ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में भर्ती घोटाले की जांच होगी, देखिए एसीईओ अमनदीप दुली का क्या कहा, VIDEO

ट्राईसिटी टुडे की खबर का असर : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में भर्ती घोटाले की जांच होगी, देखिए एसीईओ अमनदीप दुली का क्या कहा, VIDEO

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में भर्ती घोटाले की जांच होगी, देखिए एसीईओ अमनदीप दुली का क्या कहा, VIDEO

Tricity Today | एसीईओ अमनदीप दुली

Greater Noida Authority : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में हुए भर्ती घोटाले की जांच होगी। मंगलवार को अथॉरिटी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप दुली यह बात कही है। आपको बता दें कि आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल 'ट्राईसिटी टुडे' ने इस मामले का खुलासा किया था। बताया कि किस तरह प्राधिकरण में तैनात अफसरों, कर्मचारियों और जिले में कुछ नेताओं के रिश्तेदार, घनिष्ठ और सगे-संबंधी इन नौकरियों में भर्ती किए गए हैं। अब अमनदीप दुली का कहना है, "मामले की जांच करवाएंगे। अगर किसी भी वजह से गलत ढंग से लाभ उठाया गया है तो एक्शन होगा।" खास बात यह है कि इस मुद्दे पर 2 दिन पहले अमनदीप दुली ने कहा था, "यह इंसीडेंट में एक्सीडेंट है। इत्तेफाक हो सकता है।" जब उन्हें बताया गया कि खुद उनके दफ्तर में कार्यरत एक चपरासी के दो सगे बेटे नौकरी पा गए हैं। प्राधिकरण में दो और ऐसे अफसर हैं, जिनके परिवार में दो-दो लोगों को नौकरियां दी गई हैं। अब उन्होंने जांच और कार्रवाई का फैसला लिया है। आपको यह भी बता दें कि इन सारी भर्तियों की फाइनल अथॉरिटी अमनदीप दुली ही हैं। एसीईओ ने कहा- प्रोसीजर में कोई कमी नहीं
अमनदीप दुली का कहना है, "भर्ती करने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है, उसमें कोई कमी नहीं है। यह बात सामने आई है कि प्राधिकरण में पहले से कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के सगे-संबंधी और रिश्तेदार भर्ती हो गए हैं। यह जरूर देखने वाली बात है कि इन लोगों को फायदा कैसे मिला है? कई स्तर से यह शिकायत मिल रही है। अगर गड़बड़ी पाई जाएगी तो निविदा समाप्त की जाएगी। दोबारा नए सिरे से नए लोगों को भर्ती किया जाएगा।" कुल मिलाकर प्लेसमेंट और निविदा के माध्यम से नौकरी पर रखे गए करीब 70 लोगों की भर्तियों पर सवालिया निशान हैं। यह सभी सूचनाओं की चोरी, सिफारिश और रिश्तेदारी के आधार पर भर्ती किए गए हैं।

पूरे मामले को अमनदीप ने बताया था इत्तेफाक
आपको बता दें कि 3 दिनों पहले "ट्राईसिटी टुडे" ने एक खबर प्रकाशित की थी। जिसमें कर्मचारियों की जेम पोर्टल के माध्यम से नियुक्ति को लेकर घोटाले का खुलासा किया था। बड़ा सवाल था कि इन कर्मचारियों में 90% जिले के नेताओं और प्राधिकरण में काम करने वाले अफसरों के सगे-संबंधी और रिश्तेदार हैं। कई ऐसे अफसर हैं, जिनके परिवार में दो-दो या तीन-तीन सगे भाई-बहनों को नौकरियां दी गई हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या जिले के नेताओं और अफसरों के परिवारों में ही काबिल युवक और युवतियां मिलते हैं? इस मसले पर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मानव संसाधन विभाग के मुखिया और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप दुली का कहना है, "यह इंसीडेंट में एक्सीडेंट है। इसे इत्तेफाक भी कह सकते हैं।"

प्राधिकरण के मलाईदार महकमे में होती हैं इनकी नियुक्तियां
इस पूरे गड़बड़झाले में एक और खास बात है। जेम पोर्टल के जरिए जिन 35 कर्मचारियों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में नियुक्त किया गया है, वह सभी मलाईदार महकमे में भेजे गए हैं। यह लोग 6% आबादी, लैंड, प्लानिंग, प्रॉपर्टी और इंडस्ट्री डिपार्टमेंट में नियुक्त किए गए हैं। इनमें से किसी को भी अतिक्रमण विरोधी, हेल्थ डिपार्टमेंट या नगरीय सेवाओं से जुड़े महकमों में नहीं भेजा गया है। दरअसल, मलाईदार महकमों में वसूली करने के लिए निविदा पर नियुक्त कर्मचारियों का खुलकर इस्तेमाल होता है। अगर कहीं कोई मामला पकड़ में आता है तो ऐसे कर्मचारियों को नौकरी से निकालना कोई बड़ी समस्या नहीं है। पिछले दिनों 6% आबादी भूखंडों के आवंटन से जुड़े मामले में दो कर्मचारियों को इसी तरह बर्खास्त किया गया है। कुल मिलाकर प्राधिकरण में ऊपर से लेकर नीचे तक तमाम अफसर और कर्मचारी नेक्सस बनाकर काम कर रहे हैं।

प्लेसमेंट के जरिए भी रिश्तेदारों को ही मिली नौकरी
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण कॉन्ट्रैक्ट के अलावा प्लेसमेंट के जरिए नियुक्ति करता है। प्लेसमेंट पर नियुक्ति करने के लिए कुछ एजेंसियों का सहारा लिया जाता है। इस माध्यम से हुई नियुक्तियों में भी नेताओं और अफसरों के घनिष्ठ नियुक्त किए गए हैं। प्लेसमेंट के जरिए भी प्राधिकरण ने 35 नियुक्तियां की हैं। खास बात यह है कि प्लेसमेंट पर नियुक्ति करने के लिए प्राधिकरण को राज्य सरकार से अनुमति लेनी जरूरी है। दरअसल, अब राज्य के सभी विकास प्राधिकरण में कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति और स्थानांतरण की केंद्रीयकृत नीति लागू कर दी गई है। इन नियुक्तियों में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। जिनकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से की गई है।

एसीईओ ने कहा था- यह तो इंसिडेंट में हुआ एक्सीडेंट
इन नियुक्तियों पर प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमनदीप दुली से बात हुई। अमनदीप दुली ही मानव संसाधन विभाग के एचओडी हैं। उन्होंने कहा था, "हम जेम पोर्टल के माध्यम से नियुक्ति करते हैं। यह इंसीडेंट में एक्सीडेंट हो सकता है। जेम पोर्टल पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे जाते हैं। यह हो सकता है कि इत्तेफाक से इन्हीं लोगों को इस बारे में जानकारी मिली होगी। बाकी लोगों को जानकारी नहीं हो पाई होगी। इस वजह से इन लोगों की नियुक्ति हो गईं। वैसे भी हम लोग पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर नियुक्ति करते हैं।" 

 

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