जरूरी होती है। इसके अलावा जेल में दो डॉक्टर भी हर समय उपलब्ध रहते हैं।

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