Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के जेवर (Jewar) में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Aipport) के मास्टर प्लान में व्यापक बदलाव की तैयारी चल रही है। इससे एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी और डिजाइन को नई दिशा मिलेगी। इस प्रस्तावित संशोधन के तहत एयरपोर्ट के प्रत्येक रनवे के बीच की दूरी को 1.6 किलोमीटर से बढ़ाकर 2.4 किलोमीटर करने का निर्णय लिया गया है, जिससे कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाया जा सके।
दोनों रनवे के बीच कितनी दूरी
ज्यूरिख ने इस संशोधित मास्टर प्लान का प्रस्ताव शासन को भेजा है। प्रस्ताव में बताया गया है कि मौजूदा मास्टर प्लान के तहत दो रनवे के बीच की दूरी 1600 मीटर है, जबकि यह दूरी पर्याप्त नहीं मानी जा रही है। बीजिंग और इस्तांबुल एयरपोर्ट के उदाहरण का हवाला देते हुए ज्यूरिख ने इसे 2400 मीटर करने का सुझाव दिया है। इससे एयरपोर्ट पर यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।
दिसंबर 2024 में उड़ने लगेंगे हवाई जहाज
एयरपोर्ट के निर्माण का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में चल रहा है। इसमें दो रनवे और दो टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर 2024 में विमानों की उड़ान शुरू होने की संभावना है, क्योंकि एक रनवे और एक टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। वर्ष 2025 में दूसरे रनवे के निर्माण की योजना भी बनाई गई है।
क्यों लिया इतना बड़ा फैसला
भूमिगत कनेक्टिविटी को लेकर भी महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। टर्मिनल बिल्डिंग के नीचे एक भूमिगत ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) का निर्माण किया जाएगा। जिसमें सड़क, रेल, रैपिड रेल और भविष्य में बुलट ट्रेन जैसी सुविधाओं की सीधी कनेक्टिविटी होगी। मौजूदा मास्टर प्लान में इन कनेक्टिविटी के लिए आवश्यक दूरी और डिजाइन का ध्यान नहीं रखा गया था, इसलिए इसे सुधारने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है।
कितने हेक्टेयर में बनेगा नोएडा एयरपोर्ट
एयरपोर्ट के निर्माण को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 1334 हेक्टेयर और दूसरे में 1365 हेक्टेयर जमीन पर विकास होगा। तीसरे और चौथे चरण में 2082 हेक्टेयर के अतिरिक्त 1100 हेक्टेयर ज्यादा जमीन जोड़ने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, जिसमें कुछ जमीन सिंचाई विभाग की भी शामिल है। इस प्रस्ताव पर शासन स्तर पर कैबिनेट से निर्णय लिया जाना है। कुल मिलाकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 7 हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।