Greater Noida/Noida News : शनिवार को आईआईए नोएडा की पॉल्यूशन डिपार्टमेंट और फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में उद्यमियों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में पोलूशन डिपार्टमेंट के अधिकारी और फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान आईआईए चैयरमेन ने शहर के उद्यमियों की परेशानियों को अधिकारियों से साझा किया। इस समय नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सैकड़ों उद्यमी हैं। यह फायर डिपार्टमेंट और पोलूशन डिपार्टमेंट से एनओसी की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग उनकी परेशानियों को और उनकी मांगों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है।
जिले में इंडस्ट्रियल को जोन में बांटा
बैठक में पोलूशन कमीशन की तरफ से परवीन मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि एनसीआर में इंडस्ट्री को वाइट जोन, ग्रीन जोन, ऑरेंज जोन और रेड जोन में डिवाइड किया गया है। उन्होंने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के काफी उद्यमियों ने मित्रा वेबसाइट पर पोलूशन किया सर्टिफिकेट लेने के लिए अप्लाई नहीं किया है।
"उद्यमियों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं देता"
इस पर आईआईए के चेयरमैन विशारद गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के उद्यमियों ने अप्लाई किया हुआ है, लेकिन हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना काल के बाद उद्यमियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अब डीजल जनरेटर को पीएनजी जनरटर में
तब्दील करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन इसके लिए उद्यमियों को कई लाख रुपए खर्च करने होंगे। इस बात को सरकार भली-भांति जानती है, उसके बावजूद भी उद्यमियों को कोई मदद नहीं दी जाती है। यह सोचने वाला विषय है कि आखिरकार एकदम उद्यमी कैसे बदलाव कर सकता है।
फायर अधिकारी ने कहा- प्लांट में पानी के बड़े-बड़े टैंकर होने चाहिए
फायर डिपार्टमेंट की तरफ से जितेंद्र कुमार सीएफओ ग्रेटर नोएडा बैठक में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग लगाने से पहले इस बात का ध्यान देना चाहिए कि अगर कोई आपदा आ जाए तो उसका किस तरीके से निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अपना उद्योग लगाने से पहले किसी भी उद्यमी को अपने प्लांट में फायर उपकरण की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्लांट के भीतर पानी के बड़े-बड़े टैंकर होने चाहिए। जिससे आपदा आने पर या आग लग जाने पर हादसे पर काबू पाया जा सके।
फायर डिपार्टमेंट नहीं देता आसानी से एनओसी
इस पर आईआईए के पदाधिकारियों ने बताया कि उद्यमी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। फायर डिपार्टमेंट की तरफ से आसानी से एनओसी नहीं दी जाती है। जब सा डिपार्टमेंट के अधिकारी प्लांट में फायर उपकरणों को देखने आते है तो कोई ना कोई कमी बताते चले जाते हैं। कभी वॉटर टैंक में कमी बताते हैं तो कभी कोई और सी कमी बताकर चले जाते हैं। सबसे अधिक वाटर टैंक और पाइप की समस्या खड़ी होती है। फायर डिपार्टमेंट की तरफ से वॉटर टैंक ज्यादा छोटा या पाइप लाइन में कमी बताकर आसानी से एनओसी नहीं देते हैं। उसके लिए फायर डिपार्टमेंट को उद्यमियों की मदद करनी चाहिए।
उद्यमियों ने पफायर डिपार्टमेंट को दिए ये बड़े सुझाव
चैयरमेन विशारद गौतम ने बताया कि जब किसी कंपनी में आग लगती है तो कंपनी के भीतर से कोई मदद नहीं मिल पाती है। आईआईए के पदाधिकारियों ने बताया कि औद्योगिक इलाके में कंपनी के बाहर किसी पार्क के नीचे वाटर टैंक बनाया जाए। जिससे आपातकालीन समय में बाहरी वाटर टैंक का इस्तेमाल किया जा सके। इस पर वाइस चेयरमैन जैद रहमान ने बताया कि आईआईए ग्रेटर नोएडा इसको लेकर प्राधिकरण से बातचीत करेगा और कंपनियों के बाहर एक बड़ा वाटर टैंक लगाने की मांग की जाएगी। जैसे कहीं पर आग लग जाए तो उस वाटर टैंक के माध्यम से आप पर काबू पाया जा सके।
सरकार से की सब्सिडी की मांग
बैठक के दौरान उद्यमियों ने कहा कि हमारी मांग को ध्यानपूर्वक सुना जाए और हमारी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए। उद्यमियों का कहना है कि सही समय पर एनओसी नहीं मिलने के कारण उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार को उद्यमियों की समस्या पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा डीजल जनरेटर को पीएनजी जनरेटर में तब्दील करने के लिए लाखों रुपए खर्च होते हैं। उद्यमियों की मांग है कि सरकार डीजल जनरेटर को पीएनजी जनरेटर में कन्वर्ट करने के लिए सब्सिडी दे।
यह अधिकारी और उद्यमी मौजूद रहे
इस मौके पर पोलूशन डिपार्टमेंट से राजेश और भुवन प्रकाश मौजूद रहे। फायर डिपार्टमेंट से जितेंद्र कुमार मौजूद रहे। आईआईए से चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के अलावा सचिव अमित शर्मा, कोषाध्यक्ष राकेश बंसल, वाइस चेयरमैन जीएस राणा औरशूरवजीत सिंह समेत नोएडा और ग्रेटर नोएडा के काफी उद्यमी मौजूद है।