ग्रेटर नोएडा की रहने वाली हैं, एमएलसी नरेंद्र भाटी ने चंद घण्टों में करवाया था ट्रांसफर

आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल बांदा की डीएम बनीं : ग्रेटर नोएडा की रहने वाली हैं, एमएलसी नरेंद्र भाटी ने चंद घण्टों में करवाया था ट्रांसफर

ग्रेटर नोएडा की रहने वाली हैं, एमएलसी नरेंद्र भाटी ने चंद घण्टों में करवाया था ट्रांसफर

Google Image | आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल

Noida/Lucknow : उत्तर प्रदेश कैडर में साल 2010 बैच की आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल पिछले साल सेंट्रल डेपुटेशन से लौटकर वापस आ गई हैं। फिलहाल वह चिकित्सा शिक्षा विभाग में विशेष सचिव थीं। शनिवार को उन्हें बांदा जिले का डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। आपको बता दें कि दुर्गा शक्ति नागपाल गौतमबुद्ध नगर में साल 2012-13 में बतौर एसडीएम तैनात थीं। उस दौरान खनन माफिया को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ था। जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले दुर्गा शक्ति नागपाल का तबादला किया और फिर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। दुर्गा शक्ति नागपाल का तबादला भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी नरेंद्र भाटी के कहने पर चंद घंटों में किया गया था। उस वक्त नरेंद्र भाटी समाजवादी पार्टी के एमएलसी थे। यह पूरा प्रकरण राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में छा गया था।

ग्रेटर नोएडा में रहकर पढ़ी हैं दुर्गा शक्ति नागपाल
दुर्गा शक्ति नागपाल मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं, लेकिन उनका परिवार ग्रेटर नोएडा की एडब्ल्यूएचओ हाउसिंग सोसायटी में आकर रहने लगा था। दुर्गा शक्ति नागपाल की पढ़ाई ग्रेटर नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल में हुई थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक किया था। इसके बाद वर्ष 2010 में यूपीएससी एग्जाम पास करके आईएएस बन गई थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। प्रशिक्षण काल में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौतमबुद्ध नगर में तैनाती दी गई। एसडीएम सदर रहते हुए दुर्गा शक्ति नागपाल ने कादलपुर गांव में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। जिसमें एक धर्म स्थल की दीवार को गिरा दिया था। इसी दौरान वह गौतमबुद्ध नगर में खनन माफिया के खिलाफ लगातार कार्यवाही कर रही थीं। धर्म स्थल की दीवार को बहाना बनाकर दुर्गा शक्ति नागपाल का गौतमबुद्ध नगर से तबादला करवाया गया। बाद में इसी आधार पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें निलंबित किया था।

राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में छा गया था मामला
उस वक्त यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में छा गया था। आईएएस एसोसिएशन ने भी दखल दिया था। तत्कालीन केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री की कार्रवाई को गलत ठहराया। दुर्गा शक्ति नागपाल को 28 जुलाई 2013 को निलंबित किया गया और 26 सितंबर 2013 को बहाल किया गया। करीब एक साल यूपी में नौकरी करने के बाद उन्होंने सेंट्रल डेपुटेशन के लिए आवेदन किया। वह 14 जनवरी 2015 से 24 मार्च 2021 तक केंद्र सरकार में अलग-अलग पदों पर काम करती रहीं। करीब एक साल पहले 24 मार्च 2021 को दुर्गा शक्ति नागपाल ने सेंट्रल डेपुटेशन से यूपी कैडर में वापसी की है। उन्हें राज्य सरकार ने 13 अप्रैल 2021 को चिकित्सा शिक्षा विभाग में बतौर विशेष सचिव नियुक्ति दी थी।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.